मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहा विवाद अब समाप्त होने की स्थिति में आ गया है। आखिर लंबे इंतजार के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में 6 जुलाई को प्रातःकाल 10:30 बजे कांग्रेस मुख्यालय पर राजस्थान के मसले को लेकर बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में सीएम गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होंगे। जबकि संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सचिन पायलट, पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व प्रतिपक्ष नेता रामेश्वर डूडी और नेताओं को भी शामिल किया जा सकता है !
केंद्रीय नेतृत्व के कड़े रुख के चलते सीएम गहलोत ने सचिन पायलट की मांगों पर कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि सीएम गहलोत अब तीनों मांगों पर सकारात्मक रूप अपनाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के घोटालों की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन कर सकते हैं। बेरोजगारों के मामले में भी कोई समाधान निकाले जाने की कोशिश होगी। सीएम गहलोत ने मंगलवार को राजस्थान लोक सेवा आयोग और राजस्थान अधीनस्थ भर्ती बोर्ड में सदस्यों कि चयन प्रक्रिया को लेकर नए मैकेनिज्म तैयार करने के लिए मुख्य सचिव उषा शर्मा को निर्देश जारी किए गए हैं। पेपर लीक और नकल रोकने वाले कानून में संशोधन कर उम्र कैद का प्रावधान करने के लिए नया विधेयक विधानसभा में पेश करने का निर्देश भी दिया गया है। ऐसे में सीएम गहलोत के लिए नेतृत्व से किसी प्रकार का कोई विवाद करना उनकी पक्ष में नहीं है।
जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह बघेल को निर्देश देकर परिवर्तन करने के आदेश दिए उसी के बाद सीएम गहलोत ने भी अपने रूप में परिवर्तन कर लिया है और कोई दिशानिर्देश आने से पहले वे केंद्रीय नेतृत्व को यह जताने का प्रयास करेंगे कि उन्होंने सचिन पायलट की मांगों पर कार्यवाही करने का मानस बना लिया है। 14 जुलाई को विधानसभा के सत्र में इस संबंध में विधेयक लाकर उसे पारित कराए जाने की बात कही जाएगी।
सचिन पायलट को नई जिम्मेदारी देने के मामले में केंद्रीय नेतृत्व जो फैसला किया है उसके संबंध में आवश्यक आदेश जारी कर दिए जाएंगे। यह स्पष्ट संकेत आ रहे हैं कि सचिन पायलट को राष्ट्रीय महासचिव, सीडब्ल्यूसी का सदस्य, चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष और टिकट के मामले में बराबर की हिस्सेदारी देने का ऐलान किया जा सकता है !
राहुल गांधी और खरगे स्पष्ट रूप से बैठक में यह संदेश देने का काम करेंगे कि अब दोनों नेता पार्टी की सरकार को रिपीट कराने के लिए एक साथ काम करेंगे। संगठन के सभी पदों पर नियुक्ति करने का काम भी लगभग पूरा कर लिया है। अब नाम और लिस्ट की घोषणा होना बाकी है। यह स्पष्ट कहा जा रहा है कि सत्ता और संगठन में सचिन पायलट समर्थित नेताओं और कार्यकर्ताओं को पर्याप्त स्थान मिलेगा। आने वाले दिनों में कांग्रेस की सत्ता और संगठन दोनों में व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में मंगलवार को प्रभारी रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने संगठन से संबंधित तैयार सूचियों के बारे में विभिन्न स्तर पर बातचीत की गई है। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से यह स्पष्ट निर्देश दिए गए कि सचिन पायलट के समर्थित नेताओं और कार्यकर्ताओं को व्याप्त स्थान दिया जाए और उनकी सूची भी इसमें शामिल करने की बात सामने आ रही है। सीएम गहलोत इन सब विवादों से बचने के लिए उन्होंने प्रभारी रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को आगे कर दिया है। हालांकि 6 जुलाई की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीएम गहलोत शामिल होंगे । इस तरह का संदेश केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जा चुका है।
जुलाई के अंतिम सप्ताह में प्रदेश कांग्रेस की ओर से प्रांतीय सम्मेलन जयपुर में आयोजित करने का फैसला भी किया जाएगा। जिसमें कांग्रेस के 55 हजार बूथ अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, ग्राम पंचायतों के अध्यक्ष के साथ ही जिलाध्यक्ष और प्रदेश पदाधिकारियों को निमंत्रित किया जाएगा। प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी राजस्थान में चुनावी शंखनाद करेंगे। इसी सम्मेलन के माध्यम से यह संदेश देने का काम किया जाएगा कि अब सीएम गहलोत और सचिन पायलट मिलकर सरकार को रिपीट करने का काम करेंगे। इस सम्मेलन में सीएम गहलोत और सचिन पायलट का संबोधन भी रखा जाएगा। इस तरह की रणनीति पर काम किया जा रहा है। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। अब तो प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं को इसी बात का इंतजार है कि केंद्रीय नेतृत्व सीएम गहलोत और पायलट के बीच विवाद को खत्म करने के लिए क्या कुछ घोषणा करेगा !