जयपुर :-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारियों के प्रमोशन से संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए रिटायर्ड आईएएस अफसर खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर दी है।
सीएम गहलोत ने 18 जनवरी को देर रात तक 59 कर्मचारी संगठनों से उनकी समस्याओं पर बातचीत करने के बाद कमेटी गठित करने का निर्णय लिया। भास्कर ने इस कमेटी के गठन की संभावना 20 जनवरी को ही अपनी खबर में बता दी थी।
सूत्रों का कहना है कि सीएम के साथ मीटिंग में कर्मचारी संगठनों ने लगभग 110 मांगों को रखा था। विधानसभा में सीएम गहलोत 8 फरवरी को बजट पेश करेंगे, ऐसे में इतनी जल्दी इतनी मांगों पर कोई भी फैसला करना संभव नहीं।
सूत्रों का कहना है कि विधानसभा में 23 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र के दौरान ही कमेटी से एक बार अंतरिम रिपोर्ट मांगी जा सकती है। उस पर कर्मचारियों को विश्वास दिलाने के लिए सीएम गहलोत उसे लागू करने की घोषणा बजट सत्र में ही करेंगे।
इसके बाद जब फाइनल रिपोर्ट कमेटी देगी तो खुद-ब-खुद ही उसकी सिफारिशें लागू हो जाएंगी। सीएम ने बजट से ठीक पहले कर्मचारी संगठनों से इसीलिए मीटिंग की है, ताकि उनके मुद्दों पर बजट में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की जा सकें।
फिलहाल 110 मांगों में से मुख्य रूप से दो सबसे महत्वपूर्ण मांगों पर जल्द फैसला किया जाना है। एक मांग तो है विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत क्लैरिकल ग्रेड के एक लाख कर्मचारियों को सचिवालय के बराबर वेतन व पदोन्नति की सुविधाएं व अवसर देना।
दूसरी मांग है बोर्ड-निगमों में कार्यरत करीब एक लाख कर्मचारियों को भी ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देना। अभी तक ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) से बोर्ड-निगमों में कार्यरत करीब एक लाख कर्मचारी वंचित हैं। खेमराज कमेटी इनके अतिरिक्त शिक्षा, चिकित्सा, जलदाय, बिजली, पुलिस आदि विभागों में कार्यरत साढ़े पांच लाख कर्मचारियों के पदोन्नति संबंधी मामलों पर भी विचार करेगी।
खेमराज चौधरी को माना जाता है कार्मिक-कर्मचारी मुद्दों का एक्सपर्ट आईएएस अफसर
खेमराज चौधरी राजस्थान कैडर से रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं। वे सीएम गहलोत के पिछले कार्यकाल (2008-2013) में प्रमुख कार्मिक सचिव के पद पर नियुक्त थे। उन्हें तब आरएएस प्रमोशन, ओबीसी आरक्षण, पदोन्नति में आरक्षण जैसे विषयों पर लंबे समय तक सरकार, कर्मचारी संगठन, न्यायालय, अधिकरण, प्राधिकरण आदि के मंचों पर सरकार का पक्ष रखने का मौका मिला था।
दो साल पहले भी कर्मचारियों संबंधी मुद्दों पर रिपोर्ट देने के लिए एक कमेटी का अध्यक्ष बनाया था। उस कमेटी की रिपोर्ट खेमराज ने हाल ही 30 दिसंबर-2022 को सीएम को सौंपी थी। अब गहलोत ने उन्हें नई कमेटी की भी जिम्मेदारी दी है।
इस कमेटी का प्रशासनिक विभाग कार्मिक विभाग (डीओपी) को बनाया गया है और इसी विभाग के संयुक्त शासन सचिव इसमें सदस्य सचिव के रूप में नियुक्त किए गए हैं। सीएम के साथ कर्मचारी मुद्दों पर मीटिंग में शामिल हुए कर्मचारी नेता तेज सिंह राठौड़, राजेश पारीक, छीतरमल सैनी, राजेन्द्र राणा, सूरज प्रकाश टांक, आयुदान सिंह, संतोष विजय, प्यारेलाल चौधरी, गजेन्द्र राठौड़ आदि ने जो मुद्दे उठाएं हैं, उन पर कार्मिक विभाग भी अलग से अपनी कवायद कर रहा है।
इन निगम-बोर्ड के एक लाख कर्मचारी हैं ओपीएस से वंचित, बन सकती है अलग कमेटी
ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने वाले सीएम अशोक गहलोत देश के पहले मुख्यमंत्री हैं। वे कई बार कह चुके हैं कि कर्मचारियों को सुरक्षित भविष्य का आश्वासन मिलना ही चाहिए। यह आश्वासन व विश्वास ही ओल्ड पेंशन स्कीम है। अब पूरे देश में कर्मचारी ओपीएस की मांग कर रहे हैं, लेकिन राजस्थान में ही अभी भी करीब एक लाख कर्मचारी हैं, जिन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ नहीं मिला है।
सरकार के कुल साढ़े सात लाख कर्मचारियों के लिए तो यह स्कीम लागू हो गई है, लेकिन विभिन्न सरकारी विभागों से जुड़े बोर्ड, निगम, कॉर्पोरेशन, मंडल, अकादमी, प्राधिकरण आदि में कार्यरत लगभग एक लाख कर्मचारी अब भी इससे वंचित हैं। अब इनके विषय में निर्णय करने से पहले सरकार एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर सकती है, जो विशेष रूप से इसी मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
यहां इतने पद और कार्मिकों को मिलेगा फायदा प्रमोशन के रास्ते खुलने पर
- सार्वजनिक निर्माण, जलदाय, सिंचाई, बिजली आदि विभागों में इंजीनियरिंग कैडर में 15,000 कार्मिक
- शिक्षा विभाग में तृतीय, द्वितीय श्रेणी व व्याख्याता के करीब ढाई लाख कार्मिक
- चिकित्सा विभाग में नर्सिंग कैडर में लगभग 35,000 कार्मिक
- मंत्रालयिक संवर्ग में क्लैरिकल के करीब एक लाख कार्मिक
- विभिन्न विभागों में ड्रॉइंग, मैपिंग, टेक्नीशियन, आर्किटेक्ट, मैकेनिकल आदि से जुड़े एक लाख तकनीकी कार्मिक
- निजी सचिव, सहायक सचिव, स्टैनोगाफर कैडर के करीब 15,000 कार्मिक
- चतुर्थ श्रेणी के करीब 50,000 सहायक कार्मिक
- शेष विभिन्न कैडर के लगभग डेढ़ लाख कार्मिक
यहां इन बोर्ड-निगमों में हैं इतने कर्मचारी हैं ओपीएस से वंचित
- ऊर्जा विभाग के जयपुर डिस्कॉम, अजमेर डिस्कॉम, जोधपुर डिस्कॉम, प्रसारण निगम व उत्पादन निगम में 55,915 कर्मचारी
- परिवहन विभाग के तहत रोडवेज में 13,000 कर्मचारी
- आरटीडीसी (पर्यटन विभाग) में 1200 कर्मचारी
- विभिन्न विश्वविद्यालय, ऑटोनोमस कॉलेज, अध्ययन केन्द्र आदि में 7000 कर्मचारी
- राजनीतिक नियुक्तियों वाले करीब 100 से अधिक बोर्ड, निगम, मंडल आदि में करीब 25,000 कर्मचारी
प्रमोशन में आने वाली इन बाधाओं को दूर करेगी खेमराज कमेटी
खेमराज कमेटी कर्मचारियों के प्रमोशन में होने वाली बाधाओं को दूर करेगी। इनमें समय पर विभागीय पदोन्नति समितियों की मीटिंग न होना, प्रमोशन का एक तय कैलेन्डर न होना, आरक्षण सम्बन्धी नियमों का पालन न होना, अलग-अलग विभागों में अलग-अलग नियम होना, आईएएस आईपीएस की तरह टाइम बाउंड प्रमोशन न होना और रिक्त पदों को समय पर न भरना जैसी बाधाएं शामिल हैं।