महाकाल के आंगन में सबसे पहले जली होली:यहां बिना मुहूर्त होलिका दहन की परंपरा; इंदौर के राजबाड़ा पर राजसी ठाट-बाट से होली जली

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मध्यप्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में सोमवार शाम होलिका दहन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। महाकाल मंदिर परिसर में बिना मुहूर्त होलिका दहन की परंपरा है। शाम को भगवान महाकाल की आरती के बाद होली जलाई जाती है। इससे पहले भक्तों ने भगवान महाकाल के साथ जमकर होली खेली। मंदिर में जमकर रंग-गुलाल उड़ाया गया। सुबह 40 क्विंटल फूल अर्पित कर होली खेली गई। इधर इंदौर में राजबाड़ा और ग्वालियर में सनातन धर्म मंदिर पर होली जलाई गई। भोपाल, जबलपुर में 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। रंग 8 मार्च को खेला जाएगा।

ऐसा इसलिए, क्योंकि पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका पूजन की मान्यता है। पूर्णिमा 6 और 7 मार्च दोनों दिन है। 28 साल पहले 26 मार्च 1994 को ऐसा ही हुआ था। तब भी पूर्णिमा तिथि दो दिन थी और सूर्यास्त के बाद शुरू होकर अगले दिन सूर्यास्त से पहले खत्म हो गई थी।

इंदौर में राजबाड़ा पर जली सरकारी होली

इंदौर में सरकारी होलिका का दहन राजबाड़ा पर किया गया। होलकर राजवंश के श्रीमंत शिवाजी राव ( रिचर्ड) होलकर द्वितीय ने शाम 6.30 बजे होलिका का पूजन किया। जिसके बाद शाम 7 बजे होलिका दहन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग यहां मौजूद रहे। होलिका दहन के बाद महिलाओं ने भी होलिका का पूजन किया।

सरकारी होलिका दहन की पूरी तैयारी राजबाड़ा में स्थित मल्हारी मार्तंड मंदिर के पुजारी पं. लीलाधर वारकर ने की। राजबाड़ा पर सरकारी होलिका दहन की परंपरा कई सालों पुरानी है, जो लगातार जारी है। इस साल भी इस परंपरा का निर्वहन किया गया। परंपरानुसार होलकर राजवंश के महाराज ने होलिका का पूजन और फिर होलिका दहन किया। इसके बाद उन्होंने मल्हारी मार्तंड मंदिर में भगवान का पूजन-अर्चन कर चांदी की पिचकारी से देवी अहिल्या बाई होलकर की गादी पर रंग गुलाल डाला।

उज्जैन में महाकाल के आंगन में उड़ा रंग-गुलाल

उज्जैन में सबसे पहले होली का त्योहार मनाया जाता है। सोमवार को संध्या कालीन आरती के बाद पुजारियों ने बाबा महाकाल के साथ गुलाल और फूलों से होली खेली। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी भगवान के साथ होली खेलने पहुंचे थे। आरती के दौरान पूरा मंदिर परिसर गुलाल और रंगों से रंग गया। इस नजारे को देखने के लिए श्रद्धालु प्रति वर्ष उज्जैन पंहुचते हैं। शाम को होलिका दहन भी किया गया।

महाकाल मंदिर में सोमवार शाम सांध्य आरती के दौरान पुजारियों और श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के साथ होली खेली। बड़े उत्साह के साथ भक्तों ने होली खेली और एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली पर्व की शुभकामनाएं दी। आरती में मंदिर परिसर बाबा महाकाल के जयकारों से गूंज उठा।