अगर आप किसी कारण से अपना करियर सॉफ्टवेयर फील्ड में नहीं बना पाए थे और अब स्टार्ट करना चाहते है तो ये सिंपल प्रोसेस फॉलो करे …
सॉफ्टवेयर फील्ड में करियर स्टार्ट करने के दो रास्ते है – सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग और सॉफ्टवेयर टेस्टिंग
प्रोग्रामिंग में आपको सॉफ्टवेयर बनाना या डेवेलप करना होता है या यो कहे कि आपको कोडिंग करनी होती है जबकि टेस्टिंग में आपको डेवलपर द्वारा बनाये गए सॉफ्टवेयर को टेस्ट करना या जांचना या परखना या चेक करना होता है कि क्या ये वैसे ही काम कर रहा है जैसा इसको होना चाहिए था, अगर इसमें कोई प्रोब्लेम्स है तो उनको रिपोर्ट करना या डेवलपर को बताना ताकि वो इश्यूज या प्रोब्लेम्स को ठीक करे और सॉफ्टवेयर सही से काम करने लगे !
आप दोनों में से कोई भी ट्रैक सेलेक्ट कर सकते है ! मगर यहाँ हम सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग के बारे में बात करेंगे !
सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग में करियर कैसे बनाये:
सबसे पहले आप अपने आस पास एक मेंटर तलाश ले जो आपको सही जानकारी दे सके ! सॉफ्टवेयर फील्ड में इतनी सारी प्रोग्रामिंग languages है कि आप को शायद ये पता ही न चल पाए कि कहा से स्टार्ट करे, कौनसी स्किल डेवलप करे!
अपने मेंटर की मदद से सबसे पहले ये देखिये की इंडस्ट्री में कौन सी स्किल्स डिमांड में है, फिर उसमे से कोई एक या सेट ऑफ़ स्किल्स को सेलेक्ट करके अपना learning path (किस क्रम में क्या क्या सीखना है और कितने समय में सीख लेना है इसी को लर्निंग पाथ कहते है) बना ले !
फिर उस लर्निंग पाथ पर चलते हुए आगे बढ़ते रहे और अपने अंदर जरूरी स्किल्स डेवलप करते चले, केवल रीडिंग या videos देखकर नहीं बल्कि अपने हाथ से कोडिंग करके सीखे, इससे आपको कॉन्फिडेंस भी आएगा और आप इस दौरान हो रही गलतियों से बहुत कुछ और भी सीखते चलेंगे ! यहाँ कि गयी मिस्टेक्स से और ये जान लेने से कि कैसे और कहा क्या गलती हो सकती है और इसको जल्दी से कैसे सुधारा जा सकता है, आप जब रियल वर्ल्ड सॉफ्टवेयर या अपने रियल कस्टमर के लिए सॉफ्टवेयर डेवेलप करेंगे, उस समय बहुत हेल्प होगी और आप तेज़ी से काम फिनिश कर पाएंगे l
सॉफ्टवेयर डेवेलपर को उसकी स्पीड, एक्यूरेसी, एफिशिएंसी एंड वर्क क्वालिटी से जज किया जाता है, आप जितना जल्दी किसी टास्क को कम्पलीट करेंगे, आपके काम में जितने कम इश्यूज होंगे एवं आप जितने अच्छे से और दक्षता से काम करेंगे उतना जल्दी इस फील्ड में ग्रो करेंगे l
सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर बनने के लिए सबसे जरूरी और बेसिक आवश्यकता है कि आपके प्रोग्रामिंग फंडामेंटल्स अच्छे होने चाहिएl इसके लिए आप C, C++ or Java में से कोई भी एक लैंग्वेज लेकर इसमें छोटे-छोटे programs बना कर अपने प्रोग्रामिंग फंडामेंटल्स को डेवेलप कर सकते है I
