लाल डायरी का रहस्य जानने को सभी है बेताब,हंगामा और विवाद पहुंचा आम से खास तक,सीएम गहलोत और धर्मेंद्र राठौर की चुप्पी !

Jaipur Rajasthan

जयपुर:-लाल डायरी को लेकर विधानसभा से सड़क तक हंगामा मचा हुआ है। राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोगों में भी इस बात की उत्सुकता है कि उस डायरी में क्या कुछ है। इसको लेकर  सत्ताधारी कांग्रेस और भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों में क्यों चर्चा की जा रही है। आपको हम लाल डायरी की वास्तविकता कुछ हद तक बताने का प्रयास करेंगे। जैसा कि कहा जा रहा है कि लाल डायरी में राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर द्वारा दैनिक गतिविधियों के बारे में विवरण है। इस विवरण में क्या कुछ है इसको लेकर भी रहस्य बना हुआ है।

विधानसभा में सोमवार को बर्खास्त मंत्री विधायक राजेंद्र  गुढ़ा इस विवादित डायरी को लेकर सदन में पहुंच गए। शून्यकाल की शुरुआत में ही उन्होंने डायरी को लहराते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से अपनी बात विधानसभा में रखने की मांग की। कुछ देर तक राजेंद्र गुढ़ा अपने स्थान पर ही जाएगी को लहराते रहे जब विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने उन्हें अपनी बात कहने  की अनुमति नहीं दी तो वे आसन के समक्ष आकर लाल डायरी को लहराते हुए मांग कर रहे थे कि उन्हें अपनी बात कहने दी जाए। इस मामले को लेकर डॉ. सीपी जोशी और राजेंद्र गुढ़ा के बीच काफी तनातनी और गरमा गरम बहस भी देखने को मिली। उन्होंने अपने अंदाज में राजेंद्र गुढ़ा को फटकार लगाते हुए कहा कि वे अपने मर्यादा में रहकर बात कहें उन्होंने कई बार नाम भी पुकारा लेकिन राजेंद्र गुढ़ा पर कोई असर नहीं हुआ। वे अपनी बात पर अड़े रहे।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी ने इस बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक नारायण बेनीवाल का नाम पुकार कर स्थगन प्रस्ताव के तहत अपनी बात कहने को कहा। भाजपा के  विधायक राजेंद्र गुढ़ा के पक्ष में आकर नारेबाजी करने लगे । विधानसभा में हंगामे की स्थिति के बीच नारायण बेनीवाल ने विवादित लाल डायरी का जिक्र किया और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की। शोर-शराबे के बीच उन्होंने  अपनी बात भी विधानसभा में रखी। इसी बीच राजेंद्र गुढ़ा ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल द्वारा आपत्ति करने के लिए खड़े हुए कि उन्होंने उनका माइक नीचे कर दिया इससे स्थिति विवादित हो गई। कांग्रेस के विधायक रफीक मोहम्मद ने पलटवार करते हुए राजेंद्र गुढ़ा से हाथापाई शुरू कर दी कुछ देर में  लाल डायरी छीन ली गई और उसे फाड़कर खत्म करने का प्रयास किया गया। यही नहीं इस विवाद में तीन मंत्री और 2 दर्जन से अधिक विधायकों ने राजेंद्र  गुढ़ा पर धावा बोल दिया। हाथापाई होने से स्थिति अधिक बिगड़ी और विधानसभा अध्यक्ष  डॉ.सीपी जोशी ने मार्शल के माध्यम से राजेंद्र गुढ़ा को बाहर निकालने के आदेश  देने पड़े।  यही नहीं डॉ. सीपी जोशी ने विधानसभा की कार्रवाई भी स्थगित कर दी।

बर्खास्त मंत्री और कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने बाहर आकर आप बीती पत्रकारों को बताई और कहा कि मुझे  संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और कांग्रेस के विधायक रफीक खान के साथ-साथ कई मंत्रियों और विधायकों ने मारपीट की है। मैं अकेला था और वहां पर दो दर्जन कांग्रेस के विधायक और मंत्री मेरे ऊपर लात घूंसे चला रहे थे  मैं सबका एक साथ मुकाबला करने में सक्षम नहीं था। मार्शल और सुरक्षा अधिकारियों ने मुझे बाहर  कर दिया। मैं अपनी जान बचाकर आया हूं  और मेरी लाल डायरी भी छीन ली गई है।  यही नहीं उस लालधारी को संसदीय कार्य मंत्री ने झपट्टा मारकर अपने कब्जे में किया और उसके बाद सबने मिलकर लाल डायरी को फाड़ कर नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि लाल डायरी का एक पार्ट फाड़ दिया है और दूसरा पार्ट मेरे पास मौजूद है। 

राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी  का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें राज्यसभा में किस-किस को कितने पैसे दिए गए उसका विवरण है। इसके अलावा भाजपा के विधायकों को क्या कुछ दिया गया और उनके हेलीकॉप्टर खाली कैसे लौट गए । उसका विवरण भी है। आखिर लाल डायरी में क्या कुछ है यह तो कौन बता सकता है । लाल डायरी वर्तमान में है या जला दी गई यह भी रहस्य बना हुआ है। 

आखिर राजेंद्र गुड़ा ने लाल डायरी के बारे में मंत्री की बर्खास्तगी के बाद क्यों पोल  खोली। इससे पहले  लाल डायरी की बात तो करते  थे लेकिन क्या कुछ है बताने की तैयार नहीं  थे। अब निश्चित तौर पर लाल डायरी चर्चा में है यह चर्चा आम से खास तक है। अब सवाल यह उठता है कि जिसकी डायरी है और  उन्होंने लाल डायरी में क्या कुछ लिखा है  उसको लेकर चुप्पी क्यों साध रखी है ?  सीएम गहलोत अपनी स्थिति क्लियर करने की  जगह चुप्पी साधे हुए हैं। जैसा राजेंद्र गुढ़ा कहते हैं कि मैंने सीएम गहलोत के लिए बहुत बड़ा काम किया था। लेकिन मिला कुछ भी नहीं। अब उनकी यह बात कोई माने कैसे कि उन्होंने क्या कुछ किया। 

ईडी और आयकर विभाग इस मामले को लेकर कुछ एक्शन ले सकता है। अगर ईडी चाहेगी तो राजेंद्र गुढ़ा को बुलाकर उनके बयान दर्ज  कर सकती है। इस बयान के दर्ज होने के बाद निश्चित तौर पर सीएम गहलोत गहलोत और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौर को बयान लिए जा सकते हैं। लेकिन फ़िलहाल कुछ कहना संभव नहीं है स्थिति गंभीर है और लाल डायरी चर्चा में है।