भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी) के बांसवाड़ा-डूंगरपुर से सांसद राजकुमार रोत ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान आदिवासी समुदाय से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। मुलाकात के बाद सांसद ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर एक फोटो साझा करते हुए दी।
सांसद राजकुमार रोत ने बताया कि यह मुलाकात पार्लियामेंट ऑफिस में करीब तीन मिनट की रही। उन्होंने गृहमंत्री के सामने जाट और सिख रेजिमेंट की तर्ज पर आदिवासी रेजिमेंट शुरू करने की मांग रखी। अमित शाह ने इस पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया।
इसके अलावा, सांसद ने 2020 में डूंगरपुर जिले में नेशनल हाईवे-48 पर हुए कांकरी-डूंगरी दंगों के लंबित मामलों को वापस लेने की भी मांग उठाई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधीन मामलों में राहत मिल चुकी है, लेकिन नेशनल हाईवे से जुड़े केस अब भी केंद्र सरकार के पास पेंडिंग हैं।
‘भील प्रदेश’ की मांग पर जोर
राजकुमार रोत ने मुलाकात के दौरान राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों को मिलाकर एक ‘भील प्रदेश’ बनाने की मांग भी रखी। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने इन सभी मुद्दों पर विचार करने का भरोसा दिलाया और चर्चा सकारात्मक रही।
आदिवासियों के मुद्दे लोकसभा में उठाए
सांसद राजकुमार रोत ने इससे पहले लोकसभा में आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन से जुड़े अधिकारों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में जमीन अधिग्रहण के नाम पर आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है। अतिरिक्त सेना की तैनाती के चलते वहां अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं।
सांसद ने यह भी कहा कि आने वाले समय में यह साबित होगा कि केंद्र सरकार आदिवासी समाज के प्रति कितनी संवेदनशील है।