पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी SCO की बैठक में शामिल होने के लिए गोवा पहुंच गए हैं। वो शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में शामिल होंगे। भारत पहुंचने के बाद उन्होंने कहा, ‘मैं गोवा आकर काफी खुश हूं, मुझे उम्मीद है कि SCO की बैठक कामयाब होगी’।
इसके पहले उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा था- इस बैठक में भाग लेने का मेरा फैसला बताता है कि पाकिस्तान के लिए SCO कितना अहम है। मैं सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा के लिए उत्सुक हूं।
बिलावल 12 साल बाद भारत आने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं। इसके पहले 2011 में पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार भारत आई थीं।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरेव गोवा पहुंचे
4-5 मई को होने वाली SCO मीटिंग में शामिल होने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरेव भी गोवा पहुंच चुके हैं। यहां वो विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। चीन के फॉरेन मिनिस्टर भी एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत करेंगे। गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। रूस-चीन के फॉरेन मिनिस्टर्स इससे पहले मार्च में G20 की एक मीटिंग के लिए भारत आए थे।
जयशंकर ने की SCO जनरल सेक्रेटरी से मुलाकात
गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने SCO जनरल सेक्रेटरी झांग मिंग से मुलाकात की। उन्होंने कहा- भारत की अध्यक्षता में SCO का फोकस स्टार्टअप्स, ट्रैडीशनल मेडिसिन, यूथ एंपावरमेंट और साइंस एंड टेक्नोलॉजी पर है।
SCO बैठक से जुड़े अन्य अपडेट्स…
- बिलावल भुट्टो के भारत दौरे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने भी कमेंट किया है। उन्होंने कहा इस मीटिंग के लिए जाना SCO चार्टर के लिए हमारी जिम्मेदारी को दर्शाता है। हम इलाके में स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं।
- भारत ने अंग्रेजी को SCO की आधिकारिक भाषा बनाए जाने पर जोर दिया है। फिलहाल रूसी और चीन की मंदारिन SCO की आधिकारिक भाषाएं हैं। ग्रुप के सभी डॉक्यूमेंट्स इन्हीं दो भाषाओं में बनाए जाते हैं।
- SCO देशों के बीच राष्ट्रीय करेंसी में व्यापार करने का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि, इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। प्रस्ताव पास होने के बाद SCO के देश आपस में एक-दूसरे की करेंसी में व्यापार कर पाएंगे। उन्हें अमेरिकी डॉलर की जरूरत नहीं रहेगी।
- विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी ईआर दम्मू रवि ने कहा कि बैठक में शामिल होने वाले विदेश मंत्री ईरान और बेलारूस को SCO का स्थायी सदस्य बनाने पर चर्चा करेंगे। इस पर फैसला जुलाई में लिया जा सकता है। फिलहाल अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया इसके ऑब्जर्वर सदस्य हैं।
भारत-पाकिस्तान के बीच 7 साल से बातचीत नहीं
भारत और पाकिस्तान के बीच 7 साल से कोई बातचीत नहीं हो रही है, इसलिए बिलावल भुट्टो की इस विजिट पर सबकी नजरें हैं। बिलावल पाकिस्तान की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो के बेटे हैं। वे अप्रैल 2022 में 33 साल की उम्र में पाकिस्तान के सबसे युवा विदेश मंत्री बने थे। इसके बाद से उन्होंने भारत को लेकर 5 विवादित बयान दिए हैं।
इन पर एक नजर….
1. रिश्ते सुधारने भारत नहीं जा रहा : बिलावल
SCO बैठक में शामिल होने भारत आए बिलावल ने कहा था कि उनका दौरा भारत से संबंधों को सुधारने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा था- हम SCO चार्टर को लेकर प्रतिबद्ध हैं। इस विजिट को भारत से बातचीत के संबंध में नहीं देखना चाहिए। इसे SCO तक ही सीमित रखें।
2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कसाई कहा था
15 दिसंबर को बिलावल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कहा था- ओसामा बिन लादेन तो मर गया, लेकिन गुजरात का कसाई अभी जिंदा है और वह भारत का प्रधानमंत्री है। भुट्टो के इस बयान का भारत ने कड़ा विरोध जताया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि शायद भुट्टो 1971 भूल गए हैं, जब पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिकों ने भारतीय सेना के आगे सरेंडर किया था। वहीं, भारत की विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि बिलावल फेल हो चुके देश के प्रतिनिधि हैं और खुद भी फेल हो चुके हैं। आतंकी मानसिकता वाले लोगों से आप इसके अलावा और क्या ही उम्मीद कर सकते हैं।
3. भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव हो रहा
बिलावल भुट्टो ने 18 दिसंबर को कहा था- मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी पार्टी भाजपा और RSS से नहीं डरता। PM मोदी को कसाई कहने वाले बयान पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा था- उनका मकसद भारत में मुसलमानों के लिए जारी भेदभाव और नफरत के खिलाफ आवाज उठाना था। ऐसे में बेहतर होगा कि उनके खिलाफ प्रदर्शन करने के बजाय नफरत और भेदभाव के विरोध में आवाज उठाएं।
4. UN में कई बार उठाया कश्मीर मुद्दा
2014 में पहली बार बिलावल ने कश्मीर मुद्दे पर बयान दिया था। उन्होंने PPP के कार्यकर्ताओं से कहा था- मैं पूरा कश्मीर वापस लूंगा। मैं इसका एक इंच भी भारत के लिए नहीं छोड़ूंगा, क्योंकि कश्मीर सिर्फ पाकिस्तान का है। पाकिस्तान के बाकी प्रोविंस की तरह कश्मीर भी हमारा है।
इसके बाद से बिलावल यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में कई बार कश्मीर का मुद्दा उठा चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान कभी UN एजेंडों में इसे शामिल नहीं करवा पाया है। 11 मार्च को बिलावल ने UN बैठक में कहा था- कश्मीर के मुद्दे को UN के एजेंडा में शामिल करवाना हमारे लिए बड़ी टास्क है। भारत की डिप्लोमेसी इसकी वजह है। भारत के कड़े विरोध के चलते और कश्मीर पर पहले से ही गढ़ी अपनी कहानियों को वो बहुत पुख्ता तरीकों से रखते हैं।
5. भारत पर कश्मीरी लोगों के उत्पीड़न के आरोप लगाए
मई 2022 में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ओपन डिबेट में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को निरस्त करने और परिसीमन आयोग के आदेश का मुद्दा उठाया था। उन्होंने भारत में कश्मीरी लोगों के उत्पीड़न और उन पर अत्याचार का भी आरोप लगाया था। उस वक्त जरदारी ने कहा था कि हमारा भारत के साथ बातचीत करना बहुत मुश्किल हो गया है।
2018 में पहली बार सांसद चुने गए
बिलावल भुट्टो 13 अगस्त 2018 को पहली बार सांसद चुने गए थे। उन्होंने 27 अप्रैल 2022 को पाकिस्तान के 37वें विदेश मंत्री के तौर पर शपथ ली थी। 2007 में बिलावल की मां बेनजीर भुट्टो की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद से ही वो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन हैं। तब बिलावल सिर्फ 19 साल के थे।
मां प्रधानमंत्री और पिता राष्ट्रपति रह चुके हैं, भारत से है गहरा नाता
बिलावल भुट्टो की मां बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की प्रधाममंत्री तो उनके पिता आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं। बेनजीर भुट्टो ने अपनी आत्मकथा में खुद को राजस्थान के भाटी राजपूतों का वंशज बताया था। 2020 में जैसलमेर रियासत के पूर्व महाराज बृजराज सिंह के निधन पर भुट्टो परिवार की तरफ से शोक संदेश भेजा गया था। माना जाता है कि राजस्थान के भाटी, भट्टी राजपूत ही पाकिस्तान जाकर भुट्टो कहलाने लगे।
शाहबाज-इमरान से ज्यादा अमीर हैं बिलावल भुट्टो
बिलावल भुट्टो जरदारी के पास करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की प्रॉपर्टी है। उनके पास विदेश में ज्यादा एसेट्स हैं। दुबई में बिलावल की 25 प्रॉपर्टी हैं।
शाहबाज शरीफ के पास करीब 10 करोड़ रुपए की एसेट्स हैं और उन पर 15 करोड़ का कर्ज है। शेखूपुरा और लाहौर में उनके पास 61 एकड़ की भूमि है। उनका एक घर लंदन में भी है, जिसकी कीमत साढ़े 13 करोड़ रुपए है। शाहबाज के बैंक खाते में 2 करोड़ रुपए हैं। पहली पत्नी नुसरत के पास करीब 23 करोड़ की संपत्ति है। कई इन्वेस्टमेंट्स के साथ नुसरत के बैंक खाते में 2 करोड़ रुपए हैं।
पूर्व PM इमरान के पास दो लाख रुपए के चार बकरे हैं। बनीगला में 30 एकड़ का बंगला भी है। उन्हें विरासत में लाहौर जमान पार्क में एक घर और 600 एकड़ भूमि भी मिली है। वैसे खास बात यह भी है कि बुलेटप्रूफ कार में चलने वाले इमरान के पास रिकॉर्ड में कोई कार नहीं है और न ही पाकिस्तान के बाहर कोई संपत्ति है। इमरान के बैंक अकाउंट में करीब 6 करोड़ रुपए हैं। इमरान की तीसरी पत्नी बुशरा बीबी की कुल प्रॉपर्टी करीब 15 करोड़ रुपए की है।
आखिरी बार 2015 में मिले थे भारत-पाक के बड़े नेता
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आखिरी बार 2014 में भारत आए थे। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया था। इसे दोनों देशों के बीच एक नई शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा था। हालांकि, ऐसा हो नहीं पाया। नवाज शरीफ की भारत यात्रा के बाद साल 2015 में PM मोदी भी पाकिस्तान गए थे।