राजस्थान विधानसभा में मारपीट,गुढ़ा ने धारीवाल का माइक खींचा:स्पीकर के सामने लाल डायरी लहराई,हंगामा;गुढ़ा और दिलावर सस्पेंड

Jaipur Rajasthan

जयपुर:-बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के पहुंचते ही राजस्थान विधानसभा में आज जमकर हंगामा हुआ। गुढ़ा लाल डायरी लेकर पहुंचे, स्पीकर के सामने वो डायरी लहराने लगे। गुढ़ा यहीं तक नहीं रुके, उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल का माइक नीचे कर दिया।

दिनभर चले हंगामे के बाद धारीवाल ने गुढ़ा और भाजपा विधायक मदन दिलावर को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने पारित कर दिया। गुढ़ा और दिलावर को विधानसभा की बची हुई अवधि के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया । अब वे विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे। उन्हें विधायक के तौर पर मिलने वाली सुविधाएं भी फ्रीज रहेंगी।

दरअसल, धारीवाल गुढ़ा को सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव रख रहे थे। दोनों में तकरार बढ़ने पर कांग्रेस विधायक रफीक खान बीच में आ गए। इस बीच, रफीक और गुढ़ा के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई हो गई।

इसके बाद स्पीकर ने गुढ़ा को सदन से बाहर निकालने के आदेश दिए और मार्शल बुलाकर उन्हें सदन से निकलवा दिया। वहीं, गुढ़ा ने कहा कि पहले सीएम साहब ने रसगुल्ले दिए थे, आज घूंसे मार दिए।

सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए गुढ़ा रो पड़े। कहा- सदन में उन्हें बोलने नहीं दिया गया। कांग्रेसी मंत्रियों-विधायकों ने मारपीट की, धक्का दिया और घसीटकर बाहर निकाला है। इस पर स्पीकर सीपी जोशी को विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

हंगामे के बीच तीन विधेयक पारित
दोपहर दो बजे बाद दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो सारे घटनाक्रम को लेकर विपक्ष ने हंगामा कर दिया। बीजेपी विधायक वेल में आ गए और लाल डायरियां लहराने लगे। थोड़ी देर तक हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही जारी रही।

इस बीच, शोर-शराबा बढ़ने पर एक घंटे के लिए दोबारा रोक दी गई। विधानसभा की कार्यवाही साढ़े तीन बजे फिर शुरू हुई तो हंगामा जारी रहा। इस बीच तीसरी बार कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। वहीं, हंगामे के बीच विधानसभा में तीन बिल पारित हुए।

दिलावर को सदन से निकालने के आदेश, बीजेपी विधायक धरने पर बैठे दोपहर 3.24 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही सदन में बीजेपी विधायकों ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। वेल में आकर बीजेपी विधायकों ने नारेबाजी की। हंगामे के बीच ही मंत्री शांति धारीवाल ने मणिपुर हिंसा को लेकर शासकीय संकल्प पेश किया।

स्पीकर ने हंगामा करने और कागज फेंकने पर बीजेपी विधायक मदन दिलावर को सदन से निकालने को कहा। इस आदेश के बाद बीजेपी विधायक दिलावर को घेरकर नारेबाजी करने लगे। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने आधे घंटे के लिए फिर सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। बीजेपी विधायक वेल में आकर धरने पर बैठ गए। सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो बीजेपी विधायक हंगामा करते रहे। स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 2 अगस्त 11 बजे तक स्थगित कर दी।

गुढ़ा की स्पीकर से नोक-झोंक, लाल डायरी लहराते रहे
इससे पहले जब राजेंद्र गुढ़ा लाल डायरी लेकर स्पीकर सीपी जोशी के सामने पहुंचे तो उन्होंने गुढ़ा से चैंबर में मिलने को कहा और वहां से तत्काल चले जाने को कहा, लेकिन गुढ़ा स्पीकर के आसन के सामने लगातार लाल डायरी लहराते रहे।

गुढ़ा की स्पीकर से नोक-झोंक होती रही। स्पीकर ने गुढ़ा को सदन से बाहर निकालने तक की चेतावनी दी, वह फिर भी नहीं माने। काफी देर बाद गुढ़ा स्पीकर के सामने से हटे और संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के सामने पहुंचकर उनका माइक खींचकर नीचे कर दिया। इसके बाद मार्शलों ने गुढ़ा को सदन से बाहर निकाल दिया।

गुढ़ा बोले- कांग्रेस के मंत्री-विधायक बलात्कारी, इनका नार्को टेस्ट करवाएं
गुढ़ा ने कहा- इस प्रदेश की हर बहन-बेटी मेरी बहन-बेटियां हैं। मैं उन्हें अपनी बहन से भी बढ़कर मानता हूं। मैं महाराव शेखाजी का वंशज हूं, जिनकी तीन पीढ़ियों ने महिला सम्मान के लिए सब कुछ कुर्बान कर दिया। कांग्रेस के मंत्री और विधायक बलात्कारी हैं। मंत्री-विधायकों का नार्को टेस्ट करवाना चाहिए। इनमें से बहुत-से बलात्कारी हैं।

नेता प्रतिपक्ष राठौड़ बोले- गुढ़ा को लाल डायरी सदन में नहीं रखने दी
इस घटनाक्रम पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा- कांग्रेस विधायकों ने जिस तरह मारपीट की है, वह निंदनीय है। सैनिक कल्याण मंत्री रहे गुढ़ा लाल डायरी लेकर आए थे। वह राज खोलना चाहते थे। आज सदन में मैंने भी लाल डायरी का मुद्दा उठाया था। गुढ़ा को बोलने नहीं दिया गया।

मार्शलों के जरिए उनके साथ मारपीट की गई। अपने ही विधायक पर कांग्रेस के विधायक जिस तरह टूट पड़े, वह शर्मनाक है। जब तक लाल डायरी का राज नहीं खुलेगा, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। सदन साक्षी था गुढ़ा ने हाथापाई नहीं की। गुढ़ा ने कहा कि मुझे बोलने दीजिए। रफीक खान ने गुढ़ा पर हमला किया।

यह है पूरा मामला
ग्रामीण विकास मंत्री रहते हुए गुढ़ा ने राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ वारदातों, अत्याचारों को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में बहस के दौरान अपनी सरकार को घेरा था। कहा कि मणिपुर के बजाय कांग्रेस सरकार को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।

सदन में हुई किरकिरी के बाद सरकार और पार्टी दोनों स्तर पर एक्शन शुरू हुआ और गुढ़ा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्तगी के बाद गुढ़ा ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए और कहा कि वह सोमवार को सदन में बड़े खुलासे करेंगे। उसी के तहत आज वह लाल डायरी लेकर विधानसभा कार्यवाही में पहुंचे थे।