जयपुर :- भ्रष्टाचारियों की पहचान छिपाने के एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी के आदेशों के बाद हर स्तर पर विरोध शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से लेकर राजस्थान सरकार में खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास तक ने एसीबी डीजी के आदेशों का विरोध किया है। एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने कल ही एक एक आदेश निकाला है, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपी अफसर और कर्मचारियों के पकड़े जाने के फोटो रिलीज करवाने पर रोक लगाई है। भ्रष्टाचारियों की पहचान छिपाने के इस आदेश का विरोध शुरू हो गया है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा- भ्रष्टाचारियों की जगह जेल में होनी चाहिए। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस होना चाहिए। देश का काननू भी यही कहता है। जहां तक भ्रष्टाचारियों की पहचान छिपाने का सवाल है तो जब तक सजा दिलाने और जांच में सहयोग करने के लिए हो तो अलग बात है, इसके अलावा तो बिल्कुल नहीं छिपानी चाहिए। भ्रष्टाचारियों के चेहरे कानून और समाज के सामने आने चाहिए, उनकी पहचान बिल्कुल नहीं छिपानी चाहिए।
खाचरियावास बोले: ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे हमारे पूरे किए हुए काम पर पानी फिर जाए
खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा- मेरा यह मानना है कि डीजी ने एंटी करप्शन ब्यूरो का चार्ज लेते ही जो ऑर्डर निकाला, वह ऑर्डर रिजेक्ट होने वाला ही है। मैं उस ऑर्डर से सहमत नहीं हूं। कोई भी कांग्रेस का विधायक,मंत्री इस तरह की कार्रवाई का समर्थन नहीं करेगा। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्या इस तरीके के डीजी के आर्डर को मान सकते हैं? सरकार इस तरह के ऑर्डर के साथ नहीं है। यह ऑर्डर निकाला गया है, यह ऑर्डर बिल्कुल गलत है। हम कोई ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे हमारे पूरे किए हुए काम पर पानी फिर जाए, हमने कांग्रेस सरकार की नियत आपको बता दी।
सरकार अफसर के आदेश मानने को बाध्य नहीं
खाचरियावास ने कहा- आप इस बात को जानते हैं कि इस देश में इनकम टैक्स और जीएसटी की कार्रवाई होती है। बड़े-बड़े व्यापारी जो टैक्स देते हैं, उनकी फोटो उनके नाम चलाकर हाई लाइट किए जाते हैं। बड़ी-बड़ी एजेंसी कार्रवाई करती है, बड़े-बड़े नेताओं के यहां पर बिजनेसमैन के यहां कार्रवाई करते हैं जो हजारों करोड़ का टैक्स भी देते हैं, उनके यहां पर कार्रवाई होती है तरे उनके नाम फोटो सब उजागर होते हैं। हम कोई ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे हमारे पूरे किए हुए काम पर पानी फिर जाए, हमने कांग्रेस सरकार की नियत आपको बता दी। यदि किसी आईएएस, आईपीएस एडीजी ने ऑर्डर निकाला तो वह हमारे ऑर्डर से बंधे हुए हैं, हम उनके ऑर्डर से बंधे हुए नहीं हैं। मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री भी इस ऑर्डर के पक्ष में नहीं होंगे। यह ऑर्डर चलने वाला नहीं है।