मुख्यमंत्री का जोधपुर दौरा:सुदृढ़ न्यायपालिका से मजबूत होता लोकतंत्र न्याय क्षेत्र को सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध;मुख्यमंत्री-जोधपुर में महाधिवक्ता कार्यालय का शुभारंभ-हाईकोर्ट में सुविधाओं के विस्तार के लिए मुख्यमंत्री ने दी गारंटी-राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल पास करने वाला पहला राज्य-मिशन-2030 के लिए अधिवक्ताओं से आमंत्रित किए सुझाव

Jodhpur Rajasthan

जोधपुर,25 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में सबसे पहले राजस्थान में कई महत्वपूर्ण कानून लागू किए गए, जिनकी पूरे देश में चर्चा है। इनमें एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल, गिग वर्कर्स एक्ट, स्वास्थ्य का अधिकार, राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी जैसे ऐतिहासिक फैसले हैं। इनका विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अनुसरण तक किया जा रहा है। प्रदेश सरकार न्याय क्षेत्र को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए संसाधनों और सुविधाओं के विस्तार में प्रयासरत है।

श्री गहलोत सोमवार को राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में महाधिवक्ता कार्यालय के नवीन भवन उद्घाटन पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में नए हाईकोर्ट भवन के लिए 110 करोड़ रुपए मंजूर किए। इसके बाद भी प्राप्त सुझावों के अनुरूप आधारभूत विकास और बहुआयामी विस्तार के लिए स्वीकृतियां दी गई। आगे भी कोई कमी नहीं रखी जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में अब 50 जिले हो गये हैं। ऐसे में न्याय क्षेत्र में विस्तार की दृष्टि से सेवाओं और सुविधाओं में व्यापक बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 200 से अधिक नए न्यायालय खोले और क्रमोन्नत किए हैं। इससे परिवादियों के लम्बित प्रकरणों का निस्तारण सुगम हो रहा है।

श्री गहलोत ने कहा कि लम्बित प्रकरणों के निस्तारण में सूचना एवं प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल किया जाए। लम्बित मामलों के कारणों पर भी गंभीर चिन्तन होना चाहिए। साथ ही, राजस्थान उच्च न्यायालय और राज्य सरकार को फास्ट कोर्ट बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि लिटिगेशन पॉलिसी लागू करने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने हाईकोर्ट में हर माह अंतिम तारीख को होने वाली हड़ताल को खत्म करने का आह्वान भी किया।

मिशन-2030 के लिए सुझाव आमंत्रित—

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान मिशन-2030 में अभी तक 2 करोड़ लोगों ने सपनों के राजस्थान के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए हैं। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए न्यायाधीश और अधिवक्ता भी अपने सुझाव दें। इन्हें विजन-2030 डॉक्यूमेंट में शामिल किया जाएगा।   

पट्टिका अनावरण कर किया अवलोकन—

श्री गहलोत ने राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और न्यायाधीश श्री विजय बिश्नोई के साथ लोकार्पण पट्टिका का अनावरण किया। साथ ही, महाधिवक्ता चैम्बर तथा भवन में सुविधाओं का अवलोकन किया। यह भवन 22.55 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है। इस दौरान भवन निर्माण में अहम भूमिका निभाने वालों को सम्मानित किया गया। 

समारोह में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने कहा कि अंतिम पंक्ति तक बैठे व्यक्ति को शीघ्र एवं सुगम न्याय उपलब्ध कराने की दिशा में सभी को प्रयास करने होंगे। वरिष्ठ न्यायाधीश श्री विजय बिश्नोई ने कहा कि सबसे बड़ा पक्षकार राज्य सरकार होती है, ऐसे में यह महाधिवक्ता कार्यालय अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगा। समारोह में राजस्थान के महाधिवक्ता श्री महेन्द्र सिंह सिंघवी और अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री संदीप शाह ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर न्यायाधीश, पूर्व न्यायाधिपति, अभिभाषक, कार्मिक, बार एसोसिएशन सदस्य एवं अधिकारी उपस्थित थे।