जल जीवन मिशन प्रयोजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक हैं. वहीं राजस्थान में जल जीवन मिशन में अनियमितता पायी गई थी. जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रही है. ईडी ने पहले भी राजस्थान में इस मामले में कार्रवाई की है. वहीं बुधवार (19 जून) को एक और गिरफ्तारी की है. यानी इस मामले में यह ईडी द्वारा तीसरी गिरफ्तारी है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उन्होंने राजस्थान में क्रियान्वित की जा रही जल जीवन मिशन योजना में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में एक और शख्स को गिरफ्तार किया है.
ईडी के मुताबकि, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल को बुधवार को हिरासत में लिया गया. मित्तल को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 24 जून तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया गया. बता दें, केंद्रीय एजेंसी ने इस सप्ताह की शुरुआत में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन को गिरफ्तार किया था.
पीयूष जैन, पदमचंद जैन के बाद महेश मित्तल की गिरफ्तारी
केंद्र सरकार की महात्वाकांक्षी जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना का लक्ष्य घरों में नलों के जरिए पेयजल उपलब्ध कराना है और राजस्थान में इस योजना का क्रियान्वयन राज्य का लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचई) विभाग कर रहा है. ईडी ने इस मामले में सबसे पहले फरवरी में पीयूष जैन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. यानी ईडी ने पीयूष जैन, पदमचंद जैन के बाद महेश मित्तल को गिरफ्तार किया है.
महेश मित्तल ने कंपनी में अपराध से आय प्राप्त किया
एजेंसी की जांच में पाया गया कि पदमचंद जैन और अन्य लोग अवैध संरक्षण प्राप्त करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और पीएचईडी से प्राप्त विभिन्न टेंडर के संबंध में उनके द्वारा निष्पादित कार्यों में अनियमितताओं को छिपाने के लिए लोक सेवकों को रिश्वत देने में शामिल थे. यहां जारी एक बयान में कहा गया कि जांच में पाया गया कि मित्तल मुख्य आरोपियों में से एक हैं और अपनी कंपनी में अपराध से आय प्राप्त की.
आपको बता दें, जल जीवन मिशन के आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में अब तक ईडी ने 11.03 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुकी है.