जयपुर:-राजस्थान में बहुमत मिलने के साथ ही BJP में CM पद की दौड़ शुरू हो गई है। राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर दिल्ली में मंथन जारी है। जयपुर में सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से 30 से ज्यादा विधायकों ने मुलाकात की। इसे वसुंधरा का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।
वसुंधरा के समर्थक और 8 बार के विधायक कालीचरण सराफ ने दावा किया है कि उनसे 70 विधायकों ने मुलाकात की है। वे जहां गईं, वहां भाजपा जीती है। वसुंधरा सर्वमान्य नेता हैं। वसुंधरा के आवास पर मंगलवार को भी विधायकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। सुबह अरुण चौधरी, जोगाराम पटेल, संजीव बेनीवाल, दर्शन सिंह, अजय सिंह किलक और जसवंत यादव मिलने पहुंचे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास पर आज उनसे मुलाकात करने शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी के अलावा गोपीचंद मीणा, गोपाल शर्मा और भजन लाल शर्मा पहुंचे। जहाजपुर विधायक गोपीचंद मीणा ने कहा- केंद्रीय और सीपी जोशी के नेतृत्व में प्रदेश में सरकार बनी है। सीएम कौन होगा सवाल पर बोले- संगठन सर्वोपरि है।
गोपीचंद सोमवार को वसुंधरा से भी मिलने पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि सीएम का चेहरा केंद्रीय नेतृत्व को तय करना है, लेकिन हमारा विश्वास वसुंधरा राजे में है। जोशी के आवास पर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह भी पहुंचे। सीएम पद को लेकर उन्होंने कहा- पालियामेंट्री बोर्ड जो फैसला लेगा, वो ही सभी को मान्य होगा।
दूसरी ओर, आज केंद्रीय नेतृत्व विधायकों की राय जानने के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर सकता है। इसके साथ ही आज भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक भी हो सकती है। सोमवार को प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
इसके बाद रात 11 बजे सीपी जोशी और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह दिल्ली से चार्टर विमान से जयपुर लौट आए। बताया जा रहा है कि मुलाकात में विधायक दल की बैठक, पर्यवेक्षकों की नियुक्ति सहित अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। इस बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने 15वीं विधानसभा भंग करने की अधिसूचना जारी कर दी है। अब नए विधायकों से 16वीं विधानसभा का गठन होगा। चुनाव आयोग ने भी प्रदेश में लगी आचार संहिता हटा ली है।
विधायक बोले- वसुंधरा पहली पसंद होंगी
वसुंधरा राजे के विधायकों से मिलने को उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। सोमवार को विधायकों से मुलाकात के बाद वसुंधरा समर्थकों ने दावा किया था कि उनसे करीब 47 विधायकों ने मुलाकात की है।
वसुंधरा से मुलाकात के बाद विधायक बहादुर कोली, गोपीचंद मीणा और समाराम गरासिया ने कहा कि हमारी राय पूछी गई तो वसुंधरा पहली पसंद होंगी। इतना ही नहीं, ये भी दावा किया जा रहा है कि उनके पास 45 से ज्यादा MLA का समर्थन है।
ये विधायक मिलने पहुंचे थे पूर्व CM से
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिलने के लिए कालीचरण सराफ, बाबू सिंह राठौड़, प्रेमचंद बैरवा, गोविंद रानीपुरिया, ललित मीणा, कंवरलाल मीणा, राधेश्याम बैरवा, कालूलाल मीणा, केके विश्नोई, विक्रम बंशीवाल आदि पहुंचे।
इनके अलावा भागचंद टाकड़ा, रामस्वरूप लांबा, प्रताप सिंह सिंघवी, गोपीचंद मीणा, बहादुर सिंह कोली, शंकर सिंह रावत, मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, समाराम गरासिया, रामसहाय वर्मा, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, शत्रुघ्न गौतम, गजेंद्र खींवसर, गुरवीर सिंह आदि ने भी वसुंधरा के आवास पर उनसे मुलाकात की।
अधीर रंजन चौधरी ने बालकनाथ की तरफ इशारा कर कहा- नए CM से मिलें
सोमवार को संसद सत्र की शुरुआत थी। अलवर सांसद बालकनाथ संसद पहुंचे तो नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने उनकी तरफ इशारा कर कहा कि ये राजस्थान के CM बनने वाले हैं। इस पर बालकनाथ झेंप गए। बालकनाथ ने तिजारा विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है।
CM पद की दौड़ में इनका नाम
राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद की रेस में फिलहाल वसुंधरा राजे के अलावा सीनियर नेता ओम प्रकाश माथुर, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, दीया कुमारी, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, भूपेंद्र यादव, बाबा बालकनाथ और डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के नाम चल रहे हैं।
ये बन सकते हैं नए मंत्री
किरोड़ी लाल मीणा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भजनलाल, अजय सिंह किलक, जितेंद्र गोठवाल, पुष्पेंद्र सिंह बाली, बाबू सिंह राठौड़, गजेंद्र सिंह खींवसर, वासुदेव देवनानी, कालीचरण सराफ, अनिता भदेल, बाबूलाल खराड़ी, मदन दिलावर, सुमित गोदारा, जोगेश्वर गर्ग, कुलदीप धनखड़, हंसराज पटेल। राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया और सुभाष महरिया को संगठन का काम या बोर्ड अध्यक्ष बनाया जा सकता है।