ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में गिरफ्तार फोर्टिस हॉस्पिटल के दो डॉक्टर को पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने डॉक्टर जितेन्द्र गोस्वामी और डॉक्टर संदीप गुप्ता को 15 मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा है। जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने शनिवार देर रात तक दोनों डॉक्टर के मकान और फोर्टिस अस्पताल में उनके चेंबर की जांच की थी। हालांकि पुलिस को इस दौरान कुछ नहीं मिला है। पुलिस का दावा है कि उनके पास दोनों डॉक्टर के खिलाफ पर्याप्त सबूत है।
पुलिस ने मामले में 10 मई को फोर्टिस हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ भानू लववंशी उर्फ भानू प्रताप को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपी भानू ने बताया कि कौन-कौन डॉक्टर इस पूरे खेल में लगे हुए हैं। इस पर उनकी भूमिका में जांच की गई तो इस बात की पुष्टि हुई कि इन डॉक्टरों ने कई ऑपरेशन किए थे। हालांकि यह ट्रांसप्लांट वैध है या अवैध इसकी जांच करने का काम उनका नहीं है। हॉस्पिटल प्रशासन इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।
सितंबर 2023 में जितेंद्र गोस्वामी ने जॉइन किया था फोर्टिस अस्पताल
डॉक्टर जितेंद्र गोस्वामी फोर्टिस से पहले मणिपाल हॉस्पिटल में काम करता था। मणिपाल का लाइसेंस रिन्यू नहीं होने पर सितंबर 2023 में जितेंद्र गोस्वामी ने फोर्टिस जॉइन कर लिया था। डॉक्टर जितेन्द्र और संदीप गुप्ता ही फोर्टिस में ऑर्गन ट्रांसप्लांट किया करते थे। जानकारी में यह भी आया है कि इन लोगों को कई अन्य डॉक्टरों की जानकारी भी है, जो ट्रांसप्लांट कर चुके हैं।
दलालों की मदद कर रहा था नर्सिंग स्टाफ
बता दें कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में एसएमएस के सहायक प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) गौरव सिंह, फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर विनोद सिंह, अंग प्रत्यारोपण के मामले में एमओयू की गई कंपनी मैड सफर के डायरेक्टर सुमन जाना और दलाल सुखमय नंदी से भी पूछताछ से की गई थी। पूछताछ में सामने आया था कि आरोपी रोजाना दलालों के संपर्क में रहकर उन्हें अवैध ट्रांसप्लांट के लिए मदद करता था। हॉस्पिटल में सर्जरी के बाद दलाल मरीजों को किराए के मकानों में रखते थे। जहां पर मरीजों की देखरेख के लिए भानू ही जाता था।
नर्सिंग स्टाफ और दलालों से संपर्क में रहने वालों की जांच में जुटी पुलिस
गिरफ्तार डॉक्टर कई बार किराए के मकान में मरीजों को देखने के लिए जाते थे। अब पुलिस भानू और दलालों के सीधे संपर्क में रहने वाले डॉक्टर्स की भूमिका तय करने में जुटी हुई है। इसके अलावा इस मामले में फरार चल रहे मैड सफर के अन्य डायरेक्टर राज कमल व दलाल मोहम्मद मुर्तजा अंसारी को पकड़ने के लिए पश्चिम बंगाल के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
क्या है मामला
दरअसल, एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल में 31 मार्च सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथों पकड़ा था। टीम ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी भी जब्त किए थे।
कार्रवाई के बाद एसीबी ने आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च किया था। इनकी गिरफ्तारी से खुलासा हुआ था कि फोर्टिस हॉस्पिटल का को-ऑडिनेटर विनोद सिंह भी कुछ समय पहले पैसा देकर फर्जी सर्टिफिकेट लेकर गया था। एसीबी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था। बाद में जयपुर पुलिस ने इस केस में जांच शुरू कर दी थी।
पुलिस इस मामले में फरार चल रहे मैड सफर के अन्य डायरेक्टर राज कमल व दलाल मोहम्मद मुर्तजा अंसारी को पकड़ने के लिए जयपुर पुलिस पश्चिम बंगाल के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।