अरुणाचल में बादल फटा,लैंडस्लाइड-बाढ़:असम में 4 लाख लोग प्रभावित,37 की मौत;MP समेत 11 राज्यों में आज भारी बारिश का अलर्ट

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अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में रविवार सुबह 10.30 बजे बादल फटने से बाढ़ जैसे हालात बन गए। अधिकारियों ने बताया कि कई जगहों पर लैंड स्लाइड हुआ। लोगों को वहां न जाने की सलाह दी गई है। वहीं, नेशनल हाइवे-415 पर जलभराव होने से कई वाहन फंसे हुए हैं।

उधर, असम में करीब एक हफ्ते से बारिश हो रही है। सरकार के अधिकारियों ने 22 जून को बताया कि बाढ़ से 19 जिलों में करीब 4 लाख लोग प्रभावित हैं। इस साल बाढ़ और लैंडस्लाइड से मरने वालों का आंकड़ा 37 हो गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सरकार ने 100 रिलीफ कैंप लगाए हैं। राहत सामग्री देने के लिए 125 सेंटर बनाए हैं।

मौसम विभाग (IMD) ने आज मध्य प्रदेश समेत 11 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इनमें मध्य प्रदेश का मालवा इलाके के अलावा गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने मानसून के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में आने वाली बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की। इसमें गृह, जल संसाधन, नदी विकास, पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, सड़क परिवहन मंत्रालयों और विभागों के सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, NDMA के अधिकारी शामिल हुए।

मानसून 3 जुलाई तक दिल्ली-पंजाब को कवर करेगा
22 जून तक मानसून महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, गुजरात-महाराष्ट्र के कुछ हिस्से, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पश्चिम बंगाल पहुंच चुका है। 3-4 दिन में इन राज्यों को पूरी तरह कवर कर लेगा। 27 जून तक मानसून दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में एंट्री ले सकता है और 3 जुलाई तक इन राज्यों को पूरी तरह कवर करके आगे बढ़ेगा।

मानसून के साथ ही कुछ राज्यों में तेज गर्मी का दौर भी जारी है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश में आज और कल लू चलने की संभावना है। पंजाब और दिल्ली में कल से 25 जून तक हीटवेव का अलर्ट है।

मानसून कहां-कहां पहुंचा
दक्षिण-पश्चिम मानसून निकोबार में 19 मई को पहुंच गया था। केरल में इस बार दो दिन पहले, यानी 30 मई को, ही मानसून पहुंच गया था और कई राज्यों को कवर भी कर गया। फिर 12 से 18 जून तक (6 दिन) मानसून रुका रहा। इसके चलते उत्तर भारत में हीटवेव चल रही है।

मानसून 12 जून तक केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को पूरी तरह कवर कर चुका था। साथ ही दक्षिण महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों, दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, दक्षिणी ओडिशा, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और सभी पश्चिमोत्तर राज्यों में पहुंच गया था।

18 जून तक मानसून गुजरात के नवसारी, महाराष्ट्र के जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, ओडिशा के मलकानगिरी और आंध्र प्रदेश के विजयनगरम तक पहुंचा था। मौसम विभाग का अनुमान है कि जून में मानसून सामान्य से कम यानी 92% लंबी अवधि के औसत (LPA) से कम रहेगा।

मानसून का आम लोगों पर असर…

देश में इस सीजन हीटस्ट्रोक के 40 हजार मामले
हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, 1 मार्च से 18 जून तक करीब 41 हजार से ज्यादा हीटस्ट्रोक के केसेज रिकॉर्ड किए गए। वहीं, हीटवेव से 114 लोगों की मौत हुई है।

इस बार हीटवेव के दिन औसत से दोगुने थे। मौसम विभाग ने इस महीने भी सामान्य से अधिक तापमान का अनुमान लगाया है।

विभाग ने कहा है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण देश में तेज गर्मी का असर अब तक देखने को मिल रहा है।