जयपुर:-पेपर लीक के मामले में ईडी की जयपुर, उदयपुर, अजमेर, डूंगरपुर, सांचौर (जालौर) बांसवाड़ा और सिरोही में 28 जगह पर कार्रवाई मंगलवार को भी जारी रही। राजनीतिक हलकों में हलचल तेज है। ईडी के मामले को लेकर पक्ष विपक्ष दोनों के नेताओं के द्वारा आरोप-प्रत्यारोप लगाने का सिलसिला जारी है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र पर सीधा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि जब एसओजी और एसीबी सही तरीके से काम कर रही है तो फिर यदि की क्या जरूरत है।सत्ताधारी पार्टी के नेता केंद्र पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं । कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राजनीतिक टास्क के लिए ईडी को चुनाव से पहले प्रदेश में भेजा है।उन्होंने कहा है कि हम इससे घबराने वाले नहीं है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने ईडी की कार्यवाही को सही बताया है और असली सामने आने की बात कही जा रही है। राजस्थान लोक सेवा आयोग गिरफ्तार सदस्य बाबूलाल कटारा, मुख्य सरगना सुरेश ढाकाऔर सुरेश विश्नोई के घर पर ईडी को तलाशी के दौरान कई दस्तावेज मिले हैं। ईडी ने बाबूलाल कटारा के सरकारी आवास और आरपीएससी स्थित कार्यालय को भी सील कर दिया है। अब जयपुर में भी आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर ईडी सर्च की कार्रवाई कर रही है।
ईडी मंगलवार को प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।इसके बाद ईडी के अधिकारी पेपर लीक के मामले से जुड़े कुछ अधिकारियों और राजनेताओं से भी पूछताछ की जा सकती है। रीट पेपर लीक मामले में कई राजनेताओं के रिश्तेदारों और अधिकारियों के नाम चर्चा में है।
ईडी आरपीसी के गिरफ्तार सदस्य बाबूलाल कटारा के आवास पर की गई छापेमारी के दौरान मिले सबूतों से उजागर हुआ है कि कटारा के बेटे के नाम 50 लाख के म्युचुअल फंड और वर्ष 2021-2022 में पांच जगह जमीन खरीदने जाने की जानकारी सामने आई है। इसकी जानकारी और जुटाने के लिए परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जाएगी। पेपर लीक के मामले के मुख्य आरोपी शेर सिंह मीणा की गर्लफ्रेंड अनीता मीणा, आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा का भांजा विजय डामोर, सुरेश कुमार विश्नोई, सुरेश ढाका के परिवारजनों से भी पूछताछ की जाएगी। ईडी की जांच में सामने आया है कि इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है। नौकरी लगाने के नाम पर पेपर लीक से और अन्य सभी कार्यों के लिए गिरोह काम कर रहा था।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में पेपर लीक चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष के नेता रहे गुलाबचंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ ने 900 करोड़ के लेनदेन आरोप लगाया था। एसओजी ने भी पेपर लीक के दौरान विभिन्न लोगों से बड़ी मात्रा में रकम भी जप्त की थी।