तुर्किये और सीरिया में 14 दिन बाद एक बार फिर से सोमवार रात 8.04 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 रही। इसका केंद्र अंताक्या प्रान्त का हताय शहर था। भूकंप की गहराई 2 किलोमीटर तक रही। इसके बाद आए आफ्टर शॉक्स की तीव्रता 3.4 से 5.8 रही। जिससे 3 लोगों की मौत हो गई और 294 घायल हो गए।
तुर्किये-सीरिया बॉर्डर वाले इलाके में 68 घंटे में 11 भूकंप आए हैं। तुर्किये की अनादोलु समाचार एजेंसी के सरकारी सूत्रों के मुताबिक तीन जगहों पर खोज और बचाव की कोशिश की जा रही है। सोमवार को आए भूकंप के झटके लेबनान, इजराइल और साइप्रस में भी महसूस किए गए। यूरोपियन मेडिटेरेनियन सीसमोलॉजिकल सेंटर के मुताबिक, अभी आगे और आफ्टर शॉक्स झेलने पड़ सकते हैं।
हर बिल्डिंग के आगे पुलिस नहीं लगा सकते- मेयर
एपिसेंटर के करीब समांदग कस्बे में रहने वाले एक युवक मेहमत अली गुमुस ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया, मुझे अचनाक से महसूस हुआ कि मेरे पैरों तले से जमीन खिसक गई है। झटका इतना जोर का था कि मैं घर से बाहर निकलने के लिए एक मीटर दूर अपने दरवाजे तक नहीं पहुंच पा रहा था।
कई लोग मलबे में दबे हैं जिनकी हालत के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। वहीं सीरिया के विरोधियों वाले इलाके में 150 लोग घायल हुए हैं। समांदाग के मेयर रेफिक इरिलमाज ने लोकल टीवी चैनल को बताया कि लोगों के लिए शेल्टर की समस्या काफी बड़ी है। मां-बाप अपने बच्चों के साथ कड़कड़ाती ठंड में रहने को मजबूर हैं। हम पुलिस वालों को हर बिल्डिंग के सामने खड़ा नहीं कर सकते हैं।
मृतकों की संख्या 47 हजार के पार
6 फरवरी को आए 3 बड़े भूकंप से तुर्किये और सीरिया में मरने वालों की संख्या 47 हजार से ज्यादा हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दोनों देशों में 2 करोड़ 60 लाख लोगों को मदद की जरूरत है। पिछले 75 साल में पहली बार WHO इतने बड़े लेवल पर रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहा है।
मलबे में बैलून बांधकर दी जा रही श्रद्धांजलि
तुर्किये में समाज सेवियों ने त्रासदी में मारे गए बच्चों को मलबे में लाल गुब्बारे लगाकर श्रद्धांजलि दी। प्रोजेक्ट के लीडर ओगुएन सीवर ओकुर ने बताया कि उन्होंने 1000-1500 गुब्बारे मलबे में जगह-जगह बांधे। हर एक गुब्बारा भूकंप में जान गंवाने वाले बच्चों की याद दिलाता है। इस प्रोजेक्ट के तहत अभी और गुब्बारे लगाए जाएंगे।
तुर्किये में रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग खत्म
तुर्किये सरकार ने कहारनमारस और हताय को छोड़कर सभी राज्यों में रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म कर दिया है। भारत से ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत तुर्किये गई NDRF टीम भी वापस लौट आई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि सरकार ने भारी मात्रा में राहत सामग्री सीरिया और तुर्किये में पहुंचाई है। भारत दुनिया में मदद करने के लिए हमेशा हाजिर होता है।
अमेरिकी विदेश मंत्री तुर्किये पहुंचे
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने तुर्किये का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भूकंप के बाद तुर्किये-सीरिया को दी जाने वाली मदद और राहत पैकेज पर चर्चा की। ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका के ओर से तुर्किये को लंबे समय के लिए मदद दी जाएगी। अब तक अमेरिका दोनों देशों के लिए 1,530 करोड़ रुपए की सहायता राशि दे चुका है।
भूकंप से जुड़े बड़े अपडेट्स
- तुर्किये में 41,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। सीरिया में 5,800 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
- NATO ने तुर्किये के लिए 600 टेंपररी कंटेनर घर भेजे हैं, जो अगले हफ्ते तक वहां पहुंच जाएंगे।
- तुर्किये-सीरिया में मलबे के नीचे दबे जिंदा लोगों की तलाश अब आखिरी चरण में है। इसके बाद शवों के ही मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
6 हजार से ज्यादा आफ्टर शॉक आए
