कश्मीर में श्रद्धालुओं की बस पर हमला,10 की मौत:आतंकियों ने ड्राइवर को गोली मारी,तो बस खाई में जा गिरी;मरने वाले ज्यादातर यूपी के

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जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकियों ने श्रद्धालुओं को ले जा रही बस पर हमला किया है। इसमें 10 लोगों के मारे गए हैं, जबकि कई लोग घायल हुए हैं। नई दिल्ली में पीएम मोदी और नई कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान रियासी जिले के कंदा इलाके में यह अटैक हुआ।

रियासी की SSP मोहिता शर्मा ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकियों ने शिव खोड़ी से कटरा जा रही बस पर ओपन फायर किया, जिसमें ड्राइवर घायल हुआ और उसका बस से कंट्रोल खो गया। इसके चलते बस खाई में गिर गई। 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 33 लोग घायल हो गए।मोहिता शर्मा ने बताया कि बस में सवार अन्य यात्रियों का रेस्क्यू कर लिया गया है। यात्रियों की पहचान नहीं हो पाई है। ज्यादातर श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के हैं। सुरक्षाबलों ने शिव खोड़ी मंदिर इलाके को सिक्योर करके अपने कब्जे में ले लिया है।

4 मई को एयरफोर्स के काफिले पर हुआ था हमला
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 4 मई को एयरफोर्स के जवानों पर हुए आतंकी हमले में एक जवान शहीद हो गया था। दरअसल, हमले में पांच जवान घायल हुए थे, जिन्हें एयरलिफ्ट कर उधमपुर के अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान एक जवान की मौत हो गई।

यह हमला पुंछ के शाहसितार इलाके में हुआ। आतंकियों ने सुरक्षा बलों के दो वाहनों पर भारी फायरिंग की। इसमें से एक वाहन एयरफोर्स का था। दोनों गाड़ियां सनाई टॉप जा रही थीं। आतंकियों की गोलियां वाहन के सामने और साइड वाले शीशे को पार कर गईं।

इसी साल जनवरी में भी पुंछ में हमला हुआ था
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में इसी साल 12 जनवरी को आतंकियों ने सेना के वाहन पर हमला किया था। इसके बाद जवानों को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी। इसमें किसी के भी घायल या मौत की खबर नहीं आई थी।

इंटेलिजेंस के मुताबिक, 250-300 आतंकी भारत में घुसपैठ को तैयार
16 दिसंबर 2023 को BSF के एक सीनियर अफसर ने इंटेलिजेंस के हवाले से जानकारी दी थी कि पाकिस्तान सीमा में 250 से 300 आतंकी लॉन्चपैड पर हैं। ये जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में हैं। अफसर ने बताया कि सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है। सीमा पार से किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी जाएगी।

बीएसएफ के आईजी अशोक यादव ने पुलवामा में बताया कि आतंकी गतिविधियों को देखते हुए हम (बीएसएफ) और सेना संवेदनशील इलाकों पर नजर रखे हुए हैं और सतर्क हैं। पिछले कुछ सालों में सुरक्षाबलों और कश्मीर के लोगों के बीच जुड़ाव बढ़ा है। अगर लोग हमारा सहयोग करें तो हम विकास के कामों को बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं।