Mumbai : शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल अगर शिवसेना नहीं छोड़ते तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन जाते। ठाकरे भुजबल के 75वें जन्मदिन के मौके पर यहां आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे, जिसमें शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के नेता एक साथ आए थे। इस कार्यक्रम में नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला भी एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट के साथ मौजूद थे। ठाकरने ने कहा कि मैं अब शॉक प्रूफ हो गया हूं। लेकिन जब भुजबल ने शिवसेना छोड़ी, तो मुझे यह स्वीकार करना होगा कि हमारा परिवार सदमे की स्थिति में था। गुस्सा राजनीतिक था। हम लंबे समय तक इसे पचा नहीं पाए कि हमारे अपने परिवार के किसी सदस्य ने हमें छोड़ दिया था।
1990 में बालासाहेब से मतभेद के बाद भुजबल ने छोड़ी थी शिवसेना
कभी शिवसेना के तेजतर्रार नेता रहे भुजबल ने बाल ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ दी थी और 1990 के दशक में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बाद में एनसीपी का गठन होने पर उन्होंने शरद पवार का अनुसरण किया। उद्धव ने आगे कहा, काश मेरी मां वहां होती जब आप मातोश्री (ठाकरे निवास) गए थे और बालासाहेब के साथ सभी मतभेदों को सुलझाते। इस दौरान अजीत पवार ने एनसीपी के गठन में भुजबल द्वारा निभाई गई भूमिका और 2002 में विलासराव देशमुख सरकार को बचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को याद किया।
अजीत पवार बोले, छगन भुजबल की मदद लेते तो उद्धव बने रहते सीएम
वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे कुर्सी बरकरार रहती अगर उन्होंने संकट के दौरान अनुभवी राजनेता छगन भुजबल से मदद मांगी होती। महा विकास अघाड़ी की पिछली गठबंधन सरकार में ठाकरे के डिप्टी रहे अजीत पवार ने कहा कि शिवसेना और कांग्रेस का खेमा बदलकर एनसीपी में आए भुजबाल विद्रोहों से निपटने के लिए सही व्यक्ति हैं और शिवसेना सुप्रीमो को उनसे संपर्क करना चाहिए था।
अजीत पवार ने कहा कि जब शिवसेना के 15 विधायक पार्टी से हट गए थे तब उद्धव ठाकरे को छगन भुजबल की मदद लेनी चाहिए थी। वह ऐसे मामलों के मास्टर हैं। अगर आपने उनसे संपर्क किया होता, तो आप अभी भी महाराष्ट्र के सीएम होते। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने भुजबल के 75वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में ये बातें कहीं। ठाकरे और अजीत पवार के अलावा मुंबई में आयोजित समारोह में नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के साथ राकांपा सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट भी शामिल हुए।