जयपुर:-राजस्थान सरकार के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल का रिव्यू करने के फैसले को लेकर अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के साथ मिलकर बीजेपी सरकार इंग्लिश मीडियम स्कूल को बंद करने की तैयारी कर रही है। लेकिन सरकार के फैसले को कांग्रेस पार्टी किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे।डोटासरा बोले- बच्चों को कागला,कमेड़ी,बांदरा पढ़ना चाहती बीजेपी:इनके नेता खुद के बच्चों को विदेश और गरीबों के बच्चों को हिंदी मीडियम में पढ़ना चाहते हैl
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बीजेपी के नेता अपने बच्चों को विदेश और अच्छे कान्वेंट स्कूल में पढ़ने भेजना चाहते हैं। लेकिन जब गरीब का बच्चा सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ अपना भविष्य बनाना चाहता है। तो यह लोग उसको कागला, कमेड़ीऔर बांदरा पढ़ना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस उन्हें ऐसा कभी नहीं करने देगी।
डोटासरा ने कहा कि अगर सरकार प्रदेश की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार ही करना चाहती है। तो प्रदेशभर में जहां इंग्लिश मीडियम स्कूल की कमी है। उन्हें वहां नए स्कूल खोलने चाहिए। अगर किसी स्कूल में स्टाफ की कमी है। तो वहां पर नया स्टाफ लगाना चाहिए। शिक्षकों की नई भर्ती की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के प्राइवेट स्कूलों में तो पढ़ाने के लिए टीचर उपलब्ध है। लेकिन न जाने क्यों बीजेपी सरकार को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ने के लिए अब टीचर तक नहीं मिल रहे हैं।
डोटासरा ने कहा कि प्रदेशभर के इंग्लिश मीडियम स्कूलों में फिलहाल 6 लाख 50 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स में पढ़ रहे हैं। ऐसे में अगर इंग्लिश मीडियम स्कूलों को हिंदी मीडियम में कन्वर्ट किया गया। तो क्या यह गरीब घर के बच्चे एक – एक लाख रुपए फीस देकर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इसलिए सरकार को इंग्लिश मीडियम स्कूल बंद करने की जगह नई स्कूल खोलने पर नए शिक्षकों की भर्ती पर फोकस करना चाहिए।
हालांकि अगर किसी जगह हिंदी मीडियम में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा हो। तो वहां पर सरकार नया हिंदी मीडियम स्कूल खोल सकती है। लेकिन जिन स्कूलों में बच्चे पढ़ रहे हैं। उन्हें बंद करना और हिंदी मीडियम में कन्वर्ट करना सरकार का बेतुका फैसला है। जिसका कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक विरोध करेगी।
गहलोत बोले- इंग्लिश मीडियम स्कूलों को फिर से हिन्दी करना बेतुका
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इंग्लिश मीडियम स्कूल को कन्वर्ट करने के फैसले का विरोध कर चुके है।गहलोत ने कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल शुरू किए थे। अगर इन स्कूलों में सुधार की आवश्यकता थी तो वर्तमान सरकार इसमें आवश्यक सुधार करती। लेकिन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को फिर से हिन्दी माध्यम करना बेतुका और गरीब और मध्यम वर्ग के विरोध में लगता है।
उन्होंने कहा- हिंदी तो हम सभी की मातृभाषा है। लेकिन अंग्रेजी माध्यम बच्चों को रोजगार के नए अवसर देता है। हमारी सरकार ने स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों की मांग पर ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले थे। इनसे प्रदेश में एक अच्छा माहौल तैयार हुआ था। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील भी की है।
मदन दिलावर बोले- सरकार के स्तर पर रिव्यू किया जा रहा
वहीं इस पूरे मामले पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पहले ही कह चुके हैं कि राजस्थान में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की जरूरत को लेकर सरकार के स्तर पर रिव्यू किया जा रहा है। इसके बाद ही स्कूल चलेंगे या बंद होंगे इसको लेकर कोई फैसला होगा। सरकारी स्तर पर रिव्यू करने के साथ ही हम यह भी देखेंगे कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुरूप है भी या नहीं है। इसी आधार पर अंतिम फैसला किया जाएगा।
दरअसल, पिछले दिनों राजस्थान के शिक्षा विभाग ने प्रदेशभर में संचालित हो रहे 2000 से ज्यादा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को फिर से हिंदी मीडियम में कन्वर्ट करने का रिव्यू करने का फैसला किया था। इसको लेकर जिला और उपखंड स्तर पर स्कूल प्रबंधन से सुझाव भी मांगे गए थे। इसके बाद जहां सरकार ने इस नई शिक्षा नीति के अनुरूप लागू करने की बात कही थी। इसके बाद अब महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। जिसको लेकर पेरेंट्स और स्टूडेंट्स में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की जरूरत को लेकर सरकार के स्तर पर रिव्यू किया जा रहा है। इसके बाद ही स्कूल चलेंगे या बंद होंगे इसको लेकर कोई फैसला होगा। सरकारी स्तर पर रिव्यू करने के साथ ही हम यह भी देखेंगे कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुरूप है भी या नहीं है। इसी आधार पर अंतिम फैसला किया जाएगा।