शताब्दी में शिफ्ट किए गए यात्री
वाराणसी : दिल्ली से वाराणसी जा रही सेमी हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस में टेक्निकल फॉल्ट आने के बाद ट्रेन के पहिए जाम हो गए. यह घटना दनकौर और वैर स्टेशन के बीच हुई जिसके बाद करीब 4 घंटे तक ट्रेन खुर्जा स्टेशन पर रुकी रही और यात्री परेशान होते रहे. बाद में सभी यात्रियों को शताब्दी एक्सप्रेस से आगे के सफर के लिए रवाना किया गया. वंदे भारत ट्रेन पिछले 3-4 दिनों से सुर्खियों में है. अभी हाल में गांधीनगर-मुंबई वन्दे भारत ट्रेन भैंसों के एक झुंड से टकरा गई थी जिसके बाद ट्रेन को 20 मिनट कर रोक कर रखना पड़ा. वाराणसी वंदे भारत ट्रेन के बियरिंग में कुछ गड़बड़ी सामने आई।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक वंदे भारत ट्रेन में टेक्निकल फॉल्ट आने के कारण इमरजेंसी ब्रेक जाम हो गया. इमरजेंसी ब्रेक जाम होने से ट्रेन को वैर स्टेशन पर रोका गया और वहां से ट्रेन को सपोर्टिंग इंजन के द्वारा खींचकर खुर्जा जंक्शन पहुंचाया गया. इसके बाद सवारियों को दिल्ली से बुलाई गई शताब्दी एक्सप्रेस से वाराणसी के लिए रवाना किया गया. वंदे भारत ट्रेन का चक्का जाम होने की वजह से दिल्ली से बनारस का रूट 3 से 4 घंटे बाधित रहा.
ट्रेन में ये हुई गड़बड़
अधिकारियों के मुताबिक ट्रेन के traction motor’ में खामी आने के कारण पहिये पूरी तरह से नहीं घूम पा रहे थे. अधिकारियों ने इस स्थिति को फ्लैट टायर बताया. अधिकारियों ने बताया कि सेमी-हाईस्पीड ट्रेन तय समय पर सुबह छह बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से रवाना हुई, लेकिन 90 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद उत्तर प्रदेश स्थित खुर्जा स्टेशन पर इसकी यात्रा समाप्त कर दी गई. वंदे भारत पर सवार सभी 1068 यात्रियों को दिल्ली से भेजी गई शताब्दी एक्सप्रेस में बैठाकर आगे की यात्रा के लिए दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर रवाना किया गया.
जांच के लिए बनेगी कमेटी
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि संचालन में इस नाकामी की विस्तृत जांच की जाएगी. ट्रैक्शन मोटर एक विद्युत मोटर होता है, जिसका इस्तेमाल किसी प्रणाली के propulsion में होता है जैसे कि लोकोमोटिव, इलेक्ट्रिक या हाड्रोजन वाहन में. फ्लैट टायर का अर्थ पहिए की परिधि पर कुछ सपाट स्थान बनने से पहिये की सही गोलाई का बिगड़ जाना होता है. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी इस तरह की परेशानी को दूर करने के लिए टीम गठित कर सोल्यूशन देने में लगे हुए हैं क्योंकि यह प्रोजेक्ट रेलवे का प्रीमियम प्रोजेक्ट है. ऐसे में इस तरह की दिक्कतें नई योजना को प्रभावित कर सकती हैं.