केजरीवाल के रोड-शो में मारपीट

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मुर्दाबाद के नारे लगे तो AAP वर्कर्स ने लोगों को पीटा; दिल्ली CM ने बीच में भाषण छोड़ा

हिमाचल विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की रैली में हंगामा हो गया। गुरुवार को सोलन में रोड-शो कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने लोग मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। इस पर AAP कार्यकर्ता नारे लगाने वालों से भिड़ गए। दोनों ओर से जमकर लात-घूंसे चले। स्थिति यह बनी कि केजरीवाल को बीच में ही भाषण छोड़कर लौटना पड़ा।

हिमाचल प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। चुनाव अभियान में गुरुवार को पहली बार अरविंद केजरीवाल पहुंचे थे। वे सोलन सीट से उम्मीदवार अंजू राठौर के लिए रोड-शो कर रहे थे, तभी हंगामा हो गया। हिमाचल में 12 नवंबर को वोटिंग होना है।

केजरीवाल सोलन शहर में पुराने DC ऑफिस से खुली गाड़ी में सवार होकर निकले। उनके साथ शिमला संसदीय क्षेत्र की 17 विधानसभा सीटों के पार्टी के उम्मीदवार और कार्यकर्ता थे। खुली गाड़ियों में उनका रोड शो पुराने बस स्टैंड पहुंचा जहां केजरीवाल ने गाड़ी से भाषण शुरू किया।

वे 5 मिनट ही बोले थे कि कुछ लोगों ने केजरीवाल मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। नारे लगाने वालों ने ETT-TET पास अध्यापक एसोसिएशन के पर्चे भी उछाले। इस पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नारे लगाने वालों को पीटते हुए धक्के देना शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों ओर से लात-घूंसे चलने लगे।

माहौल बिगड़ता देखकर पुलिस ने बीच-बचाव करते हुए नारेबाजी करने वालों को रोड-शो से हटा दिया। हालांकि उसी समय केजरीवाल ने यह कहते हुए अपना भाषण बंद कर दिया कि अगर किसी को गुंडागर्दी ही करनी है तो वह भाजपा या कांग्रेस के पास चले जाएं। इसके बाद केजरीवाल रोड शो छोड़कर चले गए।

धरा रह गया तीसरे विकल्प का दावा
पंजाब में जीत के बाद AAP ने हिमाचल में जिस तरह अपनी चुनावी कैंपेन शुरू की थी, उसे देखकर पहाड़ी लोगों को खासी उम्मीद बंधी थी। हालांकि बाद में अरविंद केजरीवाल ने हिमाचल से एक तरह से मुंह मोड़ लिया। केजरीवाल लगभग 4 महीने से हिमाचल आए ही नहीं। अब चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में उनका सोलन में रोड-शो रखा गया था।

अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान कुछ समय से गुजरात में अपनी पार्टी के प्रचार को ज्यादा समय दे रहे हैं। ऐसे में लोग कहने लगे हैं कि हिमाचल में बहुत देर कर दी ‘आप’ ने आते-आते। हिमाचल के मौजूदा राजनीतिक हालात में तीसरा विकल्प बनने का AAP का दावा हवा-हवाई ही लगता है।

एक लाख पदाधिकारियों की टीम बनाने का दावा था
आम आदमी पार्टी ने सोलन के ठोडो ग्राउंड में पहला बड़ा कार्यक्रम 25 जुलाई को किया। उसमें हिमाचल के 8380 पार्टी पंचायत प्रमुखों को शपथ दिलाई गई। उस प्रोग्राम में AAP सुप्रीमो केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी पहुंचना था, मगर खराब मौसम की वजह से ऐन मौके पर दोनों का आना कैंसिल हो गया। उसी प्रोग्राम में AAP के नेताओं ने 15 दिन के अंदर हिमाचल में एक लाख पदाधिकारियों की टीम तैयार करने का दावा किया था, जो अब सिर्फ दावा बनकर ही रह गया।

टिकट नहीं मिले तो साथ छोड़ गए लोग
AAP से जो लोग जुड़े, उनमें अधिकतर BJP, कांग्रेस और दूसरे दलों से आए थे। यह लोग सिर्फ AAP के टिकट की चाह में पार्टी में आए और जब टिकट नहीं मिले तो AAP को बाय-बाय कह दिया। सोलन सदर सीट पर ही कांग्रेस के तीन लोगों ने आम आदमी पार्टी जॉइन की। इनमें से अंजू राठौर को टिकट मिलते ही बाकी दो लोग- विनोद कुमार और पलक राम कश्यप ने AAP छोड़ दी। पलकराम कांग्रेस में लौट चुके हैं। इसी तरह पांवटा से अनिंद्र नौटी, शिमला से गौरव शर्मा जैसे लोग टिकट नहीं मिलने पर केजरीवाल की पार्टी को छोड़ गए।

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