वैसे तो प्रोग्रामिंग या सॉफ्टवेयर डेवलपर फील्ड बहुत विस्तृत है मगर आप किसी भी छोटे से सॉफ्टवेयर को डेवेलप कर सकते है जैसे बिल / इनवॉइस प्रिंटिंग सॉफ्टवेयर या कस्टमर कि कम्प्लेंट्स रजिस्टर करने का सॉफ्टवेयर या फिर खुद के एक्सपेंसेस ट्रैक या manage करने का सॉफ्टवेयर इत्यादि l
एक सॉफ्टवेयर जनरली निम्न से मिलकर बना होता है:
फ्रंटएण्ड या यूजर इंटरफ़ेस या स्क्रीन्स – इसके लिए आपको HTML/CSS/JavaScript आदि का नॉलेज होना चाहिए
बैकेंड लॉजिक – इसके लिए आपको Java या कोई भी और बैकेंड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का नॉलेज होना चाइये ताकि आप अपने सॉफ्टवेयर का बिज़नेस एंड बैकेंड लॉजिक यहाँ लिख सके
डेटाबेस – इसके लिए आपको किसी भी एक डेटाबेस (Oracle, SQL, mysql etc.) का नॉलेज होने चाइये ताकि आप अपने सॉफ्टवेयर के लिए डाटा स्टोर कर सके l
लगातार अपनी प्रोग्रामिंग स्किल्स पे काम करते रहे, छोटे छोटे सॉफ्टवेयर बनाते चले, छोटे छोटे सॉफ्टवेयर मिलकर एक बड़ा सॉफ्टवेयर भी बन सकता है, जैसे स्कूल के एडमिशन ट्रैकिंग, टाइम टेबल ट्रैकिंग, एग्जाम मैनेजमेंट, रिजल्ट पब्लिश करना इत्यादि ये सब छोटे छोटे सॉफ्टवेयर मिलकर/ इंटीग्रेट होकर एक स्कूल मैनेजमेंट का सॉफ्टवेयर बन सकता है l
अगर आप पहले से किसी जॉब में है तो भी आप समय निकाल कर ये प्रोसेस फॉलो करे, प्रोग्रामिंग को अपना पैशन बना ले और कोई भी एक सेट ऑफ़ स्किल्स सेलेक्ट करके आगे बढ़े, कुछ ही समय में आप पाएंगे कि आपको मजा भी आ रहा है और आप बहुत कुछ सीख भी रहे है बस निरंतरता बनाये रखे, हथियार न डाले, लगे रहे, जहा भी अटके तुरंत अपने मेंटर से हेल्प ले , इंटरनेट पर भी बहुत हेल्प अवेलेबल है उसका भी प्रयोग करे और आगे बढ़े।
यकीन मानिये इस फील्ड में काम करने वाले लोगो कि बहुत डिमांड है और अच्छा काम करने वालो कि तो बहुत ज्यादा डिमांड है |
अगर आप पहले से कंप्यूटर के स्टूडेंट रहे है और अपना करियर सॉफ्टवेयर में नहीं बना पाए थे तो अब भी कोई देर नहीं हुई। आज ही से स्टार्ट करे और 6 माह से 1 वर्ष का समय लेकर चले, अगर आप 1 वर्ष में स्किल्स डेवेलप कर के 4-5 छोटे छोटे सॉफ्टवेयर भी बना लेते है तो आप अब किसी भी कंपनी में इंटरव्यू के लिए तैयार है, अपना CV ready करे, अपने किये हुए काम को अच्छे से एक्सप्लेन करे , स्किल जो आपने सीखी है और काम में ली है वो मेंशन करे। इंटरव्यू कि अच्छे से तैयारी करे, इंटरनेट पर इंटरव्यू questions आसानी से मिल जाते है उसको रेफेर करे एंड उसमे पूछे गए questions भी सॉल्व करे।
पहली जॉब में बहुत ज्यादा सैलरी कि डिमांड न करे बल्कि ये देखे कि कौन सी कंपनी में आपको और ज्यादा सिखने को मिल सकता है ऐसे कंपनी में ज्यादा समय न रुके जहा सिखने को कुछ न हो, अपनी सेल्फ लर्निंग जारी रखे और आप देखेंगे कि जल्दी ही आप एक सॉफ्टवेयर डेवलपर के ट्रैक पर अपना करियर स्टार्ट कर चुके है।