सरगुजा (छत्तीसगढ़) [भारत], 16 नवंबर (एएनआई): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के सभी लोग हिंदू हैं और जो कोई भी भारत को मानता है उनकी मातृभूमि एक हिंदू है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। छत्तीसगढ़ के सुरजुगा के अंबिकापुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “भारत के सभी लोग हिंदू हैं। जो भी भारत को अपनी मातृभूमि मानता है, वह हिंदू है। चाहे वह किसी भी धर्म का हो, यही सच्चाई है और संघ इस सच को जोर से बोलता है, ऐसा इसलिए है क्योंकि हम सैकड़ों वर्षों से एक साथ हैं।”
“संघ को समझने के लिए संघ से जुड़ना ही सर्वोत्तम उपाय है। शाखा में आकर ही संघ को जाना जा सकता है। संघ की शाखा में आने का कोई शुल्क नहीं है, मिठास तो चखकर ही जानी जा सकती है।”
“अलग होने की बात चलती है, लेकिन सबको एक रहना है। सबके अलग-अलग देवी-देवता हैं। ऐसे लोग हैं जो किसी भगवान को नहीं मानते। भारत में लोग हैं। यह वेदों के बाद से चल रहा है, छोटे दिमाग वाले लोग आपस में झगड़ते हैं। भारत न एक पूजा है, न एक भाषा है, जातियाँ अनेक हैं, फिर भी भारत एक है। राजा बदलते रहे, लेकिन भारत वही रहा।” उन्होंने आगे कहा, “संघ की तुलना नहीं की जा सकती, जैसे आकाश की तुलना नहीं की जा सकती। पढ़-लिखकर भी संघ के अर्थ का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।” उन्होंने आगे कहा, “हम सभी के पूर्वज एक हैं। हम सभी का 40,000 वर्षों से एक ही डीएनए है। सभी को अपनी पूजा में दृढ़ रहना चाहिए। किसी की पूजा को बदलने की कोशिश न करें। सभी तरह से एक ही स्थान पर। सभी को चलना चाहिए।” एक रास्ता। संघ का कोई स्वार्थ नहीं है, संघ को लोकप्रियता की जरूरत नहीं है।