भाजपा नेता मिले विधानसभा अध्यक्ष से , इस्तीफा देने वाले विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने की मांग

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Jaipur : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के विधायकों पर फैसला लेने की मांग को लेकर भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को प्रतिपक्ष  नेता गुलाबचंद कटारिया के नेतृत्व में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से  उनके निवास पर मिला।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मुलाकात करके विधायकों के इस्तीफे पर शीघ्र फैसला करने की मांग की। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी ने शीघ्र ही कोई फैसला लेने का आश्वासन दिया है। इस प्रतिनिधिमंडल में प्रतिनिधिमंडल मे भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़,सचेतक जोगेश्वर गर्ग, विधायक रामलाल शर्मा, अभिनेश महर्षि, निर्मल कुमावत, अशोक लाहोटी सहित शामिल थे।

प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार अल्पमत में  है। अगर कोई विधायक त्यागपत्र पत्र स्वीकार करने की इच्छा जाहिर करता है तो इच्छा मात्र से ही उसका त्यागपत्र स्वीकार हो जाता है। अगर विधायक कोई कारणों से इस्तीफा देता है तो उसकी जांच हो सकती है।अगर एक लाइन का प्रस्ताव होता है कि मैं अपनी इच्छा से सदन से इस्तीफा देता हूं तो उसे स्वीकार करना चाहिए। प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि नियम प्रक्रियाओं के तहत विधानसभा   अध्यक्ष के जरिए ही फैसला होता है लेकिन इतना लंबा इस मामले को नहीं खींचना चाहिए।

भाजपा विधायक दल के उप नेताराजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे को 15 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है और अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सीपी जोशी को सौंप रखे हैं। नियमों और प्रक्रियाओं के तहत इसे स्वीकार करने चाहिए। राठौड़ ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि वो नियम प्रक्रियाओं और कानून के तहत इस मामले को देख रहे हैं और शीघ्र ही ऐसा फैसला लेंगे जो संसदीय इतिहास में मिसाल साबित होगा।

भाजपा के अध्यक्ष  डॉ.सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस के 92 विधायकों जिनमें कई मंत्री भी शामिल हैं, उन्होंने अपनी स्वेच्छा से विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी को इस्तीफा सौंप रखा है लेकिन 15 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है।  डॉ.जोशी ने कोई फैसला नहीं लिया है। विधायक और मंत्रियों ने जब इस्तीफे दे रखे हैं तो फिर वो किस हैसियत से सरकारी सुख-सुविधाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकारी बंगले और गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जब इस्तीफे हो चुके हैं तो सरकार कौन चला रहा है? उन्होंने कहा कि 2020 में भी सचिन पायलट और गहलोत झगड़े हुए थे तब भी गहलोत सरकार अल्पमत में आई थी। 1 महीने से ज्यादा सरकार बाड़ेबंदी में रही थी। उन्होंने कहा कि हम विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं और उसके बाद ही फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे।

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