नई दिल्ली-शाहरुख खान और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की अगले साल आने वाली फिल्म ‘पठान’ को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. हाल ही में जारी फिल्म के पहले गाने ‘बेशर्म रंग’ में दीपिका के भगवा रंग की बिकिनी को लेकर देश भर में विवाद हो गया है. तो दूसरी तरफ भाजपा नेता व अभिनेता मनोज तिवारी भी ट्रोल हो रहे है. उनकी भी एक तश्वीर खूब वायरल की जा रही है, जिसमे अभिनेत्री को भगवा कपडे पहने औऱ तिवारी को प्यार करते दिखाया गया है. हालांकि इस तश्वीर की भारत 360 पुष्टि नहीं करता है कि हकीकत में किसी फिल्म की है या फिर फेंक तैयार की गई है.
वहीं फिल्म के बहिष्कार करने वालो में अब नया नाम हनुमान गढ़ी (अयोध्या) के महंत राजू दास का भी जुड़ गया है. गुरुवार को उन्होंने फिल्म के बहिष्कार करने का आह्वान किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिस भी थिएटर में पठान लगे, उसे फूंक दिया जाए. महंत ने इस विवाद पर एक वीडियो जारी वीडियो में महंत को यह कहते हुए सुना जा सकता कि पठान फिल्म में सनातन धर्म का मजाक उड़ाया गया है, और मैं लोगों से उन सिनेमाघरों को जलाने का आग्रह करता हूं जहां पठान प्रदर्शित की जाएगी. महंत राजू दास ने अपने वीडियो में आगे कहा कि सनातन धर्म का बार-बार बॉलीवुड और हॉलीवुड में मजाक उड़ाया गया है, और हिंदू देवी-देवताओं का भी अपमान किया गया है. दीपिका पादुकोण ने बेशर्म रंग में भगवा रंग की बिकिनी पहनी थी, जिससे संतों और पूरे देश की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है.
उन्होंने अपने वीडियो में आगे कहा कि गाने में भगवा बिकनी पहनकर ऐसे स्टेप्स करने की क्या जरूरत थी? महंत ने यह भी आरोप लगाया कि शाहरुख खान ने अक्सर सनातन धर्म का अपमान किया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए ऐसा किया गया और इन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी फिल्म पर प्रतिबंध लगाने और बहिष्कार करने की मांग की थी. बंसल ने बेशर्म रंग के बोल में दीपिका की ड्रेस पर तंज कसते हुए एक वीडियो शेयर किया था. बंसल ने ट्विटर पर लिखा था कि ‘क्या इस्लाम को मानने वाला पठान मुस्लिम प्रतीकों वाली महिला के साथ ऐसे दृश्य फिल्मा सकता है!! लव जिहादियों की बेहूदगी की भी हद होती है..!!’
वही लोग यह भी जानने की कोशिश में लगे है कि सनातन संस्कृति को बचाने की बात करने वाले सुखदेव सिंह गोगामेड़ी इस मामले में चुप क्यों है. वे बॉलीवुड को लेकर इससे पहले कई फिल्म्स को लेकर विरोध दर्ज कर चुके है. वे अगर बोलते है तो राजस्थान में भी फ़िल्म को लेकर विरोध शुरू हो सकता है.