भागवत बोले-कुछ लोग नहीं चाहते भारत में शांति हो:मणिपुर में जो हो रहा,करवाया जा रहा;समाज में अराजकता फैला रहे सांस्कृतिक मार्क्सवादी

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नागपुर:-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते कि भारत में शांति हो। समाज में कलह फैलाने की कोशिश हो रही है। मणिपुर में जो हो रहा, करवाया जा रहा है। सांस्कृतिक मार्क्सवादी समाज में अराजकता फैला रहे हैं।

भागवत नागपुर के संघ मुख्यालय में दशहरा पर आयोजित शस्त्र पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रेशिमबाग मैदान में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में मणिपुर हिंसा, लोकसभा चुनाव, अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन पर भी बात की।

भागवत के स्पीच की 5 बातें सिलसिलेवार पढ़ें…

1. मणिपुर हिंसा हुई नहीं, करवाई गई
RSS चीफ ने दावा किया कि मणिपुर में हो रही हिंसा सोची-समझी साजिश है। उन्होंने कहा- मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय सालों से एक साथ रहते हैं। इनके बीच सांप्रदायिक आग कैसे लगी? क्या हिंसा करने वाले लोगों में सीमा पार के कट्टरपंथी भी थे?

वहां सालों से सबकी सेवा करने में वाले संघ जैसे संगठन को बिना कारण इसमें घसीटा गया। मणिपुर में अशांति और अस्थिरता से विदेशी सत्ताओं को फायदा हो सकता है। देश में मजबूत सरकार के होते हुए भी यह हिंसा किनके बलबूते इतने दिनों से चल रही है? इससे साफ है कि यह हो नहीं रहा है, करवाया जा रहा है।

2. लोकसभा चुनाव में भावनाएं भड़काकर वोट नहीं मांगना चाहिए
भागवत ने कहा- 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। लोगों की भावनाएं भड़काकर वोट मांगने की कोशिश नहीं होनी चाहिए, लेकिन ये फिर भी होता है। ये समाज की एकता को चोट पहुंचाती हैं। वोट डालना हर व्यक्ति का कर्तव्य है। देश की एकता, अखंडता, अस्मिता और विकास जैसे अहम मुद्दों को ध्यान में रखकर अपना वोट डालें।

3. समाज में कलह फैलाने की कोशिश हो रही
सामाजिक अराजकता पर भागवत ने कहा- समाज विरोधी कुछ लोग खुद को सांस्कृतिक मार्क्सवादी कहते हैं, लेकिन उन्होंने मार्क्स को 1920 दशक से भुला रखा है। वे दुनिया की सभी शुभ चीजों, संस्कृति का विरोध करते हैं। वे लोग अराजकता का प्रचार-प्रसार करते हैं।

यह चिंता का विषय है। झगड़े को छोड़कर सुलह पर चलना ही श्रेष्ठता है। हम सब एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। एक मातृभूमि की संतानें हैं। हमें इसी आधार पर फिर से एकजुट होना है। एक राष्ट्र तभी समृद्ध होता है जब समाज एकजुट और सतर्क रहता है।

4. राम मंदिर के उद्घाटन पर सभी राम मंदिर में कार्यक्रम
अयोध्या में भगवान राम 22 जनवरी 2024 को मंदिर में प्रवेश करने वाले हैं। गर्भगृह में रामलला का अभिषेक किया जाएगा। उद्घाटन के दिन वहां हर किसी का पहुंच पाना संभव नहीं हो पाएगा। इसलिए जो जहां है, वे वहीं के राम मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन करे। यह हर दिल में मन के राम को जगाएगा और मन के अयोध्या को सजाएगा। समाज में स्नेह, जिम्मेदारी और सद्भावना का माहौल बनाएगा।

5. चंद्रयान मिशन और एशियन गेम्स में भारत का गौरव बढ़ा
मोहन भागवत ने कहा कि हमारे देश के खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में पहली बार 100 से मेडल जीते। खिलाड़ियों ने कुल पदक (28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य) जीतकर हमें गर्व महसूस कराया। हम उन्हें हार्दिक बधाई देते हैं।

चंद्रयान मिशन ने भारत की ताकत, बुद्धिमत्ता और कौशल को भी शानदार ढंग से प्रदर्शित किया। हमारे वैज्ञानिकों के अपने ज्ञान और तकनीकी कौशल के साथ राष्ट्र के नेतृत्व की इच्छाशक्ति निर्बाध रूप से जुड़ी हुई है। दिल्ली में जी-20 समिट का आयोजन हुआ। इसमें विदेशी मेहमानों के सत्कार को लेकर भारत की सराहना हुई। दुनिया ने विविधता से सजी हमारी संस्कृति का गौरव अनुभव किया।

RSS के शस्त्र पूजन कार्यक्रम में सिंगर शंकर महादेवन बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए। उन्होंने सरस्वती वंदना से अपना संबोधन शुरू किया। RSS की तारीफ करते हुए सिंगर ने कहा- अखंड भारत के विचार और इसकी संस्कृति को बचाकर रखने में RSS से ज्यादा योगदान किसी का नहीं है। मुझे भारतीय होने पर गर्व है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे इस कार्यक्रम में बुलाया गया।

शंकर महादेवन और भागवत ने RSS संस्थापक को श्रद्धांजलि दी
मोहन भागवत ने विजयादशमी कार्यक्रम पर RSS के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शंकर महादेवन के साथ शस्त्र पूजा की। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस भी कार्यक्रम में पहुंचे। संघ कार्यकर्ताओं ने सीपी और बरार कालेज गेट और रेशिमबाग मैदान से पथ संचलन (रूट मार्च) निकाला।

RSS मुख्यालय में हर साल होता है कार्यक्रम
दरअसल, साल 1925 में विजयादशमी के दिन ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना हुई थी। इस दिन संघ शस्त्र पूजा करता है। साथ ही RSS प्रमुख मोहन भागवत भी नागपुर स्थित मुख्यालय में संबोधित करते हैं।