राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर बहस के दौरान बीजेपी के प्रदेश प्रभारी और सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण कभी हिंदू-मुस्लिम भेदभाव का नहीं रहा। उन्होंने दावा किया कि सरकार की कई योजनाओं के लाभार्थियों में 31% से 70% तक मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हैं।
“प्रधानमंत्री ने सांसदों को विकास में भेदभाव न करने को कहा था”
अग्रवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव से छह महीने पहले पीएम मोदी ने बीजेपी सांसदों की बैठक में साफ कहा था कि विकास के कामों में कभी हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देते, तो क्या इसका मतलब यह है कि वे देश के नागरिक नहीं हैं? क्या उनका विकास नहीं होना चाहिए?”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लक्ष्य में मुस्लिम समुदाय का विकास भी अहम है। अगर देश की 20% आबादी पिछड़ी रहेगी, तो भारत के विकास का सपना पूरा नहीं हो सकता।
सरकारी योजनाओं के बड़े लाभार्थी मुस्लिम समुदाय
अग्रवाल ने संसद में कहा कि मोदी सरकार की कई योजनाओं के लाभार्थियों में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हैं:
- जनधन योजना – 42% लाभार्थी मुस्लिम
- प्रधानमंत्री आवास योजना – 31% लाभार्थी मुस्लिम
- उज्ज्वला योजना – 37% लाभार्थी मुस्लिम
- मुद्रा योजना – 36% लाभार्थी मुस्लिम
- स्किल इंडिया – 22.7% लाभार्थी मुस्लिम
- प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना – 70% से अधिक लाभार्थी मुस्लिम
वक्फ बिल पर विरोध और अफवाहों का आरोप
अग्रवाल ने कहा कि जैसे ही गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ बिल की घोषणा की, देशभर में इसका विरोध शुरू हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों ने अफवाहें फैलाईं कि इस बिल के जरिए मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों पर कब्जा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसे राज्यों में, जहां पीएफआई कमजोर है, वहां भी इस मुद्दे को लेकर पर्चे बांटे गए। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ऐसे विरोधों से डरने वाले नहीं हैं।
“मुस्लिम संगठनों की भी हो भागीदारी”
अग्रवाल ने कहा कि मुस्लिम संगठनों को भी मुस्लिम समुदाय के विकास में भागीदार बनना चाहिए। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमात-ए-इस्लामी जैसी संस्थाओं को आम मुस्लिम की बेहतरी के लिए काम करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि अगर वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग किया जाए और उन पर अवैध कब्जे हटाए जाएं, तो इनका लाभ आम मुसलमानों के विकास में किया जा सकता है।