बाहुबली धनंजय सिंह की हाईकोर्ट से जमानत मंजूर:जौनपुर से बरेली जेल शिफ्ट कर रहे थे,रास्ते में ही मिल गई जमानत

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जौनपुर:-जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मंजूर हो गई है। शनिवार को यह फैसला तब आया जब जौनपुर से पुलिस-प्रशासन उसे एंबुलेंस में लेकर बरेली जेल शिफ्ट करने के लिए निकल चुका था। धनंजय रास्ते में ही थे, तभी उनकी जमानत की खबर आ गई।

हालांकि, हाईकोर्ट ने धनंजय सिंह की 7 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। ऐसे में वह खुद चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। जौनपुर MP-MLA कोर्ट ने धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुनाई थी। फैसले के खिलाफ धनंजय ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल करते हुए सजा पर रोक लगाने और जमानत की मांग की थी।

हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। 25 अप्रैल को कोर्ट ने इस मामले में बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बहस के दौरान पूर्व सांसद के वकील ने कोर्ट से कहा था कि धनंजय सिंह को राजनीतिक साजिश का शिकार बनाया गया है।

पुलिस वैन नहीं, एंबुलेंस में ले जाया गया
शनिवार सुबह अचानक धनंजय की जेल बदलने की खबर सामने आई। सुबह 7 बजे उन्हें जौनपुर से हाई सिक्योरिटी बरेली जेल लेकर प्रशासन रवाना हुआ। एंबुलेंस में बैठते धनंजय सिंह का वीडियो सामने आया। इसमें कुछ लोग उनसे पूछ रहे हैं कि कुछ कहना है? वह कोई जवाब नहीं देते हैं।

धनंजय को इंजीनियर अभिनव सिंघल के अपहरण-रंगदारी मामले में MP-MLA कोर्ट ने 6 मार्च को 7 साल की सजा सुनाई थी। तब से यानी 53 दिन से वह जौनपुर जेल में बंद था। धनंजय की पत्नी श्रीकला को बसपा ने जौनपुर से टिकट दिया। भाजपा ने यहां से महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह को उतारा है। कृपाशंकर सिंह ने 2021 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वॉइन की थी। जौनपुर में 29 अप्रैल से 6 मई तक नामांकन होना है।

जेल प्रशासन ने धनजंय की शिफ्टिंग की वजह नहीं बताई। इसकी 2 वजह दिख रही है…
1- सुरक्षा कारण: कई बार जेल प्रशासन को हमले की आशंका होती है तब कैदी को दूसरी जेल में शिफ्ट किया जाता है। लेकिन यहां इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई। न ही ऐसा कोई इनपुट मिला। ऐसे में सुरक्षा कारणों से शिफ्ट किया हो ऐसा नहीं लग रहा।

2- चुनाव को प्रभावित करना: धनंजय की पत्नी श्रीकला रेड्‌डी बसपा से जौनपुर सीट से प्रत्याशी हैं। धनंजय का जौनपुर क्षेत्र में प्रभाव है। जेल में रहते वह चुनाव को प्रभावित कर सकता है। शिफ्टिंग की यह वजह हो सकती है।

यह भाजपा की हड़बड़ी दिख रही: धनंजय के मीडिया प्रभारी
धनंजय सिंह के मीडिया प्रभारी अशोक सिंह ने कहा- सुबह 6 बजे जब जेल के गेट पर गाड़ियां लगीं, तब हमें पता चला कि धनंजय सिंह को बरेली शिफ्ट किया जा रहा है। उनको बरेली जेल भेजने की चर्चा पिछले 5 दिनों से चल रही थी। जौनपुर में चुनाव को देखते हुए उनकी जेल बदली गई। इस पूरे मामले में हम सभी हैरान हैं। इसे भाजपा की हड़बड़ी कहा जा सकता है।

सुबह जेल के बाहर पहुंची धनंजय की समर्थक इंदु सिंह ने कहा-हमें पहले ही पता चल गया था कि बीजेपी ऐसा कुछ करने वाली है, इसलिए हम यहां पहुंच गए।

जौनपुर से 540 किमी दूर है बरेली
बरेली जेल यूपी की हाई सिक्योरिटी जेल है। जौनपुर से इसकी दूरी करीब 540 किमी. है। सड़क मार्ग से 8 से 10 घंटे लगते हैं। माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को भी बरेली जेल में रखा गया था।

27 साल की उम्र में पहली बार धनंजय सिंह विधायक बने
धनंजय सिंह 27 साल की उम्र में जौनपुर की रारी विधानसभा सीट से पहला चुनाव लड़ा और जीता था। 2007 भी में इसी सीट से जेडीयू के टिकट पर जीते। 2009 में बसपा के टिकट पर सांसद भी बने। वे अब तक 2 बार विधायक और सांसद रहे हैं।

2011 में उन्हें बसपा से निकाला गया। 2012 में धनंजय की पहली पत्नी जागृति को मल्हनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़वाया लेकिन हार गए। धनंजय ने 2017 में निषाद पार्टी के टिकट पर, 2020 में निर्दलीय और 2022 में जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन तीनों बार हार का सामना करना पड़ा।

2014 में धनंजय ने लोकसभा चुनाव निर्दलीय लड़ा लेकिन हार गए। 2019 में वे चुनाव नहीं लड़े। 2024 में चुनाव की पूरी तैयारी थी लेकिन उन्हें 7 साल की जेल हो गई। इससे वे चुनाव लड़ने में अयोग्य हो गए। अब पत्नी को बीएसपी ने टिकट दिया है।

इंजीनियर अभिनव सिंघल अपहरण कांड, 7 साल की सजा
नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में धनंजय सिंह व उनके साथियों के खिलाफ रंगदारी, अपहरण की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इंजीनियर ने कहा था कि धनंजय अपने साथी विक्रम के साथ पिस्टल लेकर आए और जबरन रंगदारी मांगी।

धनंजय सिंह पर 10 मुकदमे पेंडिंग
15 साल की उम्र में पहला मुकदमा धनंजय पर दर्ज किया गया, तब से अब तक धनंजय सिंह पर पहले 43 मुकदमे दर्ज हुए थे, जो अब घटकर 10 रह गए हैं। इनमें से 8 केस जौनपुर जिले में दर्ज हैं। जबकि एक केस दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने और एक केस लखनऊ के विभूति खंड थाने में दर्ज है। कुल 6 मामलों में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। 3 मामलों में ही धनंजय पर आरोप तय हो पाए। एक केस में उन्हें अब तक सजा मिली है, जिसमें वे 6 मार्च से जेल में बंद है।