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो हफ्ते में तुर्किये के 11 राज्यों में 6,040 आफ्टर शॉक आ चुके हैं। इन इलाकों को डिजास्टर जोन कहा जा रहा है। 6 हजार में से 40 आफ्टर शॉक 5 से 6 तीव्रता के थे। वहीं एक 6.6 तीव्रता का था। तुर्किये की स्थिति इतनी खराब है कि यहां एक लाख से ज्यादा इमारतें नष्ट हो गई हैं। अधिकारी लोगों को इनसे दूर रहने की सलाह दे रहे हैं।
दो हिस्सों में बंटा तुर्किये का गांव
न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप के बाद एक गांव दो हिस्सों में बंट गया। तुर्किये के अंताक्या शहर के पास डेमिरकोप्रु (Demirkopru) गांव में भूकंप से इतनी तबाही हुई की जमीन में बड़ी दरार आ गई और गांव दो हिस्सों में बंट गया। यहां घर 13 फीट नीचे धंस गए। जमीन के नीचे से पानी ऊपर आ गया।
13 दिन बाद तीन लोगों का रेस्क्यू
इसी बीच तुर्किये में रेस्क्यू टीम ने 13 दिन बाद तीन लोगों को मलबे से जिंदा बाहर निकाला है। इनमें एक बच्चा है। वहीं, अब ज्यादातर लोग अपनों के जिंदा बाहर आने की उम्मीदें खो चुके हैं। वो चाहते हैं कि उनके अपनों के शव जल्द मिल जाएं, ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके। इस्लामिक रीति-रिवाजों के मुताबिक, शव को जल्द से जल्द दफनाया जाना चाहिए।
भूकंप से जुड़े बड़े अपडेट्स
- तुर्किये में 40,642 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। सीरिया में 5,800 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
- तुर्किये में एक करोड़ 30 लाख लोग 10 राज्यों में डिसप्लेस हो चुके हैं। अब तक 8 हजार लोगों को बचा लिया गया है।
- तुर्किये-सीरिया में मलबे के नीचे दबे जिंदा लोगों की तलाश अब आखिरी चरण में है। इसके बाद शवों के ही मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
- सीरिया में भूकंप पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए 20 फरवरी तक के लिए राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाया गया।
फीफा तुर्किये और सीरिया को मदद के लिए देगा 1 मिलियन डॉलर
भूकंप के साथ-साथ जंग से जूझ रहे सीरिया के उत्तर पश्चिमी इलाके में UN ने मदद के सामान के साथ 142 ट्रक भेजे हैं। वहीं अब तक वहां UN की 6 एजेंसियां मदद लेकर जा पाई हैं।
वहीं शुक्रवार को फुटबॉल की अंतर्राष्ट्रीय संस्था फीफा ने भी तुर्किये और सीरिया के लिए 1 मिलियन डॉलर की मदद देने की घोषणा की है।
भूकंप से तुर्किये को 6 लाख करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप से तुर्किये को 6 लाख करोड़ का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि सरकार ने इसे 4 लाख करोड़ रुपए ही माना है। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा खर्च भूकंप की वजह से धराशायी हुई इमारतों को दोबारा से खड़ा करने में आएगा।
6 फरवरी को आए थे 3 बड़े भूकंप
- तुर्किये और सीरिया में 6 फरवरी को सुबह 3 बड़े भूकंप आए थे। तुर्किये के वक्त के मुताबिक, पहला भूकंप सुबह करीब चार बजे (7.8), दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0) आया।
- इसके अलावा 243 आफ्टर शॉक्स भी दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही। तुर्किये में 7 फरवरी सुबह 8.53 पर फिर भूकंप आया। इसके बाद दोपहर 12.41 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया।
- भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर रहा। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई।
दुनिया में हर साल 20 हजार भूकंप आते हैं
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इन्फॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। यह कुछ सेकेंड तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।
6 फरवरी को सीरिया और तुर्किये में आए 7.8 और 7.5 तीव्रता के भूकंपों से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। घातक भूकंप से मरने वालों की संख्या 24 हजार से ज्यादा हो चुकी है। अब, यूके के रिसर्चरों ने विनाशकारी भूकंप से पहले और बाद की स्पेस से ली गई दो इमेज जारी की हैं।
सेंटर फॉर द ऑब्जर्वेशन एंड मॉडलिंग ऑफ अर्थक्वेक यानी COMET के रिसर्चरों ने बताया कि ये इमेज सेंटिनल -1 सैटेलाइट से ली गई हैं। भूकंप के बाद की तस्वीरों में धरती में आई काफी बड़ी-बड़ी दो दरारें दिख रही हैं। सबसे बड़ी दरार 300 किलोमीटर लंबी है। जो मेडिटरेनियन सी यानी भूमध्य सागर की टिप से नॉर्थ ईस्ट तक फैली है