शिमला:-हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि स्मार्ट सिटी शिमला स्टील सिटी बन गई है। पहाड़ों की राजधानी में इसे देखते हुए स्टील स्ट्रक्चर निर्माण पर रोक लगा दी गई है।
धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा के मूल सवाल और राजेश धर्माणी व हरीश जनारथा के सप्लीमेट्री सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि विधायक निर्माण कार्य में गड़बड़ी की शिकायतें करते है तो इसकी जांच कराई जाएगी। सुधीर शर्मा ने कहा कि धर्मशाला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा गया।
नॉन टेक्निकल लोगों ने दी टेक्निकल काम की मंजूरी
विधायक राजेश धर्माणी ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में टेक्निकल काम की मंजूरी, नॉन टेक्निकल लोगों द्वारा दी गई है। इसकी जांच होनी है। हरीश जनारथा ने कहा कि शहर में निर्माणाधीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से मलबा डंप हुआ है। इससे ड्रेनेज सिस्टम प्रभावित हुआ है। शहर में आई आपदा में स्मार्ट सिटी का भी बड़ा रोल है।
विपक्ष ने लाया स्थगन प्रस्ताव
इससे पहले विपक्ष ने सदन में काम रोको प्रस्ताव लाया। इस मुद्दे पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोक झोंक हुई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के जवाब के बाद स्पीकर कुलदीप पठानिया ने विपक्ष के प्रस्ताव को निरस्त किया। इसके बाद विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरू कर वॉक आउट किया।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि छह महीने से सैलरी नहीं मिलने के विपक्ष आरोप झूठे है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लगे कर्मचारियों को पहले तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया। फिर दोबारा तीन महीने की सेवा विस्तार दिया। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी जरूरत के हिसाब से रखे जाएंगे।
बिखरा-बिखरा नजर आ रहा विपक्ष:CM
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 जून तक की आउटसोर्स कर्मचारियों को पूरी सैलरी मिल चुकी है। 30 सितंबर तक इनकी एक्सटेंशन की फाइल भी मूव हो गई है। इसकी सैलरी भी जल्द दे देंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष बिखरा-बिखरा नजर आ रहा है। नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए CM ने कहा कि गलतियां आपने की, भुगत हम रहे।
खजल हो गए BJP विधायक: CM
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से वह मुख्यमंत्री बने हैं, तब से विपक्ष के नेता ने जोर-जोर से झूठ बोलने की आदत डाली है। उन्होंने कहा कि BJP विधायक खजल हो गए, उनकी बात ही नहीं सुन रहे।
10 हजार आउटसोर्स कर्मचारी नौकरी से निकाले: जयराम
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 10 हजार के करीब आउटसोर्स कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। 2000 कर्मचारी तो अकेले स्वास्थ्य विभाग से हटाए गए। जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जिंदगी को जोखिम में डालकर काम किया, उन्हें बाहर किया जा रहा है। कम से कम ऐसे लोगों पर तो दया करो, नहीं तो पाप लगेगा।
नौकरी से हटाने से काम हो रहा प्रभावित: रणधीर
BJP विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि पहले ही बेरोजगारी चरम पर है। ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी नौकरी से हटाए जा रहे हैं, जबकि कांग्रेस सरकार सत्ता में रोजगार देने के नाम से आई हैं। आउटसोर्स कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। इन्हें नौकरी से हटाकर बेरोजगार किया जा रहा है। इससे विभिन्न विभागों का काम भी प्रभावित हो रहा है।