जयपुर, 8 सितम्बर। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि शिक्षा जीवन को उजाले की ओर ले जाने का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की समाज के सभी वर्गों की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका है। निरक्षरता उन्मूलन की दिशा में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के जरिए प्रदेश में नवाचारों के साथ बेहतर कार्य हो रहा है।
शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला शुक्रवार को अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर स्थित सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को सम्बोधित कर रहेे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा और साक्षरता के क्षेत्र में राइट टू एजुकेशन मील का पत्थर साबित हुआ है। नई पीढ़ी के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए स्कूल चलो अभियान, डिजीटल शिक्षा आदि नवाचार किए जा रहे हैं। उन्होंने शत- प्रतिशत साक्षरता की दिशा में एनजीओ, सामाजिक समूहों, पेंशनर्स आदि को निरक्षरता उन्मूलन के कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वान किया।
डॉ. कल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 2030 तक राजस्थान को शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में अग्रणी राज्य बनाने के लिए राजस्थान मिशन 2030 प्रारम्भ किया है, जिसके तहत विभिन्न हितधारकों के सुझाव लेकर विजन 2030 दस्तावेज तैयार किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत साक्षरता सम्बन्धी सुझावों को भी सम्मिलित किया जाएगा।
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने कहा कि राज्य सरकार डिजीटल आधारित शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। स्कूल शिक्षा के विद्यार्थियों को डिजीटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अध्ययन सामग्री सुलभ उपलब्ध करवायी जा रही हैं। वहीं नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत निर्धारित पाठ्यक्रम को भी वीडियो के माध्यम से ई-साक्षरता एप पर उपलब्ध करवाया गया है।
इस अवसर पर साक्षर राजस्थान एवं ई-साक्षरता यू-ट्यूब चैनल की लॉंचिंग एवं पोस्टर का विमोचन किया गया। इस दौरान नवसाक्षरों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में नवसाक्षरों ने अपने साक्षर बनने की कहानी की अभिव्यक्ति भी दी।
कार्यक्रम में साक्षरता एवं सतत शिक्षा निदेशालय एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी सहित नवसाक्षर एवं स्वयं सेवी शिक्षक उपस्थित रहे।