नई दिल्ली:-भ्रष्टाचार के मामले में इस्तीफा दे चुके दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की जगह केजरीवाल कैबिनेट मे दो नाम तय हो चुके हैं। दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने आतिशी मारलेना और सौरभ भारद्वाज का नाम LG के पास मंजूरी के लिए भेजा है। फिलहाल सिसोदिया और जैन के विभाग की जिम्मेदारी कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद के पास है।
दरअसल, भ्रष्टाचार मामले में रविवार को मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई थी। सोमवार को स्पेशल कोर्ट ने उन्हें CBI की रिमांड पर भेज दिया। इसके बाद सिसोदिया मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। इसके कुछ देर बाद ही उनका इस्तीफा आ गया।
18 विभाग संभाल रहे थे सिसोदिया, इनमें जैन के 7 मंत्रालय भी शामिल
सिसोदिया को शराब नीति केस में CBI ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था, वहीं सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले साल 30 मई से तिहाड़ जेल में बंद हैं। सिसोदिया केजरीवाल सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री थे। उनके पास कुल 33 में से 18 विभाग थे। वहीं जैन के पास स्वास्थ्य, उद्योग समेत 7 मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी। इन्हें बाद में सिसोदिया को सौंप दिया गया था।
इस्तीफे में सिसोदिया ने लिखा- ये आरोप कायर लोगों की साजिश हैं
वहीं, सिसोदिया का रेजिगनेशन लेटर भी सामने आ गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा,‘ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि 8 साल ईमानदारी और सच्चाई से काम करने के बावजूद मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। मैं और मेरा ईश्वर जानता है कि मैं बेगुनाह हूं। ये आरोप और कुछ नहीं बल्कि कायर और कमजोर लोगों की साजिश है जो अरविंद केजरीवाल की सच्चाई की राजनीति से डरे हुए हैं।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘इन लोगों का टारगेट मैं नहीं, आप हैं। क्योंकि आज न सिर्फ दिल्ली, बल्कि देशभर के लोग आपको ऐसे नेता के रूप में देख रहे हैं जिसके पास देश के लिए विजन है और जो लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने की क्षमता रखता है।
ED का दावा- 4000 फर्जी ईमेल के आधार पर ड्राफ्ट हुई थी नई एक्साइज पॉलिसी
वहीं, शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नया दावा किया है। CBI से इतर इस मामले की जांच कर रही ED का आरोप है कि आप सरकार ने शराब पॉलिसी पर लोगों की राय मांगी थी, लेकिन लोगों की राय, आपत्तियों और परेशानियों को सरकार ने नीति में शामिल नहीं किया। बल्कि शराब कंपनियों ने PR कंपनियों से 4000 फर्जी ईमेल करवाए। इन्हीं को आधार बनाकर नई पॉलिसी ड्राफ्ट की गई। चार पॉइंट में पढ़िए पूरा मामला…
1. सिसोदिया ने दानिक्स अधिकारी को स्पेशल तरीके से पॉलिसी बनाने को कहा: ED के मुताबिक, दानिक्स (दिल्ली और अंडमान निकोबार द्वीप समूह सिविल सर्विस) अधिकारी सी. अरविंद ने जांच एजेंसी को बताया था कि सिसोदिया ने उन्हें ‘स्पेशल तरीके’ से उत्पाद शुल्क नीति का कॉन्ट्रैक्ट तैयार करने को कहा था।
2. बिना आधिकारिक चर्चा के प्रॉफिट मार्जिन 12% तय किया गया: अचानक मार्च 2021 में सी. अरविंद ने मनीष सिसोदिया को केजरीवाल के घर बुलाया। वहां सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। यहां पर मनीष ने सी. अरविंद को एक डॉक्यूमेंट दिया, जिसमें होलसेल मार्जिन लिखा था। बिना किसी आधिकारिक बैठक के शराब नीति में होलसेल प्रॉफिट 12% तय कर दिया गया। सी. अरविंद को इस डॉक्यूमेंट के आधार पर ही पॉलिसी तैयार करने को कहा गया।
3. ISWAI ने PR कंपनियों को हायर करके फर्जीवाड़ा किया: ED का दावा है कि एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट नई नीति के पक्ष में नहीं थी, इसलिए इंटनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन असोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) ने कई PR एजेंसियों को हायर किया और उनसे 4000 मेल भिजवाए।
4. दो कंपनियों ने 3000 नए ईमेल आईडी बनाए और 1000 यहां-वहां से जुटाए: दो पीआर एजेंसियों ने 3000 नई ईमेल आईडी बनाईं और 1000 ईमेल आईडी कई सोर्स से जुटाईं। इसके बाद इन ईमेल आईडी से दिल्ली सरकार को 4000 मेल भेजे गए। चार्जशीट के मुताबिक, ISWAI के बिनॉय बाबू इस साजिश का हिस्सा थे।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका, कहा- पहले हाईकोर्ट जाइए
शराब नीति केस में CBI रिमांड पर चल रहे दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। न्यूज एजेंसी के मुताबिक CJI की बेंच ने उन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट आने पर फटकार लगाई और कहा कि आप हाईकोर्ट जाइए, सीधे हमारे यहां आने का क्या मतलब है। हम एक गलत परंपरा को बढ़ावा नहीं दे सकते।
सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार सुबह फौरन सुनवाई के लिए याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। शाम 4 बजे CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने मामले की सुनवाई की।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले साल मई से जेल में हैं सत्येन्द्र जैन
दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर रहे सत्येंद्र जैन को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन, उनकी पत्नी पूनम और अन्य पर मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि जैन ने कथित तौर पर दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई या खरीदी थीं।
उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटर्स से 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपए का काला धन भी ट्रांसफर किया है। ED ने जैन परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी।
तिहाड़ जेल में कैद सत्येंद्र जैन कभी मसाज तो कभी मीटिंग की फोटो को लेकर चर्चा में रहे
सत्येंद्र जैन तिहाड़ में VIP ट्रीटमेंट को लेकर भी सुर्खियों में रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ED ने पिछले साल कोर्ट में एक हलफनामा और कुछ तस्वीरें देकर इसकी शिकायत की थी। ED ने कहा था कि सत्येंद्र जैन को तिहाड़ जेल में कई तरह की सुविधाएं मिल रही हैं। जेल के CCTV फुटेज में उन्हें बैक और फुट मसाज कराते देखा गया है।