आयुर्वेद,होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सा विभाग की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित;राज्य में आयुष चिकित्सा पद्धतियों को किया जा रहा प्रोत्साहित

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अजमेर में स्थापित होगा प्रदेश का दूसरा आयुर्वेद,योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विश्वविद्यालय
आयुर्वेद,यूनानी एवं होम्योपैथी के 1262 नर्स एवं कम्पाउण्डरों की भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में -उप मुख्यमंत्री एवं आयुष मंत्री

जयपुर, 24 जुलाई। उप मुख्यमंत्री एवं आयुष मंत्री डॉ. प्रेम चन्द बैरवा ने कहा कि राज्य में आयुर्वेद सहित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन चिकित्सा पद्धतियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राज्य में आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी के अलग-अलग निदेशालय तथा शिक्षण संस्थान हैं। साथ ही, औषध निर्माण के लिए रसायन शालाएं तथा चिकित्सालयों एवं औषधालयों का व्यापक नेटवर्क हैं, जिनके माध्यम से आमजन को सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

डॉ. प्रेम चन्द बैरवा बुधवार को विधानसभा में आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सा विभाग (मांग संख्या-29) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी चिकित्सा विभाग की 13 अरब 98 करोड़ 53 लाख 19 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सस्ती, सुलभ एवं सरल होने के कारण आयुष चिकित्सा पद्धतियों के प्रति आमजन का रूझान निरन्तर बढ़ रहा है। हमारी सरकार आयुष चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित करके, जन सामान्य को लाभ देने के लिए संकल्पबद्ध है। प्रदेश में हमारी सरकार के गठन के बाद आयुष चिकित्सा के प्रति आमजन में जागरूकता पैदा करने के लिए दूदू में राज्य स्तरीय आरोग्य मेले के साथ-साथ विभिन्न जिलों में संभाग स्तरीय आरोग्य मेले आयोजित किये गए। वहीं, बवासीर एवं भगन्दर रोग की क्षारसूत्र विधि से चिकित्सा के लिए आयुर्वेद विभाग द्वारा 23 जिलों के जनजाति व अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर 50 हजार लोगों को लाभान्वित किया गया। इसी प्रकार, होम्योपैथी चिकित्सा के राज्य में 10 शिविर आयोजित किये गए, जिनमें लगभग 66 हजार रोगियों को लाभान्वित किया गया। 

डॉ.बैरवा ने बताया कि यूनानी चिकित्सा विभाग द्वारा विशिष्ट चिकित्सा पद्धति "हिजामा थैरेपी" के कैम्प लगाकर 1680 रोगियों को लाभान्वित किया गया। उन्होंने बताया कि 1000 आयुष हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर्स के संचालन के लिए 1647 योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है तथा 1000 चिकित्साधिकारियों को सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी का प्रशिक्षण दिया गया है। राज्य में 50 आयुष हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर्स का N.A.B.H. से सर्टिफिकेशन करवाया गया। विभागीय चिकित्सालयों एवं औषधालयों के माध्यम से महिला एवं बच्चों की चिकित्सा को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य में पहली बार 500 महिला चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया गया।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि जोधपुर आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा संचालित नशामुक्ति केन्द्र का विस्तार करते हुए विश्वविद्यालय से सम्बद्ध चार महाविद्यालयों कोटा, जयपुर, पिलानी एवं सरदार शहर में नशामुक्ति केन्द्र प्रारम्भ किये गये हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर, जोधपुर में होम्योपैथी चिकित्सालय तथा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण हमारी सरकार द्वारा किया गया है। जबकि, विश्वविद्यालय परिसर में ही नवीन हौम्योपैथी महाविद्यालय का निर्माण कर नवनिर्मित भवन में शीघ्र ही महाविद्यालय का संचालन किया जाएगा।

डॉ. बैरवा ने बताया कि मदन मोहन मालवीय राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, उदयपुर द्वारा “मनोविज्ञानीयम् – आयर्वेद फॉर मेन्टल हेल्थ” विषय पर इसी वर्ष दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की सेमीनार का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में प्रथम आयुष विश्वविद्यालय जोधपुर में स्थापित हुआ है। प्रदेश में दूसरे आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना अजमेर में की जाएगी। यह विश्वविद्यालय आने वाले समय में राज्य की स्वास्थ्य चुनौतियों के निराकरण का सशक्त माध्यम बनेगा। दौसा जिले के महवा में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय खोला जाएगा। बजट में इलेक्ट्रोपैथी विधा के सम्बन्ध में परीक्षण कर नियम बनाने की घोषणा भी की गई है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने भी आयुष के विभिन्न महाविद्यालय खोले लेकिन उनमें साधन-सुविधाओं का अभाव है। हमारी सरकार प्राथमिकता से इन महाविद्यालयों में भौतिक एवं मानव संसाधन उपलब्ध करवाएगी।

डॉ. बैरवा ने कहा कि हमारी सरकार ने इस वर्ष नवगठित 8 जिलों में पूर्व में संचालित आयुष चिकित्सालयों को जिला आयुष चिकित्सालय में क्रमोन्नत करने की घोषणा की है। साथ ही, भीम (राजसमंद) में संचालित औषधालय को भी आयुष चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया जाएगा। इन सभी चिकित्सालयों का शीघ्र संचालन प्रारम्भ कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अजमेर, भरतपुर, केलवाड़ा (बारां) और उदयपुर की रसायनशालाओं के ऑटोमेशन के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इन रसायनशालाओं में आधुनिक औषध निर्माण की मशीनें स्थापित किये जाने से औषधियों का निर्माण गुणवत्तापूर्ण एवं त्वरित गति से किया जा सकेगा। वहीं, विभागीय औषधालय एवं चिकित्सालयों में शीघ्र औषधियां उपलब्ध कराने के लिए 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में आयुर्वेद, यूनानी एवं होम्योपैथी के 1262 नर्स एवं कम्पाउण्डरों की भर्ती की कार्यवाही अंतिम चरणों में हैं, जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 1019 आयुष औषधालयों एवं चिकित्सालयों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर में परिवर्तित किया जा रहा है। इन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से औषधालय एवं चिकित्सालय आधारभूत साधन-सुविधाओं से परिपूर्ण हुए हैं तथा विभागीय सेवाओं के स्तर में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि आयुष से जुड़े सभी विभाग प्रदेश के रेगिस्तानी, डांग, आदिवासी और पर्वतीय इलाकों सहित दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने के लिए तत्परता से कार्य कर रहे हैं।