जयपुर:-कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राहुल गांधी के समर्थन में खुलकर नहीं उतरने वाले नेताओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई । उन्होंने पार्टी हाईकमान के आदेशों के बाद किए जाने वाले धरने, प्रदर्शन और आंदोलन में सक्रिय नहीं रहने वाले नेताओं की पदों से छुट्टी करने तक की चेतावनी दी और कहा कि पार्टी को ऐसे नेताओं की जरूरत नहीं है।
जयपुर सहित कई जिलों में हाल के दिनों में पार्टी के विरोध-प्रदर्शन हुए, लेकिन उतनी भीड़ नहीं जुटी। मंत्री, विधायकों ने भी पार्टी के कार्यक्रमों और धरने प्रदर्शन में भीड़ जुटाने और सक्रियता दिखाने में रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने नेताओं को खुले मंच से चेतावनी दी और कहा कि हर नेता की गतिविधियों को देखा जा रहा है और आने वाले चुनाव में सीधे तौर पर उन पर असर जाएगा। पार्टी के प्रति वफादारी नहीं दिखाने वाले नेताओं को टिकट भी नहीं दिया जाएगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने राहुल गांधी के समर्थन में हो रहे पार्टी के कार्यक्रमों से दूर रहने वाले कांग्रेसी नेताओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिस पार्टी ने हमें पहचान, पद सहित सब कुछ दिया,हमारे नेता राहुल गांधी को संसद से डिस्क्वालिफाई करने के बाद भी हमारे कांग्रेस के लोगों का खून नहीं खौलता है। ये सोच रखते हैं कि आधे घंटे हम धरने पर जाकर आ जाएं, औपचारिकता पूरी कर दें तो लानत है ऐसी राजनीति पर।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने धरने-प्रदर्शन में औपचारिकता पूरी करने के लिए आने वाले नेताओं पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जो नेता एसी में बैठे टीवी पर देख रहे हैं कि कौन आया, कौन गया, ऐसे कांग्रेसियों की हमें जरूरत नहीं है। ऐसे कांग्रेसी छह, आठ महीने बाद कांग्रेसी रहेंगे ही नहीं, यह दावे से कह सकता हूं। जो कांग्रेस की लड़ाई लड़ेगा। राहुल गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा, वही आने वाले चुनाव में कांग्रेस का चेहरा होगा। इसके अलावा कोई नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि डोटासरा हो या खाचरियावास या कोई और नेता हो। किसी को गलतफहमी है कि मेरे में आग की लपट निकल रही है तो यह निकाल दें। उसमें लपटें नहीं निकल रहीं। यह कांग्रेस है, जिसकी वजह से हम भाषण दे रहे हैं और पद पर बैठे हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने कहा कि अगर हम लोग पार्टी के कार्यक्रम नहीं कर पाते, आंदोलन नहीं कर पाते तो ऐसे लोग आज से छुट्टी मान लीजिए। जब तक मैं अध्यक्ष हूं, हाईकमान का कोई भी कार्यक्रम करने का आदेश आता है। उसे पूरा करना पड़ेगा।
कांग्रेस के जयपुर से लेकर जिला और ब्लॉक लेवल तक किए जाने वाले धरने प्रदर्शनों में उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटने का मुदृदा कई बार सामने आया है। कई नेता और विधायक पार्टी के कार्यक्रमों और आंदोलन में सक्रियता से भाग नहीं लेते। इससे जनता भी उनसे नहीं जुड़ पाती। पार्टी हाईकमान के आदेशों के बाद होने वाले धरने प्रदर्शन से लेकर आंदोलन तक में कई विधायकों और पार्टी नेता सक्रिय नहीं रहे।
जयपुर में रविवार को हुए कांग्रेस के सत्याग्रह में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा 10 बजे के आसपास पहुंच गए थे। जब प्रदेशाध्यक्ष पहुंचे तब तक सत्याग्रह में गिने चुने कार्यकर्ता ही पहुंचे थे। बड़े नेता तो देरी से आए थे। कई मंत्री और विधायक तो अध्यक्ष के आने के काफी देर बाद सत्याग्रह में आए थे। इस दौरान डोटासरा के नेताओं को लेकर सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताने के पीछे इसे ही सबसे कारण माना जा रहा है।
कांग्रेस के धरने प्रदर्शन में नेताओं के सक्रिय नहीं रहने के पीछे गुटबाजी को भी बड़ा कारण माना जा रहा है। ज्यादातर जगहों पर विरोधी खेमे के नेता धरने प्रदर्शन में सक्रिय नहीं होते। अब तक जिलों में जुलाई 2020 से जिलाध्यक्षों के पद खाली हैं। पूरा संगठन नहीं बन पाने के कारण भी कई नेता रुचि नहीं ले रहे हैं।
जिन जिलों में संगठन के पद खाली हैं, उनमें निवर्तमान जिलाध्यक्ष इसलिए रुचि नही ले रहे क्योंकि आगे उन्हें पद पर बने रहने का भरोसा नहीं है। पार्टी के धरने प्रदर्शनों में कम रुचि लेने के पीछे यह भी बड़ा कारण माना जा रहा है। डोटासरा ने इससे पहले भी कई मौकों पर नेताओं की उदासीनता को लेकर नाराजगी जता चुके हैं।