राजस्थान में फिर महंगी होगी बिजली:ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने दिए रेट बढ़ाने के संकेत,पिछले महीने बढ़ाया था फ्यूल सरचार्ज

Jaipur Rajasthan

राजस्थान में जल्द बिजली की दरें (रेट) बढ़ सकती है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने इसके संकेत दिए हैं। नागर ने कहा- पिछली कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन के चलते बिजली उत्पादन की कीमत बढ़ गई है। इसका बोझ भी आम उपभोक्ता पर ही पड़ने वाला है। इसकी जिम्मेदार पिछली कांग्रेस सरकार होगी।

नागर ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- बिजली कंपनियों की फिक्स और वेरिएबल कॉस्ट होती है। पिछली कांग्रेस सरकार ने महंगा और इम्पोर्टेड कोयला खरीदा। इससे बिजली उत्पादन की वेरिएबल कॉस्ट बढ़ी। इसके अलावा गहलोत सरकार ने रबी की फसल के समय जो बिजली बैंकिंग से उधार ली थी, वो बिजली हमें महंगे दामों में खरीदकर लौटानी पड़ रही है। इससे भी कंपनियों की लागत बढ़ी है। लागत बढ़ने के कारण हमें नियमों के तहत राजस्थान विद्युत नियामक आयोग में याचिका दायर करनी पड़ेगी। उसका जो भी निर्णय होगा, उसकी हमें पालना करनी पड़ेगी।

अभी जो फ्यूल सरचार्ज बढ़ाया, उसकी जिम्मेदार भी कांग्रेस
ऊर्जा मंत्री ने कहा- अभी जो फ्यूल सरचार्ज हमने बढ़ाया है। उसके लिए भी पिछली कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। कांग्रेस के शासनकाल में बिजली उत्पादन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। महंगी दर पर कोयला और बिजली खरीदी गई। इसकी वजह से प्रति यूनिट की लागत बढ़ गई, जिसके कारण हमें फ्यूल सरचार्ज बढ़ाना पड़ा। फिर भी हमने आम उपभोक्ताओं पर ज्यादा बोझ नहीं डाला है। हमने 54 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज बढ़ाया है, लेकिन हमने बिजली दर नहीं बढ़ाई।

हम उत्पादन बढ़ाने पर कर रहे फोकस
ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा- पिछली कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में किसी भी तरह से बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कोई काम नहीं किया। लेकिन हमारी सरकार ने आते ही केंद्र सरकार के उपक्रमों के साथ एमओयू किए हैं। अभी दो दिन पहले ही कैबिनेट ने केंद्रीय उपक्रमों के साथ जॉइंट वेंचर करने की अनुमति भी हमें दी है।

अब प्रदेश में तेजी से बिजली का उत्पादन बढ़ेगा। बिजली कंपनियों को वित्तीय सहायता भी मिलेगी। उन्होंने कहा- आने वाले समय में हम राजस्थान को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएंगे। इसके बाद प्रदेश में न तो बिजली की कमी होगी और न ही प्रदेश में बिजली की दरें कभी बढ़ेगी। इन जॉइंट वेंचर में राज्य सरकार की कंपनियों की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत और केंद्रीय पीएसयू कंपनियों की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत रहेगी।

पिछले महीने फ्यूल सरचार्ज बढ़ाया, फिक्स चार्ज बढ़ाने की मंजूरी ऊर्जा विभाग ने जून महीने में 54 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज बढ़ाया था। इससे पहले 5 साल से हर महीने 7 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगाया जा रहा था। ऐसे में विभाग ने जुलाई में 61 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगााकर बिल जारी किया था। इसके अलावा राजस्थान बिजली विनियामक आयोग ने नए बिजली बिलों में वसूले जाने वाले फिक्स चार्ज को बढ़ाने की मंजूरी दे दी। जो फिक्स चार्ज अभी 100 से 400 रुपए तक लगता है, उसे बढ़ाकर 150 से 450 रुपए करने की तैयारी हो गई है।