जोधपुर:-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर आरोप लगाते हुए कहा कि- मंत्री जी घबरा गए हैं, क्योंकि सीधा आरोप उनके और उनके परिवार पर लगा है। सीएम गहलोत मंगलवार को जोधपुर में कांग्रेस के संभाग स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने गजेंद्र सिंह शेखावत पर आरोप लगाए तो उन्होंने मेरे ऊपर मानहानि का मुकदमा कर दिया। मैंने सर्च किया, संजीवनी से पीड़ित 2 लाख परिवार हैं, जिनका पैसा डूब गया है। मेरे खिलाफ मानहानि का मामला लगाया है।
सीएम गहलोत ने कहा कि ये इश्यू बनेगा तो प्रेशर बढ़ेगा और पीएम नरेंद्र मोदी का प्रेशर इन पर बढ़ेगा तो पैसा आने की संभावना बढ़ जाएगी। मैं तो यही सोचकर चल रहा हूं कि मेरे खिलाफ चाहे कुछ भी करें,लेकिन पैसा लौटाने के लिए आगे आए।
सीएम गहलोत ने जल शक्ति मंत्री शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि अफ्रीकी देश इथियोपिया में जो पैसा लगाया है वह पैसा लूटा हुआ है। वह जनता को बताएं कि यह पैसा आया कहां से? ये जनता को आकर क्यों नहीं बता रहे। जबकि संजीवनी से पीड़ित लोग तीन बार मेरे से मिल चुके हैं।
सीएम गहलोतने कहा कि उनकी पीड़ा सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं। ये बैठक बुलाकर क्यों नहीं कह देते कि उस समय संजीवनी में जो था वह मेरा दोस्त था, अब मेरा दोस्त नहीं है। मेरा अब उससे कोई संबंध नहीं है। जल शक्ति मंत्री शेखावत ऐसा क्यों नहीं बोल पा रहे हैं। एसओजी के पास रिकॉर्ड में लेनदेन के पूरे प्रूफ हैं।
सीएम गहलोत ने कहा कि- हाईकोर्ट में ये बहानेबाजी के लिए गए। इनको मालूम है जब एसओजी मामले की जांच करीब-करीब कर चुकी है और कभी भी, किसी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत घबरा कर एक तरफ मेरे खिलाफ केस कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट में सीबीआई को केस दिलवाने के लिए गए हैं। इनकी पूरी पोल खुल चुकी है। ये बुरी तरह से डर गए हैं।
सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार गिराने की साजिश वाले टेप में इनकी आवाज थी। इसके बावजूद ये वॉयस सैंपल देना नहीं चाहते हैं। वह सैंपल देने के लिए बहानाबाजी कर रहे हैं और उल्टा केस मेरे ओएसडी लोकेश शर्मा पर कर दिया। जब इनको पानी का मंत्रालय मिला तो हम सबको खुशी हुई। पानी की जरूरत जोधपुर और राजस्थान के लोगों को है। इसके बावजूद वह इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।
सीएम गहलोत ने डॉक्टर्स की हड़ताल का जिक्र करते हुए कहा कि इनका पूरा सम्मान है, सरकार इनका सहयोग करना चाहती है। इन्हें हड़ताल खत्म करनी चाहिए क्योंकि पब्लिक को तकलीफ होती है। डॉक्टर को लोग भगवान मानते हैं और यह जो एक्ट बना है वह पब्लिक के हित में है।
सीएम गहलोत ने कहा कि डॉक्टरों को गलतफहमी हुई थी, उसे दूर कर दिया गया। डॉक्टर से बात हमने की, इसके बाद उन्होंने जो सुझाव दिए, उन इनपुट के साथ बिल पेश हुआ। फिर पता नहीं डॉक्टर को क्या अनावश्यक गलतफहमी हुई, जिसकी कोई जरूरत नहीं है। अभी सरकार के दरवाजे खुले हैं। कोई गलतफहमी होगी तो दूर कर देंगे। हम चाहेंगे की प्राइवेट सेक्टर, पब्लिक सेक्टर मिलकर राजस्थानवासियों की सेवा करें।