राजस्थान विधानसभा में बीते पांच दिनों से जारी गतिरोध मंगलवार को भी बरकरार रहा। निलंबित कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में घुसने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया, जिससे धक्का-मुक्की की नौबत आ गई।
विधानसभा के भीतर प्रश्नकाल जारी रहा, लेकिन कांग्रेस ने कार्यवाही का बहिष्कार किया। बाहर कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने दावा किया कि संसदीय कार्य मंत्री ने खुद स्वीकारा कि स्पीकर उनकी बात भी नहीं मानते।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पीकर के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे यह न भूलें कि उन्हें निर्विरोध चुना गया था। कांग्रेस विधायकों ने करीब एक घंटे तक धरना प्रदर्शन किया।
इंदिरा गांधी पर टिप्पणी से उपजा विवाद
गतिरोध की शुरुआत विधानसभा में मंत्री अविनाश गहलोत की इंदिरा गांधी पर टिप्पणी से हुई थी। कांग्रेस ने निलंबित विधायकों की बहाली और मंत्री से माफी की मांग को लेकर सदन ठप करने की चेतावनी दी है।
सोमवार को कांग्रेस के डोटासरा ने स्पष्ट रूप से माफी नहीं मांगी, जिससे वार्ता के प्रयास ठप हो गए। स्पीकर के अपमान का मुद्दा जुड़ने से विवाद और गहरा गया। निलंबित विधायकों की बहाली भी अटक गई, जिससे सदन में गतिरोध बना हुआ है।