उदयपुर में देशभर के ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन, केन्द्रीय मंत्री सिंह बोले- खपत के साथ विद्ययुत क्षमता भी बढ़ा रहे, भाटी ने मांगा विशेष पैकेज

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Udaipur : राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्रों के विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों सम्मेलन का उदयपुर में शुक्रवार को शुरू हुआ। केंद्रीय विद्युत एंव ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की अध्यक्षता में 2 दिवसीय सम्मेलन हो रहा है। इसमें एक दर्जन से ज्यादा तकनीकी सत्रों में देश भर के अलग-अलग राज्यों से आए विद्युत और ऊर्जा मंत्री शामिल हो रहे हैं।

इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि पब्लिक डिमांड बढ़ने के चलते 1.82 लाख ट्रॉजिस्टर लाइन को बढ़ाया हैं। ग्रामीण क्षेत्र में भी बिजली की उपलब्धता बढ़ी हैं। ई व्हीक्लस के मॉडल को ध्यान में रखते हुए भविष्य की जरूरत का ख्याल रखा जा रहा हैं। देश में खपत भी बढ़ने के साथ ही लगातार क्षमता भी बढ़ रही हैं। सम्मेलन में केंद्र सरकार के साथ राज्यों को ऊर्जा के क्षेत्र में विकास की संभावनाओं और परेशानियों पर चर्चा हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को बिजली पहुंचाने का पैसा नहीं लिया जा रहा हैं। सीधे सब्सिडी देना उचित हैं, लेकिन संतुलन जरूरी हैं। इलेक्ट्रिक एनर्जी व्हीकल के लिए क्षमता बढ़ा रहे है। इसलिए आने वाले समय में ऊर्जा की कमी नहीं पड़ेगी। शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र में सोलर की दर ज्यादा हैं। साल भर पहले तक सोलर उपकरण चीन से 80% आ रहे थे। अब मेक इन इंडिया के तहत उपकरण तैयार करने शुरू किए है।

राजस्थान में इस साल हुए कॉल संकट की समस्याओं को लेकर मंत्री ने बड़े ही गोलमोल तरीके से जवाब देते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश भी की। राजस्थान में कोयले के संकट को लेकर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि कोयला की उपलब्धता एक बड़ा चैलेंज है।
मंत्री ने कहा कि कोयले का संकट इसलिए भी है, उस गति से बिजली की लगातार डिमांड बढ़ रही है। नए कोयले की खदान को शुरू करने में काफी समय लगता है। पर्यावरण क्लियरेंस में ही 1 साल और भूमि अवाप्ति में ही 1.5 साल लगते हैं। 3 साल के पहले खदान शुरू ही नहीं हो सकती। इन क्लीयरेंस पर भी समाधान करना होगा। मंत्री ने कहा कि इस तरह की नेचुरल समस्या है।

पिछले दिनों राजस्थान में जिस तरह से कोयले की संकट के कारण समस्या खड़ी हुई। उन्होंने कहा कि भारत में अन्य देशों की तुलना में तेज गति से काम हो रहा है। दुनिया के कई देशों में एनर्जी क्राइसिस देखा जा रहा है, लेकिन भारत में ऐसा कोई संकट नहीं है।

किसी भी योजना के क्रियान्वयन में राज्य की बड़ी जिम्मेदारी हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सोलर की अपार संभावनाएं है। इस मौके पर राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवरसिंह भाटी ने केंद्रीय कोयला मंत्री से की है मांग कि राजस्थान को मिले जरूरत के मुताबिक कोयला उपलब्ध करवाने की मांग की।

उन्होंने राजस्थान की भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए कोयले को लेकर अलग से पैकेज दिया जाना चाहिए। इसमें केन्द्रीय मंत्री आर.के.सिंह, केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, सहित कई राज्यों के ऊर्जा मंत्री मौजूद रहे।

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