डोड़वाड़ी में 56 घण्टे बाद उठाया शव,50 लाख की आर्थिक सहायता और बजरी लीज कर्मियों के खिलाफ होगा हत्या का मामला दर्ज

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टोंक:-टोंक जिले में बनास नदी बजरी लीज कर्मियों की मारपीट से शंकर मीणा की हुई मौत के बाद तीन दिन से शव के साथ प्रदर्शनकारी  ग्रामीणों की सभी मांगे शुक्रवार को जिला प्रशासन द्धारा मान लिए जाने के बाद 56 घण्टे बाद मृतक शंकर मीणा का शव उठाया गया। रालोपा के सुप्रीमो सांसद हनुमान बेनीवाल,भाजपा जिला महामंत्री प्रभु बाडोलिया,पिछले विधानसभा चुनाव में निवाई-पीपलू से पराजित भाजपा प्रत्याशी रह चुके रामसहाय वर्मा की जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल,जिला पुलिस अधीक्षक राजर्षिराज से हुई वार्ता के बाद आंदोलन खत्म किया गया।

बनास नदी में बजरी को लेकर अरनिया कांकड़ निवासी शंकर मीणा से बजरी लीज कर्मियों से विवाद हो गया था।लीज कर्मियों ने शंकर मीणा से मारपीट की थी जिससे उसकी मौत हो गई थी,जिसका शव डोड़वाड़ी गांव के नजदीक गाता के समीप झाड़ी में मिला था।इससे गुस्साएं ग्रामीणों ने  मृतक के परिजनों को आर्थिक मुआवजा,दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाई तथा हत्या का मामला दर्ज कराने की मांग की थी।इस मामले में ग्रामीणों ने मृतक शंकर मीणा के शव के साथ वुधवार से ही आंदोलनरत थे । इस आंदोलन के समर्थन में भाजपा जिला महामंत्री प्रभु बाडोलिया व रामसहाय वर्मा भी बैठ गए। 

वही बृहस्पतिवार की रात को  राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो  और नागौर सांसद  हनुमान बेनीवाल अपने समर्थको सहित डोड़वाड़ी गांव जा पहुंचे। जिन्होंने  राज्य सरकार को कोसते हुए कहा कि राजस्थान में सरकार कांग्रेस नही बल्कि बजरी माफिया चला रहे है। इतना ही नही उन्होंने कहा कि बजरी माफियाओं की खुली गुंडागर्दी से आमजन ही नही बल्कि किसान परेशान है।

उन्होंने कहा कि बनास नदी में ट्रेक्टर चालक शंकर मीणा की हत्या भी बजरी लीज कर्मियों की खुली गुंडागर्दी का ही परिणाम है।बेनीवाल ने आरोप लगाया कि सबसे बड़ी बात तो यह है कि बजरी माफियाओं की गाड़ियों का पुलिस एस्कॉर्ट कर रही थी ।उन्होंने कहा कि शंकर मीणा के परिजनों को न्याय नही मिलता उस समय तक वह भी ग्रामीणों के बीच ही आंदोलन करेंगे।

हनुमान बेनीवाल, भाजपा जिला महामंत्री प्रभु बाडोलिया के आंदोलन को समर्थन दिए जाने के बाद प्रशासन किसी अनहोनी को लेकर सतर्क हुआ और वार्ता की पेशकश की। बाद में जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल,जिला पुलिस अधीक्षक राजर्षिराज, मालपुरा पुलिस उपाधीक्षक राकेश बैरवा आदि भी वहां पहुंचे और बातचीत की। जिसमे मृतक के परिजनों को 50 लाख रूपए का मुआवजा,मृतक के परिवार के एक सदस्य को संविदाकर्मी के रूप में नियुक्त किए जाने  और सरकारी नोकरी के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भिजवाने,पीपलू एसएचओ प्रह्लाद सहाय को वहां से हटाकर लाइन हाजिर किए जाने,एफआईआर में नामजद बजरी लीज कर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किए जाने के आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त किया गया।

सांसद हनुमान बेनीवाल ने साफ शब्दों में कहा कि प्रशासन जितनी जल्दी हो सभी मांगो को पूरा करे ऐसी नोबत नही आए की हमें जिला कलक्ट्रेट तक पहुंचना पड़े। समझौता वार्ता में निर्णय लिया गया कि मालपुरा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश बैरवा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन करके जांच कराई जाएगी,30 मीटर के दायरे में कोई बजरी का स्टॉक नही किया जाएगा,बजरी के अवैध नाकों को हटाने,बजरी के लगे स्टॉक की जांच करके कार्यवाई की जाएगी। साथ ही किसी भी ग्रामीण के खिलाफ इस मामले में कोई मुकदमे या कार्यवाई नही की जाएगी।

जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल, जिला पुलिस अधीक्षक राजर्षिराज के आश्वासन के बाद शुक्रवार की तड़के पांच बजे 56 घण्टे बाद पुलिस ने शव को राजकीय सआदत अस्पताल टोंक लाया गया। जिसका मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद मालपुरा के एडिशनल एसपी राकेश बैरवा की मौजूदगी में शव को परिजनों के सुपुर्द किया।