जयपुर:-राइट टू हेल्थ विधेयक को लेकर चल रही डॉक्टर की हड़ताल को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को जयपुर आए और उन्होंने मुख्यमंत्री निवास पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा मुख्य सचिव उषा शर्मा सहित उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की।
सीएम गहलोत ने सीएस उषा शर्मा को डॉक्टर के साथ बैठक करने के निर्देश दिए। सीएम गहलोत ने डॉक्टरों से अभी करते हुए कहा कि हड़ताल खत्म कर काम पर लौटें। उन्होंने कहा कि राइट टू हेल्थ में डॉक्टरों के हितों का पूरा ख्याल रखा गया है । डॉक्टरों की मांगों को मानकर ही लाया गया है।
सीएम गहलोत ने कहा कि राइट टू हेल्थ विधेयक डॉक्टरों का हड़ताल पर जाना उचित नहीं है सीएम उन्होंने कहा कि पक्ष-विपक्ष ने सर्वसम्मति से राइट टू हेल्थ विधेयक पास किया है।
राइट टू हेल्थ विधेयक का विरोध कर रहे प्राइवेट डॉक्टरों और हॉस्पिटल्स पर सरकार शिकंजा कसने की तैयारी में है। सरकार ने प्रदेशभर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स की डिटेल के साथ सूची मांगी है। इसके लिए सभी सीएमएचओ को लेटर जारी हो चुका है। सरकार को खूब पता है कि तमाम हॉस्पिटल्स नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। कोई आवासीय में हॉस्पिटल चला रहा है तो कोई बायो मेडिकल वेस्ट का ठीक से निस्तारण नहीं कर रहा है। सरकार को मिलने वाले टैक्स में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होती है। कई हॉस्पिटल्स तो नक्शे के अनुसार बने ही नहीं हैं। ऐसी बिल्डिंग को या तो सील किया जाएगा या गिरा दिया जाएगा। कुल मिलाकर सरकार इनकी कमियां निकालकर दबाव बनाने के प्रयास में है।
राइट टू हेल्थ विधेयक का विरोध अब राज्य के अलावा देशभर में होने जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सभी डॉक्टरों से 27 मार्च को मेडिकल सर्विस बंद करने का आह्वान किया है। शनिवार को जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल स्थित जेएमए हॉल में प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों की बैठक हुई। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल ने आंदोलन को समर्थन देते हुए 27 मार्च को संगठन से जुड़े सभी डॉक्टरों से देशभर में बंद का आह्वान किया है। प्राइवेट हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम सोसाइटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बताया कि 27 मार्च को जयपुर में महारैली निकाली जाएगी। प्रदेशभर के डॉक्टर्स इसमें शामिल होंगे।
सरकारी हॉस्पिटल के मेडिकल ऑफिसरों की यूनियन अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिसदा) भी अपना विरोध तेज करने जा रही है। अरिसदा के प्रदेशाध्यक्ष अजय चौधरी ने बताया कि हम 29 मार्च को प्रदेशभर में एक दिन का सामूहिक अवकाश रखेंगे। अगर 29 मार्च को ऐसा होता है तो प्रदेशभर की पीएचसी, सीएचसी, उप जिला हॉस्पिटल में मरीजों को नहीं देखा जाएगा, क्योंकि यहां ज्यादातर डॉक्टर मेडिकल ऑफिसर ही होते हैं। ये इस संगठन से जुड़े हैं।