Delhi
दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई में सुधार के रुख को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेप के तहत लगाई गई चौथे चरण की पाबंदियों को हटा दिया है। रविवार को हुई समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता आयोग ने वायु प्रदूषण कार्य योजना के अंतिम चरण के तहत तीन दिन पहले दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इन पाबंदियों को लागू किया था। हालांकि समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एनसीआर के इलाकों में अभी भी स्मॉग का स्तर बरकरार है।
दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार के संकेतों के बीच वायु गुणवत्ता प्रबंध आयोग (सीएक्यूएम, CAQM) की बैठक हुई। आयोग की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में गैर-बीएस 4 इंजन वाले हल्के डीजल वाहनों और राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर लगाई गई पाबंदियों को हटा दिया गया है।
इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में वायु प्रदूषण में सुधार के मद्देनजर प्रतिबंधों को हटाने पर चर्चा के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस उच्च स्तरीय बैठक में प्राथमिक विद्यालयों को फिर से खोलने और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों को घर से काम करने संबंधी मुद्दे पर फैसला लिए जाने की संभावना है।
मालूम हो कि बृहस्पतिवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 यानी ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया था। इसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंध आयोग (सीएक्यूएम, CAQM) की ओर से तमाम कदम उठाए गए थे। इन कदमों के तहत गैर-बीएस-6 हल्के डीजल वाहनों (कारों आदि) पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। आयोग ने ग्रेप-4 के तहत आवश्यक सेवाओं और जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति से जुड़े ट्रकों और सीएनजी, इलेक्ट्रिक वाहनों को छोड़कर दिल्ली में अन्य ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गति बढ़ने और पराली जलने की घटनाओं में कमी आने के चलते रविवार को वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार नजर आया। हालांकि अभी भी वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बना हुआ है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में शाम चार बजे पिछले 24 घंटों में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 339 दर्ज किया गया। यह शनिवार के 381 के मुकाबले कुछ बेहतर है। शुक्रवार को यह 447 पर दर्ज किया गया था।
वहीं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़े बताते हैं कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले दिन (2,817) के मुकाबले बड़ी कमी (599) आई हैं। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषकों में पराली जलने की हिस्सेदारी में कमी देखी गई है। यह शनिवार के मुकाबले 21 फीसद से घटकर रविवार को 18 फीसद रह गई है। मालूम हो कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।