अब बायजूस स्टूडेंट्स को साइन अप करने से पहले उनके पेरेंट्स की टेस्ट लेगा। इस टेस्ट के माध्यम से उनके फाइनेंशियल स्टेटस को पता करके ही फीस ली जाएगी। बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए गठित राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बायजूस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके अनुसार, जो बच्चे बाजयूस के तहत ऑनलाइन कोर्स के लिए अप्लाई करते हैं, उनके पेरेंट्स को बायजूस का “एफोर्डेबिलिटी टेस्ट’ देना होगा।
कंपनी पर लगे गंभीर आरोप
कंपनी पर आरोप लगाया गया है कि वे बच्चों के फोन नंबर्स खरीद कर उनके माता-पिता को अपना कोर्स खरीदने के लिए धमकी दे रही है। NCPCR को शिकायत मिली थी कि बायूज (BYJU’s) बच्चों के फोन नंबर खरीद रही है और उनके पैरेंट्स को धमकी दे रही है कि अगर उन्होंने कोर्स नहीं खरीदा तो बच्चे का भविष्य बर्बाद हो जाएगा।
कानूनगो ने बताया कि बाजयूस जल्द ही एफोर्डेबिलिटी टेस्ट की शुरुआत करेगा। कानूनगो के अनुसार, इस तरह बच्चों को परेशान करना गलत है। ये टेस्ट उन पेरेंट्स की मुश्किलें बढ़ाएगा जिनकी सैलरी 25,000 से कम है क्योंकि वे खराब आर्थिक स्थिति के चलते बायजूस का कोर्स नहीं खरीद सकेंगे।
कंपनी ने अपने बयान में कही ये बात
कंपनी ने बयान दिया है कि अब वो कम आय वर्ग में आने वाले परिवार के बच्चों को ट्यूशन कोर्स की बिक्री नहीं करेगा। कंपनी के मुताबिक, ये देखने के लिए क्या परिवार ट्यूशन फीस का भुगतान करने या उसके लिए कर्ज उठाने की स्थिति में है या नही, परिवार की आर्थिक स्थिति को इस टेस्ट के जरिये चेक किया जाएगा। 25 हजार से कम आय वाले परिवारों को ऐसे कोर्स ऑफर नहीं किए जाएंगे।
बायजू ने कहा – वे स्टूडेंट की मदद करना चाहते हैं
एनपीसीआर के पहले 23 दिसंबर को बायजूस के फाउंडिंग पार्टनर प्रवीण प्रकाश ने बेंगलुरु की कंपनी का प्रतिनिधित्व किया। आयोग के पास 2005 के सीपीसीआर अधिनियम की धारा 14 के तहत और सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के अधीन मुकदमे की कोशिश करने के लिए कोविल कोर्ट की पॉवर है।
बाजयूस ने इकोनॉमिक टाइम्स को दिए अपने बयान में कहा कि वे सीधे तौर पर स्टूडेंट् को लोन ऑफर नहीं कर रहे हैं, बल्कि जहां छात्रों को फाइनेंस की जरूरत है, वहां आर्थिक रूप से उनकी मदद करना चाहते हैं। बायजूस आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता को थर्ड पाटी बैंक या प्रतिष्ठित फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट से कनेक्ट करके उनकी मदद करेगा।