Jaipur : राजस्थान के टोंक जिले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व जिला प्रमुख रामविलास चौधरी के साथ बदसूलकी के मामले में सीओ और एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशानुसार पुलिस मुख्यालय द्वारा वृताधिकारी व थानाधिकारीको निलंबित कर दिया गया है। महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि मामले की अग्रिम जाँच अजमेर रेंज महानिरीक्षक श्री रुपिंदर सिंघ को सौंपी गई है। जनप्रतिनिधि के साथ हुई अभद्रता को लेकर प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर वृताधिकारी निवाई रूद्रपकाश शर्मा ओर थानाधिकारी सदर निवाई आशुसिंह गुर्जर को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने तत्काल प्रभाव से पुलिस अधिकारियों के निलंबित कर दिया है। पूरे मामले की जांच आईजी करेंगे। दरअसल, मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संज्ञान में आने के बाद पुलिस अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए थे। सीएम ने मामले को काफी गंभीरता से लिया और निलंबित करने के आदेश दे दिए। उल्लेखनीय है कि गृह विभाग भी सीएम गहलोत के पास ही है। ऐसे कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी गहलोत के पास होने की जिम्मेदारी से मामले ने तूल पक़ड़ लिया।
खेलमंत्री अशोक चांदना ने की निंदा
पूर्व जिला प्रमुख के साथ बदसूलकी के मामले की खेलमंत्री अशोक चांदना और कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने कड़े शब्दों में निंदा की है। खेलमंत्री चांदना ने कहा कि जनप्रतिनिधि के साथ बदसूलकी की गई है। ऐसे में बिलकुल भी न्यायोचित नहीं है। वहीं ओसिया विधायक दिव्या मदेरणा ने ब्यूरोक्रेसी पर निशाना साधा है। दिव्या मदेरणा ने ट्वीट कर घटना की निंदा की है।