पोरबंदर:-अरब सागर में उठा तूफान बिपरजॉय गुजरात की ओर बढ़ रहा है। ये तूफान 15 जून की दोपहर को कच्छ जिले के जखौ पोर्ट से टकराने वाला है।
इस दौरान 150 किमी/घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। उससे पहले अच्छी बात यह है कि तूफान कुछ कमजोर हुआ है। हालांकि यह अब भी खतरनाक ही है।
तूफान के चलते गुजरात और मुंबई के तटीय इलाकों में आंधी-बारिश का दौर जारी है, जिसमें पांच लोगों की मौत की खबर है।
गुजरात के तटीय जिलों- कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तूफान प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
अभी तक 7500 लोगों को शिफ्ट किया जा चुका है। कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में स्थित गांवों के 23 हजार लोगों को आज से शिफ्ट किया जाएगा।
उधर, अमित शाह ने आज दिल्ली में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्रियों के साथ बैठक की।
गुजरात के द्वारका से 290 किमी दूर है तूफान
मौसम विभाग के मंगलवार सुबह 9 बजे के अपडेट के मुताबिक, तूफान 8 किमी/घंटे की स्पीड से नॉर्थ-वेस्ट में आगे बढ़ रहा है। तूफान मंगलवार सुबह 5:30 बजे पोरबंदर से 300 किमी, द्वारका से 290 किमी, जखौ पोर्ट से 340 किमी, नालिया से 350 किमी दूर था। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात के 14 जून की सुबह तक उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है, जिसके बाद ये मुड़कर नॉर्थ-नॉर्थ ईस्ट दिशा में आगे बढ़ेगा।
14 जून के लिए ऑरेंज और 15 के लिए रेड अलर्ट जारी
- IMD के मुताबिक, 14-15 जून के दौरान कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी जिले के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
- तूफान के चलते 15 जून को कच्छ, द्वारका, जामनगर में 20cm तक बारिश होने की संभावना है। इसके चलते निचले इलाकों में बाढ़ आने का अनुमान है।
- मछुआरों को 16 जून तक समुद्र में ना जाने को कहा गया है। गुजरात में 14 जून के लिए ऑरेंज अलर्ट और 15 जून के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
- वहीं, कच्छ-सौराष्ट्र में समुद्र तट से 10 किलोमीटर की सीमा में स्थित गांवों के लगभग 23 हजार लोगों को शेल्टर होम में पहुंचाने के लिए मंगलवार से बड़ा अभियान चलाया जाएगा।
- IMD के डायरेक्टर जनरल डॉ मृत्युंजय मोहापात्रा ने बताया कि पोरबंदर, द्वारका से लेकर कच्छ तक हवा की रफ्तार बढ़ रही है। 14 जून को यहां 65-75 KMPH की रफ्तार से हवा चलेगी।
- वहीं, 15 जून को द्वारका, जामनगर, कच्छ और मोरबी जिलों में हवा 125-135 KMPH की रफ्तार से चलेगी।
तूफान के चलते गुजरात की 67 ट्रेनें रद्द, 25 ट्रेनें दूसरे स्टेशनों से चलेंगी
बिपरजॉय के चलते पश्चिम रेलवे ने चक्रवात संभावित क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर 67 ट्रेनों को पूरी तरह से रद्द करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही सौराष्ट्र के ओखा, पोरबंदर और जामनगर से चलने वाली 25 ट्रेनें अब राजकोट, सुरेंद्रनगर और अहमदाबाद से चलेंगी।
गुजरात और महाराष्ट्र में अब तक पांच लोगों की मौत
तूफान के चलते गुजरात और महाराष्ट्र में हुई पांच मौतों में से दो बच्चे भुज के हैं, जिन पर दीवार गिर गई थी। राजकोट में एक महिला पर पेड़ गिर गया। वहीं, मुंबई के जुहू बीच पर घूमने गए पांच में से चार लड़के समुद्र में डूब गए थे। इनमें से दो के शव बरामद हुए हैं। दो अभी लापता हैं।
प्रधानमंत्री ने ली मीटिंग; लोगों को सेफ जगह पहुंचाने को कहा
तूफान की स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक इमरजेंसी मीटिंग की, जिसमें गृह मंत्रालय, NDRF और सेना के अधिकारी मौजूद रहे। PM ने खतरे वाली जगहों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम 24 घंटे खुले रहें और हालात पर नजर रखें।
तूफान से जुड़े बड़े अपडेट्स..
- तूफान को ‘बिपरजॉय’ नाम बांग्लादेश ने दिया है। इसका मतलब ‘विपत्ति’ या ‘आपदा’ होता है।
- NDRF की 12 टीमों को तैनात किया गया है। वहीं, 15 टीमों को स्टैंड बाई पर रखा गया है।
- कोस्ट गार्ड, आर्मी और नेवी की रेस्क्यू और रिलीफ टीमों को स्टैंडबाई पर रखा गया है।
- तूफान को देखते हुए वेस्टर्न रेलवे ने कहा है कि तूफान प्रभावित इलाकों में 56 ट्रेन रद्द की गई हैं। वहीं, 14-15 जून के दौरान 95 ट्रेन रद्द रहेंगी। ।
- कोस्ट गार्ड ने सोमवार शाम को द्वारका के पास स्थिल एक ऑयल रिग से 11 लोगों को एयरलिफ्ट किया।
- गुजरात में 21 हजार से ज्यादा नावों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
- कच्छ जिले में धारा 144 लगा दी गई है। आज से तीन दिनों के लिए सभी स्कूल-कॉलेजों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं।
10 दिन तक रह सकता है बिपरजॉय तूफान का असर
बिपरजॉय तूफान अरब सागर से 6 दिन पहले उठा था। इसका असर 10 दिनों तक रह सकता है। यह हाल के दिनों में अब तक का सबसे लंबे समय तक रहने वाला तूफान है। IIT मद्रास की स्टडी के मुताबिक, ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव में अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान लगातार और गंभीर होते जा रहे हैं। पिछले चार दशकों में अरब सागर में साइक्लोन के ड्यूरेशन में 80% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि बहुत गंभीर चक्रवातों की समय-सीमा में 260% का इजाफा देखा गया।
समुद्र के ऊपर एक चक्रवाती तूफान जितने अधिक समय तक रहता है, उतनी ही ज्यादा ऊर्जा और नमी जमा होने की संभावना होती है। जिससे तूफान के और अधिक खतरनाक होने और जमीन से टकराने के बाद नुकसान पहुंचाने की संभावना बढ़ जाती है।
इस साल मानसून कमजोर रह सकता है- स्काईमेट वेदर
स्काईमेट वेदर ने अनुमान जताया है कि भारत में अगले चार हफ्तों यानी 6 जुलाई तक मानसून कमजोर रह सकता है। इसकी वजह से खेती पर बुरा असर पड़ने की आशंका है। इसी दौरान खेतों में फसल की बुवाई होती है। संस्था ने कहा कि 15 जून तक मानसून महाराष्ट्र, ओडिशा, आधे तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार तक पहुंच जाता है। लेकिन इस सीजन में अब तक नहीं पहुंच पाया है।
अगले चार दिन का मौसम का अनुमान
उत्तर-पूर्व भारत: बड़े इलाकों में हल्की बारिश का अनुमान। बीच-बीच में कुछ इलाकों में तेज बारिश हो सकती है।
पूर्व भारत: हिमालय की तराई वाले पश्चिम बंगाल और सिक्किम के इलाकों में अगले 36 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में अगले तीन दिन तक अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है।
उत्तर पश्चिम भारत: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले तीन से चार दिन तक ओले गिरने का अनुमान है।
राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में 15 जून को तेज आंधी-तूफान का अनुमान है।
पश्चिम भारत: कोंकण और गोवा के इलाकों में आज और गुजरात में 15 जून को भारी बारिश का अनुमान है।
सौराष्ट्र और कच्छ में 14 जून को अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश और 15 जून को तूफानी बारिश का अनुमान है।
दक्षिण भारत: तटीय कर्नाटक में आज और अगले 36 घंटों में केरल के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है।
लू की चेतावनी: बिहार, झारखंड और तटीय आंध्र प्रदेश में अगले चार दिन तक लू चलने का अनुमान है।
13 जून तक हरियाणा-दिल्ली, दक्षिण उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लू चल सकती है।