चुनाव आयोग ने बुधवार 22 मई को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस जारी किया। आयोग ने दोनों पार्टियों के अध्यक्षों और स्टार प्रचारकों से अपने भाषण को सही करने, सावधानी बरतने और मर्यादा बनाए रखने के लिए कहा।
लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी समेत कांग्रेस के नेता अपने भाषणों में संविधान बचाने और अग्निवीर स्कीम का बार-बार जिक्र कर रहे हैं। वहीं भाजपा के नेता अपनी स्पीच में मुसलमान और धर्म पर जोर दे रहे हैं। आयोग ने दोनों पार्टियां के स्टार प्रचारकों को धार्मिक और सांप्रदायिक बयानबाजी न करने का निर्देश दिया है।
चुनाव आयोग ने भाजपा और कांग्रेस से क्या कहा?
- भाजपा से उन प्रचार भाषणों को रोकने के लिए कहा है, जिनसे समाज में बंटवारा हो सकता है।
- चुनाव आयोग ने कांग्रेस से कहा कि वह संविधान को लेकर गलत बयानबाजी न दें। जैसे कि भारत के संविधान को खत्म किया जा सकता है या बेचा जा सकता है। इसके अलावा अग्निवीर पर बोलते हुए इलेक्शन कमीशन ने कांग्रेस से कहा कि वो डिफेंस फोर्स का राजनीतिकरण न करें।
राहुल गांधी की सेना पर टिप्पणी के खिलाफ भाजपा का डेलीगेशन 14 मई को चुनाव आयोग शिकायत करने पहुंचा। राहुल ने 13 मई को रायबरेली में कहा था- मोदी ने दो तरह के सैनिक बनाए हैं। एक गरीब, पिछड़े, आदिवासी और दलित का बेटा और दूसरा अमीर घर का बेटा।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आयोग के ऑफिस पहुंचकर राहुल और उनकी पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि ये सैनिकों पर सीधा हमला है। कांग्रेस इसे विवाद का मुद्दा बनाना चाहती है और सैनिकों का मनोबल गिराना चाहती है। यह चुनाव का मामला नहीं है, यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। चीन के खिलाफ देश की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना गंभीरता के साथ अपनी पूरी ताकत लगा रही है।
जयशंकर बोले- कांग्रेस पहले भी सेना पर उठा चुकी है सवाल
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह पहली बार नहीं कि जब कांग्रेस ने भारतीय सेना पर हमला किया हो। इससे पहले भी जब हमारे सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश में चीन के सैनिकों को आगे आने से रोका था और उन्हें खदेड़ दिया था। उस वक्त भी राहुल गांधी ने संसद में कहा था भारतीय सैनिकों की पिटाई हुई है। ये अपमान हम देखते आ रहे हैं।
इससे पहले भी जब बालाकोट में जब सैनिकों ने सर्जिकल स्ट्राइक की तो भी इन लोगों ने उस पर सवाल उठाए , जब हम हमने उरी में एक्शन लिया उस पर भी इन लोगों ने सवाल उठाए। जयशंकर ने आगे कहा कि देश बर्दाश्त नहीं करेगा कि हमारे सैनिकों पर राजनीतिक कारण की वजह से ऐसे हमले हों।
EC ने हेट स्पीच मामले में भाजपा-कांग्रेस को नोटिस जारी किया था
25 अप्रैल को चुनाव आयोग के पोल पैनल ने कांग्रेस और भाजपा की एक-दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों के आधार पर दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 के सेक्शन 77 के तहत इश्यू किया गया।
यह पहली बार है जब आयोग ने स्टार प्रचारक की जगह पार्टी अध्यक्षों को नोटिस जारी किया। PM नरेंद्र मोदी भाजपा और राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं। इस लिहाज से इनके भाषणों के लिए EC ने पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है।
चुनाव आयोग से PM मोदी और राहुल गांधी के भाषण में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की गई थी। शिकायत में कहा गया कि ये लीडर्स धर्म, जाति, समुदाय और भाषा के आधार पर लोगों को बांटने और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।
चुनावी रैलियों में नफरती भाषण मामले में जवाब देने के लिए भाजपा ने चुनाव आयोग (EC) से एक हफ्ते और कांग्रेस ने दो हफ्ते का वक्त मांगा। चुनावी रैलियों में पीएम मोदी और राहुल गांधी की तरफ से नफरती भाषण देने के मामले में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनाव आयोग को 29 अप्रैल को जवाब देना था। हालांकि अभी तक जवाब नहीं दिया गया है।
राजस्थान में मोदी बोले थे – कांग्रेस आपकी संपत्ति ज्यादा बच्चे वालों में बांट देगी
- नेता: नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
- जगह: बांसवाड़ा, राजस्थान
- तारीख: 21 अप्रैल, 2024
- बयान: PM मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगों की संपत्ति को ज्यादा बच्चे वालों में बांट देगी। साथ ही PM ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है।
- शिकायत: कांग्रेस ने इस बयान को विभाजनकारी, दुर्भावना से भरा और समुदाय विशेष को टारगेट करने वाला बताया। पार्टी ने कहा- चुनाव आयोग ‘संपत्ति का बंटवारा’ वाले बयान पर एक्शन ले। PM के संपत्ति जब्त करने वाले बयान के खिलाफ कांग्रेस और CPI-M ने अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई थी।
केरल में राहुल बोले थे- कांग्रेस सत्ता में आई तो एक झटके में गरीबी दूर कर देंगे
- नेता: राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद
- जगह: केरल
- तारीख: 18 अप्रैल, 2024
- बयान: राहुल ने 12 अप्रैल को केरल की चुनावी सभा में गरीबी बढ़ने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि 22 लोग भारत के 70 करोड़ लोगों से ज्यादा अमीर हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार आती है तो एक झटके में गरीबी खत्म हो जाएगी।
- शिकायत: भाजपा ने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं। राहुल गरीबी बढ़ने का झूठा दावा कर रहे हैं।
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को जिम्मेदार माना
ये शिकायतें मिलने के बाद इलेक्शन कमीशन ने स्टार प्रचारकों की फौज उतारने के लिए पहली नजर में पार्टी अध्यक्षों को ही जिम्मेदार ठहराया है। आयोग ने कहा, “अपने प्रत्याशियों के कामों के लिए राजनीतिक दलों को ही पहली जिम्मेदारी उठानी चाहिए, खास तौर पर स्टार कैंपेनर्स के मामले में। ऊंचे पद पर बैठे लोगों के चुनावी भाषणों का असर ज्यादा गंभीर होता है।”
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत जारी हुए नोटिस
भारत में लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट्स के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं। इन्हें 1951 में बनाए गए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में डिफाइन किया गया है। इनमें एक हिस्सा चुनावी आचार संहिता का है। चुनाव के समय हर कैंडिडेट को इसका पालन करना होता है। किसी भी जगह आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत मिलने पर चुनाव आयोग एक्शन लेता है।
चुनाव आयोग AAP नेता आतिशी को भी नोटिस भेज चुका है
चुनाव आयोग ने 5 अप्रैल को आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी सिंह को भी नोटिस जारी किया था। आतिशी ने कहा था कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का ऑफर मिला था और ऐसा नहीं करने पर जेल भेजने की धमकी दी गई थी। चुनाव आयोग में शिकायत कर इसकी सच्चाई पर सवाल खड़े किए थे।
तेलंगाना के पूर्व CM के चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसे लेकर भी चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा था। कांग्रेस के गणेश गोदियाल और रघुबीर सिंह कदियान को भी चुनाव आयोग नोटिस भेज चुका है।