जयपुर,18 अगस्त। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थियों में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक देशव्यापी समस्या है। राज्य सरकार हमेशा इस मुद्दे के प्रति संवेदनशील रही है तथा समय-समय पर राज्य के कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को तनावमुक्त तथा सुरक्षित माहौल मुहैया कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाते रहे हैं। गहलोत ने कोचिंग संस्थानों में आत्महत्या के बढ़ते प्रकरणों एवं उनकी रोकथाम के उपाय सुझाने के लिए प्रमुख शासन सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।
गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थेे। संवाद में इन कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों एवं इनसे सम्बन्धित सामयिक महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे – नियमित पढाई के साथ कोचिंग ऑवर्स, पढाई के दबाव को कम करने व मानसिक सम्बल प्रदान करने, अभिभावकों द्वारा बच्चों की क्षमता से अधिक आकांक्षाएं, कैरियर काउंसलिंग की सुविधाओं का विस्तार, कोचिंग छात्रों की तरूणावस्था की मनोदशा पर निगरानी, कोचिंग संस्थाओं में या आस-पास खेलकूद के साधनों का विकास, कोचिंग संस्थानों के आस-पास मादक पदार्थों की बिक्री एवं सेवन, इजी एग्जिट एवं फी रिफण्ड पॉलिसी के क्रियान्वयन पर विचार-विमर्श किया गया।
विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए सजग
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा के बाद जयपुर, सीकर, जोधपुर एवं बीकानेर आदि जिले भी कोचिंग हब के रूप में विकसित हो रहे हैं। कोचिंग संस्थानों से रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध हो रहे हैं तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है। राज्य सरकार की अनुप्रति कोचिंग योजना के माध्यम से तीस हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए सजग है। विद्यार्थियों को उपयुक्त माहौल मिले, इस हेतु जयपुर में कोचिंग हब विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों से संबंधित मुद्दों को चिन्हित कर उन पर रोडमैप तैयार किये जाने की आवश्यकता है। कोचिंग संस्थानों, छात्रों एवं अभिभावकों के मध्य समन्वय स्थापित करने के निरंतर प्रयास भी राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे हैं।
देशव्यापी समस्या, सामूहिक प्रयासों से समाधान संभव
गहलोत ने कहा कि विद्यार्थियों में आत्महत्या एक देशव्यापी समस्या है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार देशभर में वर्ष 2021 में विद्यार्थियों के 13 हजार से भी अधिक आत्महत्याओं के मामले दर्ज हुए, जिनमें महाराष्ट्र में सर्वाधिक 1834, मध्यप्रदेश में 1308, तमिलनाडु में 1246, कर्नाटक में 855 तथा उड़ीसा में 834 मामले दर्ज हुए। राजस्थान में यह आंकड़ा 633 है जो दूसरे राज्यों की तुलना मेें कम है, लेकिन राज्य सरकार इस मुद्दे के प्रति गंभीर तथा संवदेनशील है। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान, अभिभावक, हॉस्टल-पीजी तथा प्रशासन के प्रभावी समन्वय तथा सामुहिक प्रयासों से इस समस्या का समाधान हो सकता है।
24 घण्टे की हेल्पलाईन सेवा
संवाद के दौरान कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कोचिंग सेन्टर पर हैल्थ जोन, वेलनेस सेन्टर तथा क्लिनिकल काउंसलिंग की व्यवस्था की जा रही है। विद्यार्थियों में मानसिक तनाव कम करने के लिए मनोरंजन व खेलकूद के साधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। साथ ही, 24 घण्टे की हेल्पलाईन सेवा तथा ई-कम्पलेंट पोर्टल की शुरूआत भी की गई है।
कोचिंग संस्थानों के शुल्क में हो पारदर्शिता
संवाद के दौरान अत्यधिक प्रतिस्पर्धा तथा टेस्ट रिजल्ट से उत्पन्न तनाव का समाधान करने, कोचिंग संस्थानों के शुल्क में पारदर्शिता व किस्तों का विकल्प उपलब्ध कराने, कैरियर काउंसलिंग तथा मनोसलाहकारों की सुविधा उपलब्ध करवाने, स्टडी ऑवर्स का उचित प्रबन्धन करने, अभिभावकों एवं छात्रों के ऑरियेण्टेशन कार्यक्रम आयोजित करने तथा साप्ताहिक एवं प्रमुख त्योहारों पर अवकाश संबंधी सुझाव दिए गए।
भ्रामक विज्ञापनों पर प्रभावी कार्रवाई
संवाद के दौरान अधिकारियों ने बताया कि कोचिंग संस्थानों के छात्रों पर अनावश्यक दबाव को रोकने तथा सम्बल प्रदान करने के क्रम में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंसेज के माध्यम से करवाई गई स्टडी के निष्कर्षों के आधार पर दिशानिर्देश जारी किये गए। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में निगरानी तंत्र भी स्थापित किया गया। कोचिंग संस्थानों में एवं जिला स्तर पर साईकोलोजिकल काउंसलर्स एवं कैरियर काउंसलर्स की नियुक्ति पर भी जोर दिया जा रहा है। साथ ही, अद्यतन तकनीक युक्त समस्या समाधान तंत्र की स्थापना भी की जा रही है तथा भ्रामक विज्ञापनों पर प्रभावी कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान, मुख्य सचिव उषा शर्मा, पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन, शासन सचिव स्कूल शिक्षा नवीन जैन, वाणिज्य कर विभाग के आयुक्त रवि सुरपुर, साइक्याट्री के सीनियर प्रोफेसर डॉ. आलोक त्यागी ने भी अपने विचार प्रकट किए।
संवाद में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव गृह आनन्द कुमार, प्रमुख शासन सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा भवानी सिंह देथा, शासन सचिव महिला एवं बाल विकास जितेन्द्र कुमार उपाध्याय, शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता समित शर्मा, निदेशक पब्लिक सर्विसेज हरिमोहन मीणा, आयुक्त कॉलेज शिक्षा विभाग सुनील शर्मा, जयपुर, सीकर, कोटा, जोधपुर तथा बीकानेर के जिला कलेक्टर, प्रदेश के विभिन्न कोचिंग संस्थानों के प्रबन्धक, संचालक व उनके प्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।