उपराष्ट्रपति ने अनुसंधान और विकास की जीवंतता की पुष्टि की,छात्रों को नवाचार में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया
मनोज टांक
झुंझुनूं:-पिलानी के बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) के छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा को सबसे ‘प्रभावी और प्रभावशाली’ तंत्र बताया, जिससे भारत के विकास में तेजी आएगी।
लोकतंत्र में परिवर्तन के एजेंट और हितधारकों के रूप में विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उनसे अपने ‘प्रतिनिधियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जवाबदेही और नागरिक भागीदारी के महत्व को सुदृढ़ करते हुए प्रत्येक नागरिक को संसद में याचिका प्रस्तुत करने का अधिकार है।
जगदीप धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक पचास प्रतिशत मानवता के लिए न्याय सुनिश्चित नहीं किया जाता तब तक समाज का विकास नहीं हो सकता। नारी शक्ति वंदन अधिनियम को एक ‘युगीन विकास’ के रूप में पारित करने की सराहना करते हुए, उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि यह विधेयक महिलाओं के अधिकारों की मान्यता और उनके अधिकार की पुष्टि है।
जी20 की अध्यक्षता में भारत की सफलता पर प्रकाश डालते हुए, धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि जी20 सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करना भारत के सभ्यतागत लोकाचार के साथ गहराई से मेल खाता है।
कार्यक्रम में केंद्रीय कानून और न्याय, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर स्वरचित गीत सुनाया। कार्यक्रम में सांसद नरेंद्र कुमार, सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनियां, जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरी, जिला कलक्टर डॉ खुशाल और बिट्स के कुलपति प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव व निदेशक सुधीर कुमार बरई समेत अधिकारी, अध्यापक, विद्यार्थी मौजूद रहे।