श्रीगंगानगर:पानी की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन,ADM-SDM को तीन घंटे तक बंधक बनाया

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राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में किसानों ने सिंचाई के लिए पानी की मांग को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने ADM अशोक सांगवा और SDM दीपक चंदन को तीन घंटे तक कार्यालय में बंधक बनाए रखा। किसानों ने कार्यालय के बाहर गेट पर बैरिकेड्स लगाकर अधिकारियों को बाहर निकलने से रोक दिया।

किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो 15 फरवरी को नेशनल हाईवे-911 को कई जगहों पर जाम किया जाएगा। शाम साढ़े सात बजे प्रदर्शनकारी लौटे, जिसके बाद अधिकारी बाहर आ सके।

क्या है किसानों की मांग?

संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान इंदिरा गांधी नहर परियोजना से अतिरिक्त सिंचाई पानी की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर जल्द पानी उपलब्ध नहीं कराया गया तो गेहूं, चना और जौ की फसलें खराब हो जाएंगी।

किसानों की प्रमुख मांगें:

  • 7800 क्यूसेक पानी की आपूर्ति
  • सूरतगढ़ शाखा के किसानों के लिए अतिरिक्त पानी
  • फसल बचाने के लिए समय पर सिंचाई की व्यवस्था

वार्ता विफल, किसानों का आक्रोश बढ़ा

मंगलवार को ADM अशोक सांगवा की अध्यक्षता में किसानों और प्रशासन के बीच पांचवें दौर की बातचीत हुई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। जब इंदिरा गांधी नहर परियोजना के चीफ प्रदीप रस्तोगी ने किसानों की मांग पूरी करने में असमर्थता जताई, तो नाराज किसानों ने SDM कार्यालय के दरवाजे बंद कर दिए और अफसरों को बंधक बना लिया।

स्थिति गंभीर होती देख भारी पुलिस बल तैनात किया गया। किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ने की चेतावनी दी, जिससे प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया।

15 फरवरी को हाईवे जाम करने की चेतावनी

किसान नेता सत्यप्रकाश सियाग ने घोषणा की कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 13 फरवरी को 620 RD पर महापड़ाव होगा और 15 फरवरी को नेशनल हाईवे-911 को कई जगहों पर जाम किया जाएगा। जाम की शुरुआत रामसिंहपुर, अनूपगढ़, रावला, घड़साना, खाजूवाला, श्रीविजयनगर, रावतसर और नौरंगदेसर से की जाएगी।

विधायक का समर्थन, सरकार पर निशाना

धरने में शामिल विधायक शिमला नायक ने भाजपा सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की मांगों को जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है।

अब क्या होगा आगे?

प्रशासन ने अभी तक किसानों की मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है। किसान संगठन अब आंदोलन को और तेज करने की रणनीति बना रहे हैं। यदि सरकार जल्द कोई कदम नहीं उठाती, तो राज्य में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन और सड़क जाम की स्थिति बन सकती है।