जापान के हिरोशिमा शहर में G7 की बैठक शुरू होने से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान वो वर्ल्ड लीडर्स के बीच मोदी से मिलने उनकी सीट तक आए और उन्हें गले लगाया। दोनों नेता थोड़ी देर बाद QUAD देशों की बैठक में शामिल होंगे।
वहीं, G7 के देशों ने चीन का नाम लिए बिना दुनिया से किसी एक देश के आर्थिक दबदबे को खत्म करने के लिए काम करने की शपथ ली है। स्टेमेंट जारी कर कहा गया कि अगर G7 और उसके साथी देशों के आर्थिक हालातों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया तो उसका परिणाम भुगतना होगा। किसी एक देश के आर्थिक दबदबे को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
क्वाड की बैठक में फिर मिलेंगे बाइडेन और मोदी
वहीं, इंडो-पैसिफिक में चीन को काउंटर करने के लिए बनाए गए QUAD देशों की बैठक भी हिरोशिमा शहर में होगी। व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया है कि QUAD की बैठक हिरोशिमा में ही करने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन ने जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है।
दरअसल, अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने इस महीने चेतावनी दी थी कि अमेरिकी सरकार की कर्ज लेने की सीमा को बढ़ाया नहीं गया तो देश 1 जून तक दिवालिया हो सकता है। ऐसे में बाइडेन को क्वाड की बैठक रद्द करनी पड़ी थी।
PM मोदी ने हिरोशिमा में किया गांधी की प्रतिमा का अनावरण
इससे पहले PM मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई। मोदी ने कहा कि जापानी PM फुमियो किशिदा के साथ बेहतरीन बातचीत हुई। हमने भारत-जापान के रिश्तों को और बेहतर बनाने पर जोर दिया।
PM मोदी ने हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। मोदी ने कहा, ‘आज भी दुनिया ‘हिरोशिमा’ शब्द सुनते ही सहम जाती है। मुझे जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी जापान यात्रा के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर मिला।’ ‘ हिरोशिमा में महात्मा गांधी की मूर्ति अहिंसा के विचार को आगे बढ़ाएगी। मैंने जापानी PM को जो बोधि वृक्ष उपहार में दिया था, वह यहां हिरोशिमा में लगाया गया है ताकि लोग यहां आने पर शांति के महत्व को समझ सकें।’
G7 के दूसरे बड़े अपडेट्स
- G7 की बैठक में शामिल होने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की जापान पहुंच चुके हैं।
- जेलेंस्की के पहुंचने से पहले G7 देशों ने
- PM मोदी आज यूक्रेन जंग के 15 महीने बीतने के बाद पहली बार वहां के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत होगी। अब तक रूस-यूक्रेन जंग पर भारत का स्टैंड न्यूट्रल यानी निष्पक्ष रहा है। हालांकि, मोदी ने वैश्विक संगठनों के अलग-अलग मंच से कहा है कि जंग किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्मश्री सम्मान पा चुके जापानी लेखक डॉक्टर तोमियो मिजोकामी से मुलाकात की।
- हिरोशिमा के मेयर मातसुई काजुमी ने उनके शहर में माहात्मा गांधी की मूर्ति के अनावरण पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा हम भी महात्मा गांधी की तरह अहिंसा की पॉलिसी पर चलना चाहते हैं।
- PM मोदी ने वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से द्विपक्षीय वार्ता की।
- रूस ने 500 अमेरिकियों की एंट्री पर बैन लगा दिया है। इसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और मशहूर टीवी होस्ट जिम्मी किमेल भी शामिल है। रूस ने ये फैसला G7 की बैठक में खुद पर लगी पाबंदियों के बाद लिया है।
G7 समिट के पहले ही दिन रूस पर पाबंदियां
G7 की बैठक के पहले ही दिन सदस्य पश्चिमी देशों और जापान ने यूक्रेन जंग हवाला देते हुए रूस पर पाबंदियों की घोषणा की। G7 के नेताओं ने रूस से मांग की है कि वो तुरंत यूक्रेन से अपनी सेना को बाहर निकाले। G7 दुनिया के सात देशों से बना संगठन है जो जंग में यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, कनाडा, जापान और फ्रांस शामिल हैं।
चीन बोला परमाणु हथियारों पर जापान का दोहरा रवैया
चीन के संबंध में भी जी-7 समूह के देशों में चिंता है, लेकिन इस पर कार्रवाई काे लेकर मतभेद हैं। कारण सभी सदस्य देशों के हित चीन के साथ मजबूत संबंधों से जुड़े हुए हैं। क्लाइमेट जैसे मुद्दों पर चीन का सहयोग भी जरूरी है। ऐसे में असमंजस है कि उसके साथ क्या रणनीति हाे। चीन की दूसरे देशों के हितों के खिलाफ नीतियों के बदले में वे एक संयुक्त रणनीति तय करना चाहते हैं। वहीं, चीन ने जापान के हिरोशिमा में चल रही G7 की बैठक को दोहरे रवैये वाली कहा है।
चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के प्रवक्ता वांग वैनबिन से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछा गया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हिरोशिमा पीस मेमोरियल पर श्रद्धांजलि दी है। इस पर आप क्या कहेंगे। सवाल का जवाब देते हुए वांग वैनबिन ने कहा- जापान हमेशा खुद को उन देशों में गिनाता है जो परमाणु हथियारों के खिलाफ हैं। जबकि खुद उसने अमेरिका की परमाणु शक्ति में पनाह ली हुई है। हमें पूरी उम्मीद है कि जापान परमाणु हथियारों के इस्तेमाल और दूसरे मुद्दों पर अपने दोहरे रवैये को बदलेगा।
क्य है क्वाड जिसके लिए बाइडेन ने बदला रूटीन
क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग यानी QUAD चार देशों- अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक रणनीतिक गठबंधन है। इसका गठन 2007 में हुआ था।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, QUAD के गठन का प्रमुख अघोषित उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र यानी हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर के बीच पड़ने वाले इलाके में चीन के बढ़ते दबदबे पर लगाम लगाना है। साथ ही इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों को चीनी प्रभुत्व से बचाना भी है।
हाल के वर्षों में चीन ने न केवल भारत पर बढ़त बनाने के लिए हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ाई हैं, बल्कि पूरे साउथ चाइना सी पर अपना दावा भी ठोका है। उसके इन कदमों को सुपर पावर बनने की कोशिशों के तौर पर देखा जाता है। यही वजह है कि अमेरिका भारत के साथ मिलकर QUAD के विस्तार पर काम कर रहा है, ताकि चीन के इन मंसूबों पर पानी फेरा जा सके।
QUAD का मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी सैन्य या राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रखना है।
हिरोशिमा में क्यों हाे रही है समिट?
जापान की राजधानी टोक्यो की बजाय बैठक हिरोशिमा में रखी गई है जाे पहले परमाणु हमले का गवाह रहा है। 6 अगस्त 1945 काे अमेरिका ने हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था। इसमें लाखों लाेग मारे गए थे। जापान के पीएम फुमियो किशिदा इस समिट से परमाणु हथियार रहित दुनिया की जरूरत का संदेश देना चाहते हैं।