सप्ताह की शुरुआत शेयर बाजार के लिए भारी गिरावट के साथ हुई। सोमवार, 7 अप्रैल को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स करीब 3000 अंकों की गिरावट के साथ 72,300 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 900 अंक टूटकर 22,000 से नीचे कारोबार कर रहा है। दोनों प्रमुख सूचकांक लगभग 4% से ज्यादा की गिरावट में हैं।
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर लाल निशान में हैं। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और इंफोसिस के शेयरों में करीब 10% की गिरावट दर्ज की गई है। टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और एलएंडटी जैसे दिग्गज शेयर भी 8% तक गिरे हैं।
बाजार में गिरावट की तीन प्रमुख वजहें:
- अमेरिका का ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ ऐलान:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत सहित कई देशों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। भारत पर 26%, चीन पर 34%, यूरोपीय संघ पर 20%, और वियतनाम पर 46% तक टैरिफ लागू किया गया है। - चीन की जवाबी कार्रवाई:
चीन ने भी अमेरिका पर 34% का जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 10 अप्रैल से लागू होगा। इससे वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ गया है। - आर्थिक सुस्ती की आशंका:
टैरिफ के चलते वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे उपभोक्ता मांग घटने और वैश्विक आर्थिक गतिविधियों के मंद पड़ने की संभावना जताई जा रही है। इससे निवेशकों में घबराहट देखी जा रही है।
सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट:
NSE के सेक्टोरल इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट मेटल सेक्टर में देखी गई, जो करीब 8% टूटा। आईटी, तेल एवं गैस और हेल्थकेयर में भी 7% तक की गिरावट दर्ज की गई। ऑटो, रियल एस्टेट और मीडिया इंडेक्स में करीब 5% की गिरावट है।
स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में भी भारी बिकवाली:
BSE मिडकैप इंडेक्स 4.60% टूटकर 38,630 के स्तर पर आ गया, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 6.20% गिरकर 42,999.82 पर पहुंच गया।
20 लाख करोड़ रुपए की निवेशकों की संपत्ति स्वाहा:
शेयर बाजार में भारी बिकवाली के कारण निवेशकों को 20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। 4 अप्रैल को BSE पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 404 लाख करोड़ रुपए था, जो आज घटकर 383 लाख करोड़ रुपए रह गया।
वैश्विक बाजारों में भी गिरावट का असर:
हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 10% तक टूट गया है, जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट 6.50%, जापान का निक्केई 6% और कोरिया का कोस्पी 4.50% गिरा है।
NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज पर ट्रेड हो रहा गिफ्ट निफ्टी भी 800 अंक टूटकर 22,180 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
अमेरिकी बाजारों में भी भारी गिरावट:
3 अप्रैल को अमेरिका का डाउ जोन्स करीब 4% गिरा, जबकि S&P 500 में 4.84% और नैस्डेक में 5.97% की गिरावट दर्ज की गई।
वित्तीय विश्लेषक जिम क्रैमर ने 1987 जैसे ‘ब्लैक मंडे’ की आशंका जताते हुए अमेरिकी बाजार में 22% तक गिरावट की चेतावनी दी है।
पिछले हफ्ते भी गिरा था बाजार:
4 अप्रैल को भी सेंसेक्स 930 अंक गिरकर 75,364 और निफ्टी 345 अंक टूटकर 22,904 पर बंद हुआ था। सेक्टोरल इंडेक्स में उस दिन भी मेटल, फार्मा, आईटी और रियल्टी शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट रही थी।
निष्कर्ष:
वैश्विक व्यापार तनाव, आर्थिक सुस्ती की आशंका और निवेशकों की घबराहट के चलते भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखने को मिल रही है। विशेषज्ञ निकट भविष्य में और अस्थिरता की संभावना जता रहे हैं।