कोटा:-अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने मना कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस आयोजन के इंविटेशन को अस्वीकार कर दिया है।
कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले के खिलाफ कोटा में उम्मेद क्लब के बाहर पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया गया। यहां तक कि जिला स्तर पर कांग्रेस के 11 कार्यकर्ताओं ने पार्टी का दामन भी छोड़ दिया है।
दरअसल, कांग्रेस ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक लेटर शेयर किया था। इसमें लिखा था- BJP/RSS ने मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को अपना इवेंट बना लिया है।
शीर्ष नेतृत्व के फैसले से आहत होकर पार्टी छोड़ी
देहात कांग्रेस के मीडिया प्रभारी कंवर सिंह चौधरी ने कहा- मैं कई साल से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। कांग्रेस के लिए मैंने कई बार लाठियां भी खाई हैं। एनएसयूआई से लेकर कांग्रेस के कई पदों पर रहते हुए पार्टी के लिए संघर्ष किया है। यूथ कांग्रेस का पूर्व प्रदेश सचिव भी रहा हूं। चौधरी ने कहा कि राम मंदिर किसी राजनीति या पार्टी का विषय नहीं है। राम में देशवासियों की आस्था है। शीर्ष नेतृत्व के फैसले से आहत होकर पार्टी को छोड़ दिया है। मेरे साथ 10 कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी का हाथ छोड़ दिया।
कांग्रेस कार्यकर्ता बोले- सनातन धर्म के लिए करेंगे काम
कोटा के उम्मेद क्लब के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाईकमान के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा- अब वे सनातन धर्म के लिए काम करेंगे। शीर्ष नेतृत्व की ओर से अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण पत्र ठुकराए जाने से वे आहत हुए हैं। कार्यकर्ताओं ने कहा- वे फिलहाल किसी भी पार्टी को जॉइन नहीं करेंगे और अयोध्या जाने के लिए घर-घर पीले चावल बांटने का काम करेंगे। हिंदू संस्कृति को बचाने और युवाओं को जोड़ने का काम करेंगे।