किरोड़ी लाल मीणा धरना मास्टर : अशोक गहलोत

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Dausa : हार्ट अटैक से 7 फरवरी को एक युवक राजकुमार गुप्ता की मौत के बाद राजस्थान में राजनीतिक गरमा गई है। परिवार ने दावा किया कि युवक राजीव गांधी युवा मित्र था, जिसकी नौकरी सरकार बदलने पर चली गई। वह तनाव में था।

गुरुवार शाम 4 बजे को पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा युवक के घर लालसोट कस्बे के गांव झांपदा में पहुंचे और परिवार को सांत्वना दी।

गहलोत ने इस दौरान राजस्थान की भजनलाल सरकार पर हमला बोला। कहा- भाजपा सरकार 5 हजार युवाओं को नौकरी से हटाने की बात को उपलब्धि बता रही है। ये सरकार निष्ठुर और संवेदनहीन है। इनकी गलत नीतियों के कारण एक नौजवान साथी चला गया। सरकार को बने दो महीने हुए हैं। अभी से ये रवैया है, तो आप सोच सकते हैं कि राजस्थान को कैसा शासन मिलेगा।गहलोत ने कहा- किरोड़ी लाल मीणा धरना मास्टर हैं। राजीव गांधी युवा मित्र महिलाएं जो किरोड़ी के घर पहुंचीं, उनसे बात करनी चाहिए थी। लेकिन पुलिस को बुलाकर उनकी पिटाई कराई गई। महिलाओं को घसीटा गया और जीप में बैठाया गया। किरोड़ी जब मंत्री नहीं थे, तब उनका रूप क्या था। वे एक्सपोज हो गए।

प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने कहा- पेपर लीक मामले में अब किरोड़ी मीणा को जांच करवाने के लिए किसने रोका है। अगर कुछ है तो सामने लेकर आएं। गहलोत सरकार ने जो कानून पास किया था। वो दिल्ली में पास हुए कानून से बेहतर है। किरोड़ी मीणा कौन से कानून को मानते हैं।

ये पांच हजार नहीं, इनके पीछे बहुत परिवार है। युवा धरना प्रदर्शन करें, लेकिन डिप्रेशन में नहीं जाए। बच्चे के परिवार को पांच लाख रुपए की मदद कांग्रेस की तरफ से करेंगे।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- राजीव गांधी युवा मित्र सरकार की योजनाओं की जानकारी देकर लोगों को योजनाओं का लाभ दिला रहे थे। उन्हें हटा दिया। सरकार इस प्रकार से युवाओं पर अत्याचार करना बंद करें। सरकारें बदलती रही है, लेकिन हमने कभी भी इस प्रकार के निर्णय नहीं लिए कि दूसरी सरकार की ओर से लगाए गए युवाओं को हटाया गया हो। ये कोई कांग्रेस के वर्कर नहीं है, ये सरकार की योजनाओं के लिए काम कर रहे थे।

पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा- हम यहां सांत्वना देने आए हैं। सरकार के गलत निर्णय से एक व्यक्ति की जान चली गई। पूरा परिवार दुख की स्थिति में है। चिंता है कि क्या होगा। कमाने वाला यही था। पूरे घर को संभाल रहा था। ये कह रहे हैं कि हमने गुनाह क्या किया है। क्या किसी भी पार्टी की सरकार के समय RAS, IAS या कोई कार्मिक अगर लगता है तो क्या उसको हटाया जाता है। क्या मोदी सरकार जो 10 साल से केंद्र में नौकरियां दे रहे हैं, तो दूसरी सरकार आएगी तो उन्हें हटाएगी क्